मैंने भी आजमाया है तुम्हे कई बार।
कभी चुप रहकर कभी कुछ कहकर,
कभी यूं ही बेवजह तुमसे नाराज होकर,
पर तुमने कभी पूछी ही नही वजह इन सब की, पूछते भी कैसे?
तुम्हे फर्क पड़ा है क्या कभी मेरी खामोशी से।
4 अप्रैल 2022
मैंने भी आजमाया है तुम्हे कई बार।
कभी चुप रहकर कभी कुछ कहकर,
कभी यूं ही बेवजह तुमसे नाराज होकर,
पर तुमने कभी पूछी ही नही वजह इन सब की, पूछते भी कैसे?
तुम्हे फर्क पड़ा है क्या कभी मेरी खामोशी से।