आजादी दशक पर दशक बीत गये विकसित कितना हो पाये? लोकतंत्रीय गणराज्य में गण कितना स्वाधीन हो पाये? कागजों में अंकित वृद्धोत्तरी कितनी आह्लाद या खुशी देती? फन फैलाये बैठी सत्ता लोलुपता क्षुद्र स्वार्थों में वशीभूत हो अखंड देश को खंडित करने गौण मानसिकता उत्तरदायी नहीं? प्रतिवर्ष राष्ट्र पर्व पर परंपराग
दोस्ती बचपन की यादों का अटूट बंधन बिना लेनदेन के चलने वाला खूबसूरत रिश्तों का अद्वितीय बंधन एक ढर्रे पर चलने वाली जिंदगी में नई नई सोच से रूबरू करवाया अर्थ हीन जीवन को अर्थपूर्ण बनाया जीने का एक अलग अंदाज सिखाया निराशा में राहत, कठिनाई में पथप्रदर्शक बन सफलता का सच्चा रास्ता दिखाया ऐसे थे और हैं मे