shabd-logo

common.aboutWriter

शिक्षा से अभियंता (धन्यवाद-आई.आई.टी.रुड़की), प्रशिक्षण से सैनिक (धन्यवाद- भारतीय सेना),स्वभावसे आध्यात्मिक और पढ़ाकू हूँ। पढ़ने के शौक ने धीरे-धीरे लिखने की आदत लगा दी। पिछले कुछ वर्षों से लेखन कार्य में व्यस्त हूँ। अब तक तीन पुस्तक व एक दर्जन साँझा-संकलन प्रकाशित हुए हैं। प्रसिद्ध पत्र-पत्रिकाओं, पुस्तकों तथा वेबसाइट में 150 से अधिक रचनाओं (लेख, कहानी, कविता और शोध-पत्र आदि) का प्रकाशन हुआ है। साहित्य के अनेक संस्थान में सक्रिय सहभागिता है। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की कई गोष्ठियों में भाग लिया है तथाकविता/आलेख/शोध-पत्र वाचन किया है। दस से अधिक साहित्यिक मंचों द्वारा पुरस्कृत / सम्मानित किया जा चुका है।

no-certificate
common.noAwardFound

common.books_of

इन्द्रधनुष

इन्द्रधनुष

आम लोगों की जिंदगी की तरह तरह के रंग बिखेरती हुयी कहानियाँ जो कभी आपको हँसाएगी , कभी आपकी आँखें नम कर देंगी और कभी सोचने पर मजबूर कर देंगी। भावनाओं की कशमकश , विचारों की उथल पुथल में झूलते पात्रों से मिल कर लगेगा कि उसे आपने जरूर कभी न कभी अपने आस

निःशुल्क

इन्द्रधनुष

इन्द्रधनुष

आम लोगों की जिंदगी की तरह तरह के रंग बिखेरती हुयी कहानियाँ जो कभी आपको हँसाएगी , कभी आपकी आँखें नम कर देंगी और कभी सोचने पर मजबूर कर देंगी। भावनाओं की कशमकश , विचारों की उथल पुथल में झूलते पात्रों से मिल कर लगेगा कि उसे आपने जरूर कभी न कभी अपने आस

निःशुल्क

चक्रव्यूह

चक्रव्यूह

अपने कालेज के दिनों में मैं अपनी सनक, हालात और घटनाओं का शिकार होकर एक चक्रव्यूह में फंस गया था जिससे निकालना उस समय असंभव सा लगता था। पर परिस्थितियों की समीक्षा और विश्लेषण करके, दृढ़ताऔर आत्मविश्वास के सहारे छोटे-छोटे कदम बढ़ कर मैं ऐसी स्थिति से उबर

34 common.readCount
35 common.articles
common.personBought

ईबुक:

₹ 27/-

प्रिंट बुक:

179/-

चक्रव्यूह

चक्रव्यूह

अपने कालेज के दिनों में मैं अपनी सनक, हालात और घटनाओं का शिकार होकर एक चक्रव्यूह में फंस गया था जिससे निकालना उस समय असंभव सा लगता था। पर परिस्थितियों की समीक्षा और विश्लेषण करके, दृढ़ताऔर आत्मविश्वास के सहारे छोटे-छोटे कदम बढ़ कर मैं ऐसी स्थिति से उबर

34 common.readCount
35 common.articles
common.personBought

ईबुक:

₹ 27/-

प्रिंट बुक:

179/-

common.kelekh

हिसाब किताब

3 अक्टूबर 2023
2
0

घर में कल शाम से ही बबाल मचा हुआ था। शाम को सुधा की शादी में जाना था और लेन देन की डायरी कहीं मिल ही नहीं रही थी। इस डायरी में इस बात का हिसाब किताब रखा जाता था कि किसने हमारे घर में हुए किसी समारोह म

नमूने

3 अक्टूबर 2023
0
0

मेरे एक मित्र के सर पर गिनती के पांच बाल हैं। यह कोई अतिशयोक्ति नहीं हैं बल्कि बिलकुल सत्य वचन हैं । आप चाहें तो गिन भी सकते हैं। पर मजाल हैं की कोई उनको सामने आकर गंजा कह जाये। वो पहले तो अविश्वास से

आँख वाले तो देख लेते

3 अक्टूबर 2023
0
0

कई साल पहले की बात है ,मेरे ग्यारह वर्षीय पुत्र ने गिटार सीखने की इच्छा जाहिर की थी। मेरे घर के पास ही एक संस्थान था जहाँ बच्चों को गिटार सीखने का प्रशिक्षण दिया जाता था, अत: मैंने अपने बेटे का दाखिला

किरायेदार

3 अक्टूबर 2023
1
0

गुप्ताजी का आज का व्यवहार अप्रत्याशित था । पिछले बारह वर्षों से मैं उनका किरायेदार था पर हम दोनों के परिवारों के बीच इतना आना-जाना था कि लोग उन्हें हमारा रिश्तेदार ही समझते थे। घर में कोई उत्सव हो या

ये कैसी भीड़ ?

3 अक्टूबर 2023
0
0

 उस दिन से पहले मैं भगवान् से हमेशा मन्नत माँगता था कि मेरे खोमचे पर भी खूब भीड़ हो.  वैसी ही भीड़ जैसी नंदू और राधे के खोमचों पर अक्सर हुआ करती है. इसी भीड़ के दम पर वो लोग अक्सर मेरा मजाक भी उड़ाया करत

सारी दुनिया को बेच डालूँगा

3 अक्टूबर 2023
1
0

 बेचनलाल जी बचपन के मित्र है। तीन साल पहले तक सैकिंड-हैण्डखटारास्कूटर को घसीटते घूमते थे। अब न जाने कैसे उनका कायापलट हो गया है। पांच गाड़ियों और दो फ्लैट के साथ आलीशान आफिस है। बड़ा काम हैऔर नाम भी।

विदेशी मेहमान

3 अक्टूबर 2023
0
0

 जमुनादास की चाय तो कुछ खास नहीं थी पर उसकी छोटी सी दुकान पर जमीं रहने वाली भीड़ शायद उसकी लच्छेदार बातों के दम पर ही जुटा करती थी। हर बात वो इतने विश्वास के साथ कहता था कि मानों उसके आँखों के सामने घ

लौटा बचपन

3 अक्टूबर 2023
1
0

 "खुशबू,मैं नीचे टहलने जा रहा हूँ, तुम भी चलोगी क्या?" मैंने सोफे से उठते हुए पूछा।   इससे पहले कि खुशबू कोई जबाब देती,माया ने उसे आंखें दिखते हुए कहा,“खुशबू को अभी होम-वर्क पूरा करना है,आप जाइये।“ 

नयी ट्रक

3 अक्टूबर 2023
1
0

हमारे यूनिट में एक बार एक प्रख्यात कंपनी की दो दर्जन ट्रक ट्रायल की लिए आईं। ये उस समय की देश की आधुनिकतम ट्रक थीं जिसमे‘आटोमेटिकगियर’ लगे थे। इस ट्रायलके आधार पर ही उस कंपनी को फौज से एक बड़ा आर्डर मि

फर्जी अफसर

3 अक्टूबर 2023
2
0

एक बार मेरा भतीजा अपने मित्र का फौज की वर्दी में एक फोटो लेकर आया और बोला कि चाचा यह भी फौज में अफसर बन गया है। मैंने कुछ पल तक उस फोटो को देखा और कहा,"तुम्हारा दोस्त तुमसे कोई मज़ाक कर रहा है, यह आदम

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए