विषय :- #अबकी बारी नोटा भारी !!
मैं एक मध्यम वर्गीय सामान्य नागरीक हुँ। कुछ दिनों से पासपोर्ट विवाद चल रहा है और आपने भी एक दिन से भी कम समय में पासपोर्ट विवाद सुलझा लिया। मैं इस पर कोई विवाद नहीं करना चाहता, केवल आपसे मेरा एक सवाल है। “अनस और उनकी तर्ज पर क्या बिना किसी पुलिस वेरिफिकेशन के आप मुझे पासपोर्ट जारी करवा सकते हो वो भी कुछ घंटों के अंदर....?”
मैं कई सालों से पासपोर्ट, वोटर आयडी, आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राईविंग लाईसेंस, मोटर RC Book आदी दस्तावेजों लिए तिकडम लागा कर हार चुका हुँ। किराये फ्लैट मे रहने के कारण कभी address proof कभी मकान मालिक व सोसायटी के NOC, कभी पते पर Documents courier की समस्या हो जाति है।
क्या सारी सरकारी सुविधाये केवल एक विशेष एंव सक्षम दर्जे के लोगों के लिए ही है....?
क्या एक गरीब हिंदु परिवार को सिर्फ किरायेदार होने के कारण वो सरकारी दस्तावेज नहीं मिलने चाहिए जो स्वतंत्र धर्मनिरपेक्ष राज्य में नागरीकों का अधिकार है....?
कईं बार मुँबई पुलिस भर्ती में उच्च जाति के कारण आरक्षणिय-उम्मिदवारों ने मेरा देश मे सरकारी नौकरी का सपना तोडा है और अब हिंदु-किरायेदार होने के कारण विदेशों में नौकरी न कर पाने का एक और पर्याय मुझ से छिना जा रहा है। अब इस स्थिती मे संविधान के “समान नागरिक अधिकार” को प्राप्त करना मेरे लिए असंभव है। सुषमा जी मैं आपसे और सरकार से हाथ जोडकर विनंति करता हुँ की हिंदु-किरायेदारों के लिए documentation का कोई सरल मार्ग जल्द निकाले अन्यथा मेरी प्रतिभा आरक्षण तो खा ही चुकी है और अब कुछ सालों में आपकी ये विशेष समुदाय तुष्टीकरण की निती मेरा बचा हुआ जीवन भी खा जायेगी।सरकार सामान्य वर्ग के गरीब हिंदुओं को मानव घोषित करें अन्कृयथा हमारे सारे अधिकार छिनकर पशुओं की श्परेणी मे डाल दें।
कृपया इस गंभीर मुद्दों पर ध्यान दे अन्यथा दूरगामी परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे और इसे चेतावनी नहीं धमकी ही समझें। अंत मे इतना ही कहुँगा की “#अबकी बारी नोटा भारी”
भारत को विश्वगुरू बनाने की क्षमतावाल रखनेवाला एक गरीब ब्राम्हण !
विकास बौठियाल