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मौत पीछा नहीं छोड़ती ।

5 अक्टूबर 2015

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जीवन सफलता हासिल करने का वैसे article-imageतो कोई निश्चित फार्मूला नहीं है लेकिन मनुष्य सात आध्यात्मिक नियमों को अपनाकर काजीवन में सफलता हासिल करने का वैसे तो कोई निश्चित फार्मूला नहीं है लेकिन मनुष्य सात आध्यात्मिक नियमों को अपनाकर कामयाबी के शिखर को छू सकता है।

ला जोला कैलीफोर्निया में “द चोपड़ा सेंटएक बहुत प्यारी सूफ़ी कहानी हैः


एक बादशाह ने एक दिन सपने में अपनी मौत को आते हुए देखा। उसने सपने में अपने पास खड़ी एक छाया देख, उससे पूछा-'तुम कौन हो? यहां क्यों आयी हो?'

उस छाया या साये ने उत्तर दिया-मैं तुम्हारी मौत हूं और मैं कल सूर्यास्त होते ही तुम्हें लेने तुम्हारे पास आऊंगी।' बादशाह ने उससे पूछना भी चाहा कि क्या बचने का कोई उपाय है, लेकिन वह इतना अधिक डर गया था कि वह उससे कुछ भी न पूछ सका। तभी अचानक सपना टूट गया और वह छाया भी गायब हो गयी। आधी रात को ही उसने अपने सभी अक्लमंद लोगों को बुलाकर पूछा-'इस स्वप्न का क्या मतलब है, यह मुझे खोजकर बताओ।' और जैसा कि तुम जानते ही हो, तुम बुद्धिमान लोगों से अधिक बेवकूफ कोई और खोज ही नहीं सकते। वे सभी लोग भागे-भागे अपने-अपने घर गये और वहां से अपने-अपने शास्त्र साथ लेकर लौटे। वे बड़े-बड़े मोटे पोथे थे। उन लोगों ने उन्हें उलटना-पलटना शुरू कर दिया और फिर उन लोगों में चर्चा-परिचर्चा के दौरान बहस छिड़ गयी। वे अपने-अपने तर्क देते हुए आपस में ही लड़ने-झगड़ने लगे।

उन लोगों की बातें सुनकर बादशाह की उलझन बढ़ती ही जा रही थी। वे किसी एक बात पर सहमत ही नहीं हो पा रहे थे। वे लोग विभिन्न पंथों के थे। जैसा कि बुद्धिमान लोग हमेशा होते हैं, वे स्वयं भी स्वयं के न थे।

वे उन सम्प्रदायों से सम्बन्ध रखते थे, जिनकी परम्पराएं मृत हो चुकी थीं। उनमें एक हिन्दू, दूसरा मुसलमान और तीसरा ईसाई था। वे अपने साथ अपने-अपने शास्त्र लाये थे और उन पोथों को उलटते-पलटते, वे बादशाह की समस्या का हल खोजने की कोशिशों पर कोशिशें कर रहे थे। आपस में तर्क-विर्तक करते-करते वे जैसे पागल हो गये। बादशाह बहुत अधिक व्याकुल हो उठा क्योंकि सूरज निकलने लगा था और जिस सूर्य का उदय होता है, वह अस्त भी होता है क्योंकि उगना ही वास्तव में अस्त होना है। अस्त होने की शुरुआत हो चुकी है। यात्रा शुरू हो चुकी थी और सूर्य डूबने में सिर्फ बारह घंटे बचे थे।

उसने उन लोगों को टोकने की कोशिश की, लेकिन उन लोगों ने कहा-'आप कृपया बाधा उत्पन्न न करें। यह एक बहुत गम्भीर मसला है और हम लोग हल निकालकर रहेंगे।'

तभी एक बूढ़ा आदमी-जिसने बादशाह की पूरी उम्र खिदमत की थी-उसके पास आया और उसके कानों में फुसफुसाते हुए कहा-'यह अधिक अच्छा होगा कि आप इस स्थान से कहीं दूर भाग जायें क्योंकि ये लोग कभी किसी निष्कर्ष पर पहुंचेंगे नहीं और तर्क-वितर्क ही करते रहेंगे और मौत आ पहुंचेगी। मेरा आपको यही सुझाव है कि जब मौत ने आपको चेतावनी दी है, तो अच्छा यही है कि कम-से-कम आप इस स्थान से कहीं दूर सभी से पीछा छुड़ाकर चले जाइए। आप कहीं भी जाइयेगा, बहुत तेजी से।' यह सलाह बादशाह को अच्छी लगी-'यह बूढ़ा बिल्कुल ठीक कह रहा है। जब मनुष्य और कुछ नहीं कर सकता, वह भागने का, पीछा छुड़ाकर पलायन करने का प्रयास करता है।'

बादशाह के पास एक बहुत तेज दौड़ने वाला घोड़ा था। उसने घोड़ा मंगाकर बुद्धिमान लोगों से कहा-'मैं तो अब कहीं दूर जा रहा हूं और यदि जीवित लौटा, तो तुम लोग तय कर मुझे अपना निर्णय बतलाना, पर फिलहाल तो मैं अब जा रहा हूं।'

