उत्तर प्रति-उत्तर का दौर तो चलता ही रहता है। …
मैंने डॉ साहब (डॉ कुमार विश्वास) से एक बात बोली थी उसे एक प्रश्न या एक सुझाव भी माना जा सकता है हालाँकि मै एक बार फिर कहता हूँ कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार सबको है इसीलिए मै भी अपने विचारो को प्रस्तुत करने में और उसको सम्बंधित व्यक्ति तक पहुचाने में ज्यादा विलम्भ नहीं करता हू |
मुझे अपने उस प्रश्न का उत्तर आज डॉ साहब के द्वारा किये गए पोस्ट से मिला जिसमे डॉ साहब अपनी तुलना दिनकर जी और अटल जी से करते हुवे प्रतीत हो रहे थे ( उसकी फोटो संलग्न है ) |
उनके उत्तर को पा कर मै अपने आप को धन्य महसूस कर रहा हू और एक बार फिर धन्य होने का अवसर प्राप्त करने के लिए मेरे मन में पुनः कुछ प्रश्न आ रहे हैं |
डॉ साहब ने कहा कि अटल जी भी तो कविता लिखते थे और करते भी थे मै पूछना चाहता हू कि क्या वो विभिन्न जगहों पर कविताये करते नज़र आते थे क्या ??? वो तो राजनीति करते थे और कविताये सुनाते थे उसे केवल दूसरो तक पहुचाने के लिए न की उसे व्यवसायिक तरीके से इस्तेमाल करने के लिए |
वैसे दो नावों पे चढ़ने की कहानी बहुत पुरानी है और आप तो सर काफी समझदार हैं |
उम्मीद करता हू मुझे पुनः प्रश्न करने का अवसर मिलेगा