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मैं पागल पागल रहता हूं

9 मई 2024

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मैं पगला- पागल रहता हूं

मैं तुझमें खोया रहता हूं

तू आके मुझसे मिल सही

मैं उलझा- उलझा रहता हूं


तू मेरा ही सहारा है

तू मेरा ही किनारा है

मैं तुझसे जुड़कर ओर सनम

खुद को ही बांधे रहता हूं


दिल में हैं लाखों अरमान मेरे

उठते हैं पल - पल तूफान बड़े

मेरे दिल में है जो तस्वीर तेरी

उसको ही पूजा करता हूं


पाना तुझको है मुश्किल बहुत

खोने में भी दुश्वारी है

मैं जीना चाहूं तेरे संग

पर जीने में लाचारी है

अब तेरा साथ पाने को

उस रब से मांगा करता हूं

लवविवेक मौर्या उर्फ हेमू

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मीनू द्विवेदी वैदेही

मीनू द्विवेदी वैदेही

बेहद खूबसूरत लिखा है आपने सर 👌 आप मेरी कहानी प्रतिउतर और प्यार का प्रतिशोध पर अपनी समीक्षा और लाइक जरूर करें 🙏🙏

10 मई 2024

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