वह बहुत खुश-खुश जितनी तेजी से हो सकता था, घोड़े पर उड़ा चला जा रहा था क्योंकि आखिर यह जीवन और मौत का सवाल था। वह बार-बार पीछे लौट-लौटकर देखता था कि कहीं वह साया तो साथ नहीं आ रहा है, लेकिन वहां स्वप्न वाले साये का दूर-दूर तक पता न था। वह बहुत खुश था, मृत्यु पीछे नहीं आ रही थी और उससे पीछा छुड़ाकर दूर भागा जा रहा था।

अब धीमे-धीमे सूरज डूबने लगा। वह अपनी राजधानी से कई सौ मील दूर आ गया था। आखिर एक बरगद के पेड़ के नीचे उसने अपना घोड़ा रोका। घोड़े से उतरकर उसने उसे धन्यवाद देते हुए कहा-'वह तुम्हीं हो, जिसने मुझे बचा लिया।'

वह घोड़े का शुक्रिया अदा करते हुए यह कह ही रहा था कि तभी अचानक उसने उसी हाथ को महसूस किया, जिसका अनुभव उसने ख्वाब में किया था। उसने पीछे मुड़कर देखा, वही मौत का साया वहां मौजूद था।

मौत ने कहा-'मैं भी तेरे घोड़े का शुक्रिया अदा करती हूं, जो बहुत तेज दौड़ता है। मैं सारे दिन इसी बरगद के पेड़ के नीचे खड़ी तेरा इन्तजार कर रही थी और मैं चिन्तित थी कि तू यहां तक आ भी पायेगा या नहीं क्योंकि फासला बहुत लंबा था। लेकिन तेरा घोड़ा भी वास्तव में कोई चीज है। तू ठीक उसी वक्त पर यहां आ पहुंचा है, जब तेरी जरूरत थी।'

तुम कहां जा रहे हो? तुम कहां पहुंचोगे? सारी भागदौड़ और पलायन आखिर तुम्हें बरगद के पेड़ तक ही ले जायेगी। और जैसे ही तुम अपने घोड़े या कार को धन्यवाद दे रहे होगे, तुम अपने कंधे पर मौत के हाथों का अनुभव करोगे। मौत कहेगी-'मैं एक लम्बे समय से तुम्हारी ही प्रतीक्षा कर रही थी। अच्छा हुआ, तुम खुद आ गये।'

और प्रत्येक व्यक्ति ठीक समय पर ही आता है। वह एक क्षण भी नहीं खोता। प्रत्येक व्यक्ति ठीक वक्त पर ही पहुंचता है, कोई भी कभी देर लगाता ही नहीं। मैंने सुना है कि कुछ लोग वक्त से पहले ही पहुंच गये, लेकिन मैंने यह कभी नहीं सुना कि कोई देर से आया हो। कुछ लोग, जो समय से पहले पहुंचे थे, वह लोग अपने चिकित्सकों की मेहरबानी के कारण।
अपनी असफलता की वजह उसने यह ठहराई

कि वह काफी तेजी से नहीं दौड़ रहा था।

इसीलिए वह बिना रुके तेज और तेज दौड़ने लगा।

यहां तक कि अन्त में वह नीचे गिर पड़ा और मर गया।

वह यह समझने में असफल रहा

कि यदि उसने सिर्फ किसी पेड़ या किसी छांव की ओर कदम रखे होते,

तो उसकी छाया बनती ही नहीं

और यदि वह उसके नीचे बैठकर स्थिर हो ठहर गया होता,

तो न पैरों के कदम उठते और उनकी ध्वनि होती।

यह बहुत आसान था-सबसे अधिक आसान। 

यदि तुम ठीक छाया की ओर बढ़ो, जहां धूप न हो, तो परछाई गायब हो जायेगी क्योंकि परछाई धूप या रोशनी के कारण ही बनती है। वह सूर्य की किरणों की अनुपस्थिति है। यदि तुम एक वृक्ष की छाया तले बैठ जाओ, तो परछाई लुप्त हो जायेगी।

वह यह समझने में असफल रहा

कि यदि उसने सिर्फ किसी पेड़ या किसी छांव की ओर कदम रखे होते, 

तो उसकी परछाई बनती ही नहीं। वह गायब हो जाती।

इस छांव को कहते है--मौन। इस छांव को कहते हैं-आंतरिक शान्ति। मन की सुनो ही मत, बस केवल मौन की छांव में सरक जाओ, अपने अंदर गहरे में उतर जाओ, जहां सूर्य की कोई किरण प्रविष्ट नहीं हो सकती, जहां परम शान्ति है।

-ओशो

र फार वेल बीइंग” के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी डा.दीपक चोपड़ा ने अपनी पुस्तक “सफलता के सात आध्यात्मिक नियम” में सफलता के लिए जरूरी बातों का उल्लेख करते हुए बताया है कि कामयाबी हासिल करने के लिए अच्छा स्वास्थ्य, ऊर्जा, मानसिक स्थिरता, अच्छा बनने की समझ और मानसिक शांति आवश्यक है।

पहला नियम:

