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क्या है आजादी और कौन हैं राष्ट्रवादी ( कविता)

7 मार्च 2016

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आजादी से पहले विचार करो 

देशभक्त बनने की होङ नहीं थी 

राष्ट्रवादी कहलाने की जोर नहीं थी, 

अगर ऐसा होता तो सोचों 

सब के सब देशभक्त बने बैठे होते 

किसी कहीं कोने में बस रट लगाएँ 

हम हैं राष्ट्रभक्त, हम हैं राष्ट्र के भक्त, 

और आजाद ना होते अभी तक 

तो फिर ना कोई अधिकार 

ना ही कोई राष्ट्रीय त्योहार, 

तो फिर सोचों क्या होता 

ना बोलने की मिलती आजादी 

बस होती राष्ट्रीय बर्बादी 

राष्ट्रवाद के लिए पिटते छाती 

राष्ट्र के नाम पर बनाते थाथी 

क्योंकि सब तो नाम के लिए मरते 

तो फिर गुलाम जंजीर से कैसे लङते, 

पर जो लङे - लूटे दिए बलिदान 

वो राष्ट्रभक्ति का नहीं लिए प्रमाण 

क्योंकि उनको प्यारी थी आजादी 

देश - प्रदेश और भारत के खेत का

मन में अग्न नहीं था द्वेष का

क्योंकि कोई धर्म नहीं था राष्ट्रप्रेम का 

तब जाकर मिला है लोकतंत्र का अधिकार 

और संवैधानिक पूर्ण यह संसार, 

सिर्फ़ बोलना भर नहीं है मानवतावादी 

अब विचार कर लो स्वतंत्रता के बाद भी 

क्या है आजादी और कौन हैं राष्ट्रवादी.

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Raviranveera
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क्या है आजादी और कौन हैं राष्ट्रवादी ( कविता)

7 मार्च 2016
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आजादी से पहले विचार करो देशभक्त बनने की होङ नहीं थी राष्ट्रवादी कहलाने की जोर नहीं थी, अगर ऐसा होता तो सोचों सब के सब देशभक्त बने बैठे होते किसी कहीं कोने में बस रट लगाएँ हम हैं राष्ट्रभक्त, हम हैं राष्ट्र के भक्त, और आजाद ना होते अभी तक तो फिर ना कोई अधिकार ना ही कोई राष्ट्रीय त्योहार, तो फिर सोचों

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मैं जननी हूँ(कविता)

10 मार्च 2016
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गूँगे की गूंज

10 मार्च 2016
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