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कुर्बानी

11 जुलाई 2023

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 दुर्घटना, घोटाले, बलात्कार जैसे हादसे हमारे देश में अनंत काल से
होते आए हैं। जब भी कोई बड़ा हादसा जनता या
मीडिया की नजर में आता है तो उस पर खूब हाय-तौबा और विधवा-विलाप करने में कोई भी
कसर नहीं छोड़ना चाहता। वहीं शासन की तरफ से जांच होती है पर निष्पक्ष जांच कराने
और उसके परिणामों को सार्वजनिक करने की हिम्मत सरकार अक्सर दिखा नहीं पाती और फिर
लीपा-पोती करना शुरू कर देती है।  

कोई भी बड़ी घटना अचानक से यूं ही नहीं हो जाती। बहुत से लोग एक साथ
कदमताल करते हुए उसे अंजाम तक पहुंचाते हैं और इसमे समय लगता है। अगर इन कोशिशों
का परिणाम सुखद होता है तो उत्सव मनाया जाता है और उसका श्रेय लेने के लिए होड़ भी
लगती है। परंतु यदि परिणाम घातक या दुखदायी होता है तो सब उससे किनारा कर लेना
चाहते हैं। ऐसे में हर कोई एक ऐसे व्यक्ति को खोजता है जिस पर सारा इल्जाम डाल कर
खुद को पाक-साफ साबित किया जा सके। इस इठीती में हर किसी के हाथ में एक फांसी का
फंदा होता है और जिसकी गर्दन में वह फंदा फिट बैठता सा लगता है उसे ही मारना पड़ता है, जिससे बाकी के और सब लोग जो इस
दुर्घटना के लिए जिम्मेदार है वे चैन से जी सकें।  

विजय माल्या ने जब कथिथ हेरा-फेरी की तो क्या उन सब घटनाओं के लिए वह
अकेला ही जिम्मेदार था? क्या बैंक के वह
अधिकारी जिन्होंने नियमों को ताक पर रख कर उसे कर्ज उपलब्ध कराया या फिर वे
प्रभावशाली व्यक्ति जिन्होंने अपने प्रभाव या शक्ति का उपयोग कर उन कर्मचारियों को
ऐसा करने के लिए मजबूर किया इस कृत्य के लिए समान रूप से जिम्मेदार नहीं हैं। पर
हमें तो बस एक जीव की सांकेतिक कुर्बानी देकर देवताओं को प्रसन्न करने की आदत है।
इस जीव हत्या के बाद मामला सुलझा हुआ मान लिया जाता है और यह भी मान लिया जाता है
कि इस सजा देने से और सब लोग जो इस तरह का अपराध करने की सोच रहे होंगे उनकी
हिम्मत टूट जाएगी। पर उनका क्या जिन्होंने सिर्फ सोच ही नहीं बल्कि अपराध के
सहभागी रहे पर सजा से बच गए? उनकी हिम्मत दुगनी हो जाती है और वे आगे भी अपराध
करने से नहीं चूकते। 

दशहरे के दिन रावण को जला कर और फिल्म में नायक द्वारा खलनायक को
समाप्त कर देने पर हम इस धोखे में आ जाते हैं कि ऐसा करने से सारी बुरायी का भी
खात्मा हो गया। पर बुरायी भला कहाँ खत्म होती है? वह तो हर युग में खूब फलती फूलती
है और तरह- तरह के रूप रख कर बार-बार प्रकट होती है।   

लेफ्टिनेंट कर्नल दीपक दीक्षित (से. नि.) की अन्य किताबें

मीनू द्विवेदी वैदेही

मीनू द्विवेदी वैदेही

बहुत सुंदर लिखा है आपने सर 👌 आप मुझे फालो करके मेरी कहानी पर अपनी समीक्षा जरूर दें 🙏

10 सितम्बर 2023

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