विशुद्ध सामर्थ्य का पहला नियम इस तथ्य पर आधारित है कि व्यक्ति मूल रूप से विशुद्ध चेतना है, जो सभी संभावनाओं और असंख्य रचनात्मकताओं का कार्यक्षेत्र है। इस क्षेत्र तक पहुंचने का एक ही रास्ता है. प्रतिदिन मौन. ध्यान और अनिर्णय का अभ्यास करना। व्यक्ति को प्रतिदिन कुछ समय के लिए मौन.बोलने की प्रकिया से दूर. रहना चाहिए और दिन में दो बार आधे घंटे सुबह और आधे घंटे शाम अकेले बैठकर ध्यान लगाना चाहिए।

इसी के साथ उसे प्रतिदिन प्रकृति के साथ सम्पर्क स्थापित करना चाहिए । शांत बैठकर सूर्यास्त देखें. समुद्र या लहरों की आवाज सुनें तथा फूलों की सुगंध को महसूस करें ।

दूसरा नियम:

सफलता का दूसरा आध्यात्मिक नियम है.- देने का नियम। इसे लेन- देन का नियम भी कहा जा सकता है। पूरा गतिशील ब्रह्मांड विनियम पर ही आधारित है। लेना और देना- संसार में ऊर्जा प्रवाह के दो भिन्न- भिन्न पहलू हैं । 

यदि वह चाहता है कि कोई उसकी देखभाल और सराहना करे तो उसे भी दूसरों की देखभाल और सराहना करना सीखना चाहिए । यदि मनुष्य भौतिक सुख-समृद्धि हासिल करना चाहता है तो उसे दूसरों को भी भौतिक सुख- समृद्धि प्राप्त करने में मदद करनी चाहिए।

तीसरा नियम:

सफलता का तीसरा आध्यात्मिक नियम, कर्म का नियम है। कर्म में क्रिया और उसका परिणाम दोनों शामिल हैं। स्वामी विवेकानन्द ने कहा है- “कर्म मानव स्वतंत्रता की शाश्वत घोषणा है.. हमारे विचार, शब्द और कर्म. वे धागे हैं, जिनसे हम अपने चारों ओर एक जाल बुन लेते हैं। .. वर्तमान में जो कुछ भी घट रहा है. वह व्यक्ति को पसंद हो या नापसंद, उसी के चयनों का परिणाम है जो उसने कभी पहले किये होते हैं।

चौथा नियम:

सफलता का चौथा नियम “अल्प प्रयास का नियम” है। यह नियम इस तथ्य पर आधारित है कि प्रकृति प्रयत्न रहित सरलता और अत्यधिक आजादी से काम करती है। प्रकृति के काम पर ध्यान देने पर पता चलता है कि उसमें सब कुछ सहजता से गतिमान है। घास उगने की कोशिश नहीं करती, स्वयं उग आती है। मछलियां तैरने की कोशिश नहीं करतीं, खुद तैरने लगती हैं, फूल खिलने की कोशिश नहीं करते, खुद खिलने लगते हैं । इसी तरह मनुष्य की प्रकृति है कि वह अपने सपनों को बिना किसी कठिन प्रयास के भौतिक रूप दे सकता है।

आज से मैं घटनाओं, स्थितियों, परिस्थितियों और लोगों को जैसे हैं. वैसे ही स्वीकार करूंगा, उन्हें अपनी इच्छा के अनुसार ढालने की कोशिश नहीं करूंगा। । मैं यह समझूंगा कि प्रत्येक समस्या में सुअवसर छिपा है और यही सावधानी मुझे जीवन में स्थितियों का लाभ उठाकर भविष्य संवारने का मौका देगी।.. ..

पांचवा नियम:

सफलता का पांचवां आध्यात्मिक नियम “उद्देश्य और इच्छा का नियम” बताया गया है। यह नियम इस तथ्य पर आधारित है कि प्रकृति में ऊर्जा और ज्ञान हर जगह विद्यमान है। 

उद्देश्य और इच्छा के नियम का पालन करने के लिए व्यक्ति को इन बातों पर ध्यान देना होगा.. उसे अपनी सभी इच्छाओं को त्यागकर उन्हें रचना के गर्त के हवाले करना होगा और विश्वास कायम रखना होगा कि यदि इच्छा पूरी नहीं होती है तो उसके पीछे भी कोई उचित कारण होगा । हो सकता है कि प्रकृति ने उसके लिए इससे भी अधिक कुछ सोच रखा हो।

छठवां नियम:

सफलता का छठा आध्यात्मिक नियम अनासक्ति का नियम है। इस नियम के अनुसार व्यक्ति को भौतिक संसार में कुछ भी प्राप्त करने के लिए वस्तुओं के प्रति मोह त्यागना होगा। उसे केवल परिणाम के प्रति मोह को त्यागना है। व्यक्ति जैसे ही परिणाम के प्रति मोह छोड देता है. उसी वह अपने एकमात्र उद्देश्य को अनासक्ति से जोड लेता है। तब वह जो कुछ भी चाहता है. उसे स्वयमेव मिल जाता है।

अनासक्ति के नियम का पालन करने के लिए निम्न बातों पर ध्यान देना होगा.. आज मैं अनासक्त रहने का वायदा करता हूं। मैं स्वयं को तथा आसपास के लोगों को पूर्ण रूप से स्वतंत्र रहने की आजादी दूंगा। सब कुछ जितना अनिश्चित होगा. मैं उतना ही अधिक सुरक्षित महसूस करूंगा क्योंकि अनिश्चितता ही मेरे लिए स्वतंत्रता का मार्ग सिद्ध होगी। अनिश्चितता को समझते हुए मैं अपनी सुरक्षा की खोज करूंगा।..

