16 अगस्त 2018 पूर्व स्वर्गीय प्रधान मंत्री अटल बिहारी बाजपेयी जीको ‘भाव भीनी श्रद्धांजली’ डॉ शोभा भारद्वाज स्वर्गीय प्रथम प्रधानमंत्री श्री जवाहर लाल नेहरू ने संसद में अटल जी के पहले भाषण पर अपनी प्रतिक्रियादेते हुए कहा था एक दिन अटल देश के प्रधान मंत्री पद पर पहुंचेगे |श्री अटल जी एक ऐसे प्रधा
हर बार पत्नी की हा में हा मिलाना सही नही है एक बार पत्नी बोली मुजे कामवाली बाई की बहूत याद आ रही है क्योकी में थक गई हू काम करके 😫। तब पति अखबार पढ़ रहा था और उसका ध्यान नही था 🙄। वो हर बार की की तरह हा मिला दी और बोला मु जे भी बहुत याद आ रही । तब पत्नी को गुसा आया 😡 और बरतन मार उथाके फेका पति की
संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही ठप करना क्या देश हित में है ? डॉ शोभा भारद्वाज विश्व का सबसे बड़ा परिपक्व प्रजातंत्र सदन का यह हाल ?कितने दिन बीत गये गये टैक्स पेयर के धन की बर्बादी देश देख रहा हैं अध्यक्ष कुर्सी पर बैठते हैं सदन की कार्यवाही शुरू होती है . सत्ता पक्ष और विपक्ष अपनी कुर्सियों पर क
एक दिन डेली अखबार डानमें खबर आई काल गर्ल का इंटरनेशल रैकेट पकड़ में आया है जिसमें कई लड़कियां हैंजिनसे जिस्म फरोशी का धंधा करवाया जाता है| पुलिस लाइन से फोन आया आप चाहें तोदोनों भाई आकर देख लें शायद आपको आपकी बेटी मिल जाये खबर मिलते ही दोनों भाई औरभाभी पुलिस लाइन पहुंचे बड़े हाल में कई लडकियाँ बैठी थीं
नाज मेरी बच्ची डॉ शोभा भारद्वाज यह किस्सा वर्षों सेमेरे जेहन में छाया हुआ था यह किस्सा मेरी पाकिस्तान की पठान मित्र ने सुनाया था जिसे आजतक मैं भूल नहीं सकी वह आर्मी में डाक्टर थे रैंक कर्नल का था उनकी ख़ूबसूरत पत्नी नाम शहनाज था ऊपर वाले का दिया सब कुछथा लेकिन औलाद के लिए दोनों तरसते थे उम्र बढ़ती जा
दो सोने की दीनारें डॉ शोभा भारद्वाज सोमदत्त जी के मित्र अखबार में उनकी शादी केविज्ञापन के लिए उचित शब्द ढूंढ रहे थे लेकिन सोमदत्त जी की शर्त थी महिला ज़िंदादिल एवं हंस मुख होनी चाहिए, कई महिलाओं ने सम्पर्क किया सोमदत्त जी मिलने भी गयेसभी ब
ईरान के नयेराष्ट्रपति इब्राहीम रईसी कट्टरपंथियों की पसंद है डॉ शोभा भारद्वाज ईरानीक्रान्ति राजशाही के खिलाफ जन क्रान्ति थी जिसमें स्टूडेंट्स ने बढ़ चढ़ कर हिस्सालिया था लेकिन धर्म के नाम पर सत्ता पर मौलानाओ ने पूरी तरह कब्जा कर इस्लामिकगणराज्य की स्थापना की .ईरान के बाशिंदे कहते थे मुल्लाओं ने
हिंदी पत्रकारिता के दिवस पर हिंदी के महत्व पर प्रकाश डालती श्री मती मनीषा राम रक्खा की कविता ,इन्होने फिजी वासी ,भारतवंशियों को हिंदी का महत्व समझाने , हिंदी लिखने पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया एवं हिंदी साहित्य के शिक्षण का महत्व पूर्ण कार्य किया आज भी वह हिंदी विकास के लिए निरंतर प्रयत्न शील हैं
मेरी माँ डॉ शोभा भारद्वाज मेरी माँ 90 वर्ष पूरे कर चुकी हैं हम भारतीय के लिए हर दिन माँ पिता के सम्मान का दिन है हाँ आज विश्व मदर्स डे है . कुछ समय से मेरी अम्मा के हाथ में हर वक्त गीता रहती हैं गीता की हर टीका वह पढ़ चुकी हैं तुलसी कृत राम चरित्र मानस का सुंदर काण्ड का पाठ रोज करती हैं कहती हैं मैं
बल बुद्धि विद्या निधान श्री हनुमान (हनुमान जयंती के उपलक्ष में )डॉ शोभा भारद्वाज ब्रम्हा सृष्टि का निरंतरनिर्माण कर रहे थे सृष्टि निर्माण से लेकर अब तक जीवन कोचलाने वाली वायू प्राणियों के जीवन का आधार है इससे जीवधारी हवा में साँस लेते हैवृक्ष एवं पेड़ पौधे वायु को शुद्ध करते हैं .मंद पवन बह रही थीक
