क्या है आजादी और कौन हैं राष्ट्रवादी ( कविता)
आजादी से पहले विचार करो देशभक्त बनने की होङ नहीं थी राष्ट्रवादी कहलाने की जोर नहीं थी, अगर ऐसा होता तो सोचों सब के सब देशभक्त बने बैठे होते किसी कहीं कोने में बस रट लगाएँ हम हैं राष्ट्रभक्त, हम हैं राष्ट्र के भक्त, और आजाद ना होते अभी तक तो फिर ना कोई अधिकार ना ही कोई राष्ट्रीय त्योहार, तो फिर सोचों