सातजीवन में सफलता हासिल करने का वैसे तो कोई निश्चित फार्मूला नहीं है लेकिन मनुष्य सात आध्यात्मिक नियमों को अपनाकर कामयाबी के शिखर को छू सकता है।

ला जोला कैलीफोर्निया में “द चोपड़ा सेंटर फार वेल बीइंग” के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी डा.दीपक चोपड़ा ने अपनी पुस्तक “सफलता के सात आध्यात्मिक नियम” में सफलता के लिए जरूरी बातों का उल्लेख करते हुए बताया है कि कामयाबी हासिल करने के लिए अच्छा स्वास्थ्य, ऊर्जा, मानसिक स्थिरता, अच्छा बनने की समझ और मानसिक शांति आवश्यक है।

पहला नियम:

विशुद्ध सामर्थ्य का पहला नियम इस तथ्य पर आधारित है कि व्यक्ति मूल रूप से विशुद्ध चेतना है, जो सभी संभावनाओं और असंख्य रचनात्मकताओं का कार्यक्षेत्र है। इस क्षेत्र तक पहुंचने का एक ही रास्ता है. प्रतिदिन मौन. ध्यान और अनिर्णय का अभ्यास करना। व्यक्ति को प्रतिदिन कुछ समय के लिए मौन.बोलने की प्रकिया से दूर. रहना चाहिए और दिन में दो बार आधे घंटे सुबह और आधे घंटे शाम अकेले बैठकर ध्यान लगाना चाहिए।

इसी के साथ उसे प्रतिदिन प्रकृति के साथ सम्पर्क स्थापित करना चाहिए । शांत बैठकर सूर्यास्त देखें. समुद्र या लहरों की आवाज सुनें तथा फूलों की सुगंध को महसूस करें ।

दूसरा नियम:

सफलता का दूसरा आध्यात्मिक नियम है.- देने का नियम। इसे लेन- देन का नियम भी कहा जा सकता है। पूरा गतिशील ब्रह्मांड विनियम पर ही आधारित है। लेना और देना- संसार में ऊर्जा प्रवाह के दो भिन्न- भिन्न पहलू हैं । 

यदि वह चाहता है कि कोई उसकी देखभाल और सराहना करे तो उसे भी दूसरों की देखभाल और सराहना करना सीखना चाहिए । यदि मनुष्य भौतिक सुख-समृद्धि हासिल करना चाहता है तो उसे दूसरों को भी भौतिक सुख- समृद्धि प्राप्त करने में मदद करनी चाहिए।

तीसरा नियम:

सफलता का तीसरा आध्यात्मिक नियम, कर्म का नियम है। कर्म में क्रिया और उसका परिणाम दोनों शामिल हैं। स्वामी विवेकानन्द ने कहा है- “कर्म मानव स्वतंत्रता की शाश्वत घोषणा है.. हमारे विचार, शब्द और कर्म. वे धागे हैं, जिनसे हम अपने चारों ओर एक जाल बुन लेते हैं। .. वर्तमान में जो कुछ भी घट रहा है. वह व्यक्ति को पसंद हो या नापसंद, उसी के चयनों का परिणाम है जो उसने कभी पहले किये होते हैं।

चौथा नियम:

सफलता का चौथा नियम “अल्प प्रयास का नियम” है। यह नियम इस तथ्य पर आधारित है कि प्रकृति प्रयत्न रहित सरलता और अत्यधिक आजादी से काम करती है। प्रकृति के काम पर ध्यान देने पर पता चलता है कि उसमें सब कुछ सहजता से गतिमान है। घास उगने की कोशिश नहीं करती, स्वयं उग आती है। मछलियां तैरने की कोशिश नहीं करतीं, खुद तैरने लगती हैं, फूल खिलने की कोशिश नहीं करते, खुद खिलने लगते हैं । इसी तरह मनुष्य की प्रकृति है कि वह अपने सपनों को बिना किसी कठिन प्रयास के भौतिक रूप दे सकता है।

आज से मैं घटनाओं, स्थितियों, परिस्थितियों और लोगों को जैसे हैं. वैसे ही स्वीकार करूंगा, उन्हें अपनी इच्छा के अनुसार ढालने की कोशिश नहीं करूंगा। । मैं यह समझूंगा कि प्रत्येक समस्या में सुअवसर छिपा है और यही सावधानी मुझे जीवन में स्थितियों का लाभ उठाकर भविष्य संवारने का मौका देगी।.. ..

