रवि कुमार गुप्ता
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विचारों से ही इन्सान की पहचान होती हैं . (पत्रकार, लेखक और कवि ).
कलमवार से: लोकतांत्रिक लॉलीपॉप,'हम बने तुम बने वोट देने के लिए'-
26 जनवरी 2017
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कलमवार से: अमेरिकन स्टार का दिल हिंदुस्तानी, 2017 का भारतीय विवेक-
11 जनवरी 2017
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इस ठण्ड के लिए आग कब जलाओगी?
8 जनवरी 2017
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कलमवार से :: बैंककर्मियों के लिए नोटबंदी बना 'पाइल्स', दर्द किसे बताएं-
6 जनवरी 2017
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महिलाओं को ' हिलाओं ' बनाने में भी पुरुषों का हाथ
4 जनवरी 2017
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कलमवार से :: डॉक्टर के इंतजार में मरीज का अंतकाल (व्यंग्य )
3 जनवरी 2017
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इस साल नोटबंदी बना मज़ाक, आप भी जानिए पर जूता मत मारीयेगा प्लीज
30 दिसम्बर 2016
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कलमवार से :: लंगोट का ढीलापन बीवी जानकर छुपा लेती हैं पर अपने अंडरमन की नपुंसकता बाजार में काहे बेच रहे हो!
29 दिसम्बर 2016
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बातें रात की : वो झींगुरों की बातें -
27 दिसम्बर 2016
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वाकई गधा गधा है!
25 दिसम्बर 2016
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