शायद यही इश्क़ है
शायद यही इश्क़ है, शायद यही प्यार हैजब एक अंजाना अपना लगता हैफिर ख़ूबसूरत हर सपना लगता हैवो इक नाम शाम सवेरे जपना लगता हैशायद यही इश्क़ हैशायद यही प्यार हैजब दिल तेज़ धड़कता हैइक नज़र दीद को तरसता हैहो दीदार, तो ख़ुशियो का सावन बरसता हैशायद यही इश्क़ है शायद यही प्यार हैहै म‘आलूम कि वो तेरा हो सकता