पांचवा नियम:

सफलता का पांचवां आध्यात्मिक नियम “उद्देश्य और इच्छा का नियम” बताया गया है। यह नियम इस तथ्य पर आधारित है कि प्रकृति में ऊर्जा और ज्ञान हर जगह विद्यमान है। 

उद्देश्य और इच्छा के नियम का पालन करने के लिए व्यक्ति को इन बातों पर ध्यान देना होगा.. उसे अपनी सभी इच्छाओं को त्यागकर उन्हें रचना के गर्त के हवाले करना होगा और विश्वास कायम रखना होगा कि यदि इच्छा पूरी नहीं होती है तो उसके पीछे भी कोई उचित कारण होगा । हो सकता है कि प्रकृति ने उसके लिए इससे भी अधिक कुछ सोच रखा हो।

छठवां नियम:

सफलता का छठा आध्यात्मिक नियम अनासक्ति का नियम है। इस नियम के अनुसार व्यक्ति को भौतिक संसार में कुछ भी प्राप्त करने के लिए वस्तुओं के प्रति मोह त्यागना होगा। उसे केवल परिणाम के प्रति मोह को त्यागना है। व्यक्ति जैसे ही परिणाम के प्रति मोह छोड देता है. उसी वह अपने एकमात्र उद्देश्य को अनासक्ति से जोड लेता है। तब वह जो कुछ भी चाहता है. उसे स्वयमेव मिल जाता है।

अनासक्ति के नियम का पालन करने के लिए निम्न बातों पर ध्यान देना होगा.. आज मैं अनासक्त रहने का वायदा करता हूं। मैं स्वयं को तथा आसपास के लोगों को पूर्ण रूप से स्वतंत्र रहने की आजादी दूंगा। सब कुछ जितना अनिश्चित होगा. मैं उतना ही अधिक सुरक्षित महसूस करूंगा क्योंकि अनिश्चितता ही मेरे लिए स्वतंत्रता का मार्ग सिद्ध होगी। अनिश्चितता को समझते हुए मैं अपनी सुरक्षा की खोज करूंगा।..

सातजीवन में सफलता हासिल करने का वैसे तो कोई निश्चित फार्मूला नहीं है लेकिन मनुष्य सात आध्यात्मिक नियमों को अपनाकर कामयाबी के शिखर को छू सकता है।

ला जोला कैलीफोर्निया में “द चोपड़ा सेंटर फार वेल बीइंग” के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी डा.दीपक चोपड़ा ने अपनी पुस्तक “सफलता के सात आध्यात्मिक नियम” में सफलता के लिए जरूरी बातों का उल्लेख करते हुए बताया है कि कामयाबी हासिल करने के लिए अच्छा स्वास्थ्य, ऊर्जा, मानसिक स्थिरता, अच्छा बनने की समझ और मानसिक शांति आवश्यक है।

पहला नियम:

विशुद्ध सामर्थ्य का पहला नियम इस तथ्य पर आधारित है कि व्यक्ति मूल रूप से विशुद्ध चेतना है, जो सभी संभावनाओं और असंख्य रचनात्मकताओं का कार्यक्षेत्र है। इस क्षेत्र तक पहुंचने का एक ही रास्ता है. प्रतिदिन मौन. ध्यान और अनिर्णय का अभ्यास करना। व्यक्ति को प्रतिदिन कुछ समय के लिए मौन.बोलने की प्रकिया से दूर. रहना चाहिए और दिन में दो बार आधे घंटे सुबह और आधे घंटे शाम अकेले बैठकर ध्यान लगाना चाहिए।

इसी के साथ उसे प्रतिदिन प्रकृति के साथ सम्पर्क स्थापित करना चाहिए । शांत बैठकर सूर्यास्त देखें. समुद्र या लहरों की आवाज सुनें तथा फूलों की सुगंध को महसूस करें ।

दूसरा नियम:

सफलता का दूसरा आध्यात्मिक नियम है.- देने का नियम। इसे लेन- देन का नियम भी कहा जा सकता है। पूरा गतिशील ब्रह्मांड विनियम पर ही आधारित है। लेना और देना- संसार में ऊर्जा प्रवाह के दो भिन्न- भिन्न पहलू हैं । 

यदि वह चाहता है कि कोई उसकी देखभाल और सराहना करे तो उसे भी दूसरों की देखभाल और सराहना करना सीखना चाहिए । यदि मनुष्य भौतिक सुख-समृद्धि हासिल करना चाहता है तो उसे दूसरों को भी भौतिक सुख- समृद्धि प्राप्त करने में मदद करनी चाहिए।

तीसरा नियम:

सफलता का तीसरा आध्यात्मिक नियम, कर्म का नियम है। कर्म में क्रिया और उसका परिणाम दोनों शामिल हैं। स्वामी विवेकानन्द ने कहा है- “कर्म मानव स्वतंत्रता की शाश्वत घोषणा है.. हमारे विचार, शब्द और कर्म. वे धागे हैं, जिनसे हम अपने चारों ओर एक जाल बुन लेते हैं। .. वर्तमान में जो कुछ भी घट रहा है. वह व्यक्ति को पसंद हो या नापसंद, उसी के चयनों का परिणाम है जो उसने कभी पहले किये होते हैं।

चौथा नियम:

सफलता का चौथा नियम “अल्प प्रयास का नियम” है। यह नियम इस तथ्य पर आधारित है कि प्रकृति प्रयत्न रहित सरलता और अत्यधिक आजादी से काम करती है। प्रकृति के काम पर ध्यान देने पर पता चलता है कि उसमें सब कुछ सहजता से गतिमान है। घास उगने की कोशिश नहीं करती, स्वयं उग आती है। मछलियां तैरने की कोशिश नहीं करतीं, खुद तैरने लगती हैं, फूल खिलने की कोशिश नहीं करते, खुद खिलने लगते हैं । इसी तरह मनुष्य की प्रकृति है कि वह अपने सपनों को बिना किसी कठिन प्रयास के भौतिक रूप दे सकता है।

आज से मैं घटनाओं, स्थितियों, परिस्थितियों और लोगों को जैसे हैं. वैसे ही स्वीकार करूंगा, उन्हें अपनी इच्छा के अनुसार ढालने की कोशिश नहीं करूंगा। । मैं यह समझूंगा कि प्रत्येक समस्या में सुअवसर छिपा है और यही सावधानी मुझे जीवन में स्थितियों का लाभ उठाकर भविष्य संवारने का मौका देगी।.. ..

