मुझे कविता लिखने का बड़ा ही शौक है
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मैं पगला- पागल रहता हूं मैं तुझमें खोया रहता हूं तू आके मुझसे मिल सही मैं उलझा- उलझा रहता हूं तू मेरा ही सहारा है तू मेरा ही किनारा है मैं तुझसे जुड़कर ओर सनम खुद को ही बांधे रहता हूं दिल
मैंने खुद को भुला दिया तेरे खातिर मैंने सब कुछ गंवा दिया तेरे खातिर अब तू कहता है कि मैं बेवफा हो गया हूं जरा आईने में देख खुद को मैं सिर्फ तेरा हूं तेरे खातिर लवविवेक मौर्या उर्फ हेमू