3 जुलाई 2016
फासले !!मेरा घर तेरे घर से इतनी दूर भी तो नही हैफिर क्योंफासले इतने बढे की80 गज़ की गली पार होती नही हैकंही ऐसा तो नही तेरे को भी डर है कीगिरफ्तार इश्क़ में हेहम कंही आगे बंदी बन्ने का डरतो नही।© मनमोहन कसाना#इश्क़ में गिरफ्तारी का मज़ा