पांचवा नियम:

सफलता का पांचवां आध्यात्मिक नियम “उद्देश्य और इच्छा का नियम” बताया गया है। यह नियम इस तथ्य पर आधारित है कि प्रकृति में ऊर्जा और ज्ञान हर जगह विद्यमान है। 

उद्देश्य और इच्छा के नियम का पालन करने के लिए व्यक्ति को इन बातों पर ध्यान देना होगा.. उसे अपनी सभी इच्छाओं को त्यागकर उन्हें रचना के गर्त के हवाले करना होगा और विश्वास कायम रखना होगा कि यदि इच्छा पूरी नहीं होती है तो उसके पीछे भी कोई उचित कारण होगा । हो सकता है कि प्रकृति ने उसके लिए इससे भी अधिक कुछ सोच रखा हो।

छठवां नियम:

सफलता का छठा आध्यात्मिक नियम अनासक्ति का नियम है। इस नियम के अनुसार व्यक्ति को भौतिक संसार में कुछ भी प्राप्त करने के लिए वस्तुओं के प्रति मोह त्यागना होगा। उसे केवल परिणाम के प्रति मोह को त्यागना है। व्यक्ति जैसे ही परिणाम के प्रति मोह छोड देता है. उसी वह अपने एकमात्र उद्देश्य को अनासक्ति से जोड लेता है। तब वह जो कुछ भी चाहता है. उसे स्वयमेव मिल जाता है।

अनासक्ति के नियम का पालन करने के लिए निम्न बातों पर ध्यान देना होगा.. आज मैं अनासक्त रहने का वायदा करता हूं। मैं स्वयं को तथा आसपास के लोगों को पूर्ण रूप से स्वतंत्र रहने की आजादी दूंगा। सब कुछ जितना अनिश्चित होगा. मैं उतना ही अधिक सुरक्षित महसूस करूंगा क्योंकि अनिश्चितता ही मेरे लिए स्वतंत्रता का मार्ग सिद्ध होगी। अनिश्चितता को समझते हुए मैं अपनी सुरक्षा की खोज करूंगा।..

सातवां नियम:

सफलता का सातवां आध्यात्मिक नियम. धर्म का नियम. है। धर्म या जीवन के उद्देश्य का जीवन में आसानी से पालन करने के लिए व्यक्ति को इन विचारों पर ध्यान देना होगा.. ..मैं अपनी असाधारण योग्यताओं की सूची तैयार करूंगा और फिर इस असाधारण योग्यता को व्यक्त करने के लिए किए जाने वाले उपायों की भी सूची बनाऊंगा। अपनी योग्यता को पहचानकर उसका इस्तेमाल मानव कल्याण के लिए करूंगा और समय की सीमा से परे होकर अपने जीवन के साथ दूसरों के जीवन को भी सुख.समृद्धि से भर दूंगा। हर दिन खुद से पूछूंगा..मैं दूसरों का सहायक कैसे बनूं और किस प्रकार मैं दूसरों की सहायता कर सकता हूं। इन प्रश्नों के उत्तरों की सहायता से मैं मानव मात्र की प्रेमपूर्वक सेवा करूंगा।..

वां नियम:

सफलता का सातवां आध्यात्मिक नियम. धर्म का नियम. है। धर्म या जीवन के उद्देश्य का जीवन में आसानी से पालन करने के लिए व्यक्ति को इन विचारों पर ध्यान देना होगा.. ..मैं अपनी असाधारण योग्यताओं की सूची तैयार करूंगा और फिर इस असाधारण योग्यता को व्यक्त करने के लिए किए जाने वाले उपायों की भी सूची बनाऊंगा। अपनी योग्यता को पहचानकर उसका इस्तेमाल मानव कल्याण के लिए करूंगा और समय की सीमा से परे होकर अपने जीवन के साथ दूसरों के जीवन को भी सुख.समृद्धि से भर दूंगा। हर दिन खुद से पूछूंगा..मैं दूसरों का सहायक कैसे बनूं और किस प्रकार मैं दूसरों की सहायता कर सकता हूं। इन प्रश्नों के उत्तरों की सहायता से मैं मानव मात्र की प्रेमपूर्वक सेवा करूंगा।..

वां नियम:

सफलता का सातवां आध्यात्मिक नियम. धर्म का नियम. है। धर्म या जीवन के उद्देश्य का जीवन में आसानी से पालन करने के लिए व्यक्ति को इन विचारों पर ध्यान देना होगा.. ..मैं अपनी असाधारण योग्यताओं की सूची तैयार करूंगा और फिर इस असाधारण योग्यता को व्यक्त करने के लिए किए जाने वाले उपायों की भी सूची बनाऊंगा। अपनी योग्यता को पहचानकर उसका इस्तेमाल मानव कल्याण के लिए करूंगा और समय की सीमा से परे होकर अपने जीवन के साथ दूसरों के जीवन को भी सुख.समृद्धि से भर दूंगा। हर दिन खुद से पूछूंगा..मैं दूसरों का सहायक कैसे बनूं और किस प्रकार मैं दूसरों की सहायता कर सकता हूं। इन प्रश्नों के उत्तरों की सहायता से मैं मानव मात्र की प्रेमपूर्वक सेवा करूंगा।..

