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मानव सिंह राणा 'सुओम' के बारे में

पुरस्कार और सम्मान

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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-02-03

मानव सिंह राणा 'सुओम' की पुस्तकें

प्यार के गीत

प्यार के गीत

यह पुस्तक एक काव्य संग्रह है।

निःशुल्क

प्यार के गीत

प्यार के गीत

यह पुस्तक एक काव्य संग्रह है।

निःशुल्क

सोच

सोच

यह पुस्तक लघु कथाओं का संग्रह है। एक सोच है हमारे समाज की । एक आईना है युवा पीढ़ी के लिए। समाज के हर तबके के लिए हमारे दिल मे कितनी इज्जत है। हम कितना सहयोग कर सकते हैं।

3 पाठक
4 रचनाएँ
0 लोगों ने खरीदा

ईबुक:

₹ 11/-

सोच

सोच

यह पुस्तक लघु कथाओं का संग्रह है। एक सोच है हमारे समाज की । एक आईना है युवा पीढ़ी के लिए। समाज के हर तबके के लिए हमारे दिल मे कितनी इज्जत है। हम कितना सहयोग कर सकते हैं।

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एक और बागवान

एक और बागवान

एक ऐसे बागवान की कहानी है जो जिन्दगी भर सींचता रहा दरख्तों को ये सोचकर जब बुढ़ापा आएगा तो छाया का आसरा देंगे पर उसे पता ही नहीं था एक दिन एक तूफान आएगा और सब कुछ उड़ा कर ले जायेगा . वो दरख्त सबसे पहले उजड़ गया और तब उस बागवान के साथ क्या-क्या हुआ ये जान

2 पाठक
6 रचनाएँ
0 लोगों ने खरीदा

ईबुक:

₹ 107/-

एक और बागवान

एक और बागवान

एक ऐसे बागवान की कहानी है जो जिन्दगी भर सींचता रहा दरख्तों को ये सोचकर जब बुढ़ापा आएगा तो छाया का आसरा देंगे पर उसे पता ही नहीं था एक दिन एक तूफान आएगा और सब कुछ उड़ा कर ले जायेगा . वो दरख्त सबसे पहले उजड़ गया और तब उस बागवान के साथ क्या-क्या हुआ ये जान

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मानव सिंह राणा 'सुओम' की डायरी

मानव सिंह राणा 'सुओम' की डायरी

दिल क्या चाहता है और हम क्या करते हैं । डायरी है प्रतिबिंब उसका। बस कुछ छुए अनछुए पहलुयों को सँजोती ये डायरी। आपके सामने प्रस्तुत है।

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निःशुल्क

मानव सिंह राणा 'सुओम' की डायरी

मानव सिंह राणा 'सुओम' की डायरी

दिल क्या चाहता है और हम क्या करते हैं । डायरी है प्रतिबिंब उसका। बस कुछ छुए अनछुए पहलुयों को सँजोती ये डायरी। आपके सामने प्रस्तुत है।

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मानव सिंह राणा 'सुओम' के लेख

रात

28 मार्च 2022
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कैसी - कैसी होती रात दिल मे सपने बोती रात मैं पलकों में नींद लिए हूँओढ़ चद्दरा सोती रातहार बड़ी दिन कहता हैआशा नई जगाती रातरूठा हुआ हूँ खाली मैंसाथ में मेरे होती रात नया सवेरा आएगा बसआशा

माँ का दर्द

5 मार्च 2022
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अब वो घर में ,घर में , घर मे , घर में मिलता ही नहीं।।कभी वो दिल से, दिल से, दिल से , दिल से निकलता ही नहीं।।मैं तो माँ हूँ ,सोचती हूँ, तू कहीं मिल जाएगा।तेरे पिता का ,हाल बुरा है, तू समझ ना पायेगा।।ला

मेरा गुनाह क्या था ?

4 मार्च 2022
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आज शाम के नियम के हिसाब से मैं पार्क में जाकर बैठा ही था कि अचानक  तीन महिलाओं को अपने सामने से दौड़कर जाते हुए देखा । उन महिलाओं ने जाकर एक युवक को पकड़ लिया और पीटना शुरू कर दिया। " जरूर कुछ गलत हरकत

जान बच गई।

3 मार्च 2022
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जब से विनय ने हर्षित को बताया था कि पापा जी के साथ क्या घटा है ? तब से हर्षित को उन बदमाशों के अलावा अपने पिता गोविंद प्रकाश पर भी गुस्सा आ रहा था। पिताजी हाथ पर हाथ रखकर कैसे बैठ सकते हैं ? पिताजी को

तहक़ीक़ात

3 मार्च 2022
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महेंद्र प्रकाश जिंदगी की जंग तो जीत गए लेकिन असली जंग तो अभी बाकी थी जिन लोगों ने उनके साथ यह अत्याचार किया था अभी उनको सजा देना बाकी था । एक माह बाद उनको डॉक्टर ने छुट्टी दे दी और सभी खुशी खुशी उन्हे

जाको राखै साईंया मार सकै ना कोय

3 मार्च 2022
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सुबह हो चुकी थी । गोमती देवी बहुत बेचैन हो रही थी । पता नहीं क्यों आज मन नहीं लग रहा था ? अभी तक महेंद्र प्रकाश के नहीं आने से मन नहीं लग रहा था। किसी अनहोनी की आशंका से दिल बैठा जा रहा था। तभी

जाको राखै साईंया मार सकै ना कोय

3 मार्च 2022
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सुबह हो चुकी थी ।  गोमती देवी बहुत बेचैन हो रही थी । पता नहीं क्यों आज मन नहीं लग रहा था ? अभी तक महेंद्र प्रकाश के नहीं आने से मन नहीं लग रहा था। किसी अनहोनी की आशंका से दिल बैठा जा रहा था। तभी अचानक

बदला

3 मार्च 2022
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महेंद्र प्रकाश को यूं ही बहाना बनाते हुए अभी 10 मिनट ही गुजरे होंगे तभी उन्हें बाहर पदचाप कमरे की तरफ आती सुनाई दी। महेंद्र प्रकाश समझ गए कि वह बदमाश अब उनके पास आ रहे हैं 1 मिनट बाद दरवाजा खुला और कु

अपहरण

3 मार्च 2022
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जीवन में कब क्या होगा ये विधाता को पता होता है . पता नहीं विधना क्या लिखे बैठा है आपके लिए  . विधाता की ताकत ही है राम को राजगद्दी  मिलते  -  मिलते  चौदह वर्ष का बनवास हो गया था . सत्यवादी राजा हरिश्च

तेरे बिन

24 फरवरी 2022
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दुनियाँ में तेरे बिना बचा क्या है ?बिन तेरे और मेरी सजा क्या है ?चांद मेरे साथ नहीं तो बफ़ा क्या ? बफ़ा ही नहीं तो पास बचा क्या है ?बोलती ही नहीं तो वो ज़ुबाँ क्या है ?ज़ुबाँ ही नहीं तो वो तजुर्बा क्

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