भय प्रगट कृपाला दीन दयाला डॉ शोभा भारद्वाज ब्रम्हा के पुत्र महर्षि पुलस्त्य कुल में जन्मा रावण ऋषि विश्वश्रवा एवं उनकी दूसरी पत्नी कैकसी की सन्तान था यह तीन भाई रावण कुम्भकर्ण , विभीषण बहन का नाम स्रूपनखा था चारो ने वन में जाकर कठोर तप किया रावण ने अग्नि कुंड में अपने हाथ से सिर काट कर आहुति दे द
आई एम आल्सो ए डाक्टर डॉ शोभा भारद्वाज न्यूज चैनलों पर कोरोनाकी खबरे सुनना मेरी आदत बन गयी है . सिंगापुर में बेटी का फोन आया माँ पापा अपनाध्यान रखना कोशिश करना घर से बाहर न निकलना पड़े कोरोना में भर्ती मरीज का साथी केवलमोबाईल होता है .चिंता मुम्बई में रहनेवाले बेटे की थी . उच्च पदासीन बेटा वैसे घर
फटी जींस फैशन या बाजारवाद की देन डॉ शोभा भारद्वाज मेरा लड़का बड़ी पोस्ट पर समझ लीजिये बॉस था रोज फार्मल पहनताथा शुक्र वार को पहनने के लिए इकलोती जींस थी रगड़- रगड़ कर धोने से रंग भी उड़ गयाघिस भी गयी इसके अंडर में काम करने वाली लड़कियों में चर्चा चली सर की जींस बहुतसैक्सी हैं उसके सहायक ने कहा अरे कहा शुक
पर्शियन समाज को नौरोज की शुभकामनायेंडॉ शोभा भारद्वाज पर्शियन संस्कृति में नव वर्ष (नौरोज) सोलर हिजरी कलंडर के अनुसार बहार (बसंत) का पहला दिन है .21 मार्च को नौरोज ईरान ,टर्की ,सीरिया इराक ,एवं खुर्द समाज में धूमधाम से मनाया जाता है ,पर्व में होली का उल्लास चैत्र मास के नवरात्रों ,बैसाखी एवं ईस्टर
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सबसे पहले हम बात करेंगे बच्चों को दी जाने वाली शिक्षा और संस्कार के बारे में। जैसा कि हम सब जानते ही हैं कि बच्चे का पहला स्कूल उसका घर होता है । वो अपने बड़ों को देखता है और उन्हीं से सीखता है। जो भी परिवार के लोग उसे बताते हैं दुनिया के बारे में वह उसी को सच मानकर चलता है और उसी के आधार पर व्यवहार
बिचित्र अहसास डॉ शोभा भारद्वाज जीवन में कई बार बेहद रोमांचक घटित होता है . ईरान के खुर्दिस्तान प्रांत की राजधानी सन्नंदाज के आखिरी छोर के अस्पताल में मेरे पति डाक्टर एवं इंचार्ज थे बेहद ख़ूबसूरत घाटी थी .उन दिनों वहाँ ईरान इराक में युद्ध चलता रहता था ,कभी रुक जाता फि
किसान आन्दोलन बनाम महत्वकांक्षा डॉ शोभा भारद्वाज देश को आजादी मिली लेकिन आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी राशन में लाल या सफेद गेहूं ( चोकर जैसा ) वह भी लंबी कतारों में लग कर मिलता था यह गेहूं अमेरिका और कनाडा से आता .1962 एवं 1965 में भारत को दो युद्ध पहला चीन के साथ दूस
स्यापा ( मातम ) क्या अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रताहै ? डॉ शोभा भारद्वाज किस्सा पंजाब का है,पहले किसी सम्मानित वृद्ध की मृत्यू होती थी अपना वैभव व दुःख दिखाने के लिएरुदालिया बुलाई जाती इनकी बकायदा मंडलियाँ थीं इनके कई किस्से भी हैं.एक वृद्ध सेठ लालाजी के नाम से मशहूर था की मृत्यू हुई भरापूरा परिवार था ल
इंटरनेशनल मीडियाभारत की छवि खराब करता रहता हैं डॉ शोभा भारद्वाज मेरी बेटी, अमेरिका की बेस्ट यूनिवर्सिटी मेंपढ़ी सिंगापूर में उच्च पदाधकारी ,मोटे –मोटे आंसू बहाती हुई सुबक रही थी . उसने सिंगापुर टाईम्स , गार्जियन, न्यूयार्कटाइम्स ,वाशिंगटन पोस्ट पढ़ी ,बीबीसी मेंखबरे देखीं घबरा गयी हमसे प्रार्थना कर