मयाबी के शिखर को छू सकता है।

ला जोला कैलीफोर्निया में “द चोपड़ा सेंटर फार वेल बीइंग” के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी डा.दीपक चोपड़ा ने अपनी पुस्तक “सफलता के सात आध्यात्मिक नियम” में सफलता के लिए जरूरी बातों का उल्लेख करते हुए बताया है कि कामयाबी हासिल करने के लिए अच्छा स्वास्थ्य, ऊर्जा, मानसिक स्थिरता, अच्छा बनने की समझ और मानसिक शांति आवश्यक है।

पहला नियम:

विशुद्ध सामर्थ्य का पहला नियम इस तथ्य पर आधारित है कि व्यक्ति मूल रूप से विशुद्ध चेतना है, जो सभी संभावनाओं और असंख्य रचनात्मकताओं का कार्यक्षेत्र है। इस क्षेत्र तक पहुंचने का एक ही रास्ता है. प्रतिदिन मौन. ध्यान और अनिर्णय का अभ्यास करना। व्यक्ति को प्रतिदिन कुछ समय के लिए मौन.बोलने की प्रकिया से दूर. रहना चाहिए और दिन में दो बार आधे घंटे सुबह और आधे घंटे शाम अकेले बैठकर ध्यान लगाना चाहिए।

इसी के साथ उसे प्रतिदिन प्रकृति के साथ सम्पर्क स्थापित करना चाहिए । शांत बैठकर सूर्यास्त देखें. समुद्र या लहरों की आवाज सुनें तथा फूलों की सुगंध को महसूस करें ।

दूसरा नियम:

सफलता का दूसरा आध्यात्मिक नियम है.- देने का नियम। इसे लेन- देन का नियम भी कहा जा सकता है। पूरा गतिशील ब्रह्मांड विनियम पर ही आधारित है। लेना और देना- संसार में ऊर्जा प्रवाह के दो भिन्न- भिन्न पहलू हैं । 

यदि वह चाहता है कि कोई उसकी देखभाल और सराहना करे तो उसे भी दूसरों की देखभाल और सराहना करना सीखना चाहिए । यदि मनुष्य भौतिक सुख-समृद्धि हासिल करना चाहता है तो उसे दूसरों को भी भौतिक सुख- समृद्धि प्राप्त करने में मदद करनी चाहिए।

तीसरा नियम:

सफलता का तीसरा आध्यात्मिक नियम, कर्म का नियम है। कर्म में क्रिया और उसका परिणाम दोनों शामिल हैं। स्वामी विवेकानन्द ने कहा है- “कर्म मानव स्वतंत्रता की शाश्वत घोषणा है.. हमारे विचार, शब्द और कर्म. वे धागे हैं, जिनसे हम अपने चारों ओर एक जाल बुन लेते हैं। .. वर्तमान में जो कुछ भी घट रहा है. वह व्यक्ति को पसंद हो या नापसंद, उसी के चयनों का परिणाम है जो उसने कभी पहले किये होते हैं।

चौथा नियम:

सफलता का चौथा नियम “अल्प प्रयास का नियम” है। यह नियम इस तथ्य पर आधारित है कि प्रकृति प्रयत्न रहित सरलता और अत्यधिक आजादी से काम करती है। प्रकृति के काम पर ध्यान देने पर पता चलता है कि उसमें सब कुछ सहजता से गतिमान है। घास उगने की कोशिश नहीं करती, स्वयं उग आती है। मछलियां तैरने की कोशिश नहीं करतीं, खुद तैरने लगती हैं, फूल खिलने की कोशिश नहीं करते, खुद खिलने लगते हैं । इसी तरह मनुष्य की प्रकृति है कि वह अपने सपनों को बिना किसी कठिन प्रयास के भौतिक रूप दे सकता है।

आज से मैं घटनाओं, स्थितियों, परिस्थितियों और लोगों को जैसे हैं. वैसे ही स्वीकार करूंगा, उन्हें अपनी इच्छा के अनुसार ढालने की कोशिश नहीं करूंगा। । मैं यह समझूंगा कि प्रत्येक समस्या में सुअवसर छिपा है और यही सावधानी मुझे जीवन में स्थितियों का लाभ उठाकर भविष्य संवारने का मौका देगी।.. ..

पांचवा नियम:

सफलता का पांचवां आध्यात्मिक नियम “उद्देश्य और इच्छा का नियम” बताया गया है। यह नियम इस तथ्य पर आधारित है कि प्रकृति में ऊर्जा और ज्ञान हर जगह विद्यमान है। 

उद्देश्य और इच्छा के नियम का पालन करने के लिए व्यक्ति को इन बातों पर ध्यान देना होगा.. उसे अपनी सभी इच्छाओं को त्यागकर उन्हें रचना के गर्त के हवाले करना होगा और विश्वास कायम रखना होगा कि यदि इच्छा पूरी नहीं होती है तो उसके पीछे भी कोई उचित कारण होगा । हो सकता है कि प्रकृति ने उसके लिए इससे भी अधिक कुछ सोच रखा हो।

छठवां नियम:

सफलता का छठा आध्यात्मिक नियम अनासक्ति का नियम है। इस नियम के अनुसार व्यक्ति को भौतिक संसार में कुछ भी प्राप्त करने के लिए वस्तुओं के प्रति मोह त्यागना होगा। उसे केवल परिणाम के प्रति मोह को त्यागना है। व्यक्ति जैसे ही परिणाम के प्रति मोह छोड देता है. उसी वह अपने एकमात्र उद्देश्य को अनासक्ति से जोड लेता है। तब वह जो कुछ भी चाहता है. उसे स्वयमेव मिल जाता है।

अनासक्ति के नियम का पालन करने के लिए निम्न बातों पर ध्यान देना होगा.. आज मैं अनासक्त रहने का वायदा करता हूं। मैं स्वयं को तथा आसपास के लोगों को पूर्ण रूप से स्वतंत्र रहने की आजादी दूंगा। सब कुछ जितना अनिश्चित होगा. मैं उतना ही अधिक सुरक्षित महसूस करूंगा क्योंकि अनिश्चितता ही मेरे लिए स्वतंत्रता का मार्ग सिद्ध होगी। अनिश्चितता को समझते हुए मैं अपनी सुरक्षा की खोज करूंगा।..

सातवां नियम:

सफलता का सातवां आध्यात्मिक नियम. धर्म का नियम. है। धर्म या जीवन के उद्देश्य का जीवन में आसानी से पालन करने के लिए व्यक्ति को इन विचारों पर ध्यान देना होगा.. ..मैं अपनी असाधारण योग्यताओं की सूची तैयार करूंगा और फिर इस असाधारण योग्यता को व्यक्त करने के लिए किए जाने वाले उपायों की भी सूची बनाऊंगा। अपनी योग्यता को पहचानकर उसका इस्तेमाल मानव कल्याण के लिए करूंगा और समय की सीमा से परे होकर अपने जीवन के साथ दूसरों के जीवन को भी सुख.समृद्धि से भर दूंगा। हर दिन खुद से पूछूंगा..मैं दूसरों का सहायक कैसे बनूं और किस प्रकार मैं दूसरों की सहायता कर सकता हूं। इन प्रश्नों के उत्तरों की सहायता से मैं मानव मात्र की प्रेमपूर्वक सेवा करूंगा।..

जीवन में सफलता हासिल करने का वैसे तो कोई निश्चित फार्मूला नहीं है लेकिन मनुष्य सात आध्यात्मिक नियमों को अपनाकर कामयाबी के शिखर को छू सकता है।

ला जोला कैलीफोर्निया में “द चोपड़ा सेंटर फार वेल बीइंग” के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी डा.दीपक चोपड़ा ने अपनी पुस्तक “सफलता के सात आध्यात्मिक नियम” में सफलजीवन में सफलता हासिल करने का वैसे तो कोई निश्चित फार्मूला नहीं है लेकिन मनुष्य सात आध्याजीवन में सफलता हासिल करने का वैसे तो कोई निश्चित फार्मूला नहीं है लेकिन मनुष्य सात आध्यात्मिक नियमों को अपनाकर कामयाबी के शिखर को छू सकता है।

ला जोला कैलीफोर्निया में “द चोपड़ा सेंटर फार वेल बीइंग” के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी डा.दीपक चोपड़ा ने अपनी पुस्तक “सफलता के सात आध्यात्मिक नियम” में सफलता के लिए जरूरी बातों का उल्लेख करते हुए बताया है कि कामयाबी हासिल करने के लिए अच्छा स्वास्थ्य, ऊर्जा, मानसिक स्थिरता, अच्छा बनने की समझ और मानसिक शांति आवश्यक है।

पहला नियम:

विशुद्ध सामर्थ्य का पहला नियम इस तथ्य पर आधारित है कि व्यक्ति मूल रूप से विशुद्ध चेतना है, जो सभी संभावनाओं और असंख्य रचनात्मकताओं का कार्यक्षेत्र है। इस क्षेत्र तक पहुंचने का एक ही रास्ता है. प्रतिदिन मौन. ध्यान और अनिर्णय का अभ्यास करना। व्यक्ति को प्रतिदिन कुछ समय के लिए मौन.बोलने की प्रकिया से दूर. रहना चाहिए और दिन में दो बार आधे घंटे सुबह और आधे घंटे शाम अकेले बैठकर ध्यान लगाना चाहिए।

इसी के साथ उसे प्रतिदिन प्रकृति के साथ सम्पर्क स्थापित करना चाहिए । शांत बैठकर सूर्यास्त देखें. समुद्र या लहरों की आवाज सुनें तथा फूलों की सुगंध को महसूस करें ।

दूसरा नियम:

सफलता का दूसरा आध्यात्मिक नियम है.- देने का नियम। इसे लेन- देन का नियम भी कहा जा सकता है। पूरा गतिशील ब्रह्मांड विनियम पर ही आधारित है। लेना और देना- संसार में ऊर्जा प्रवाह के दो भिन्न- भिन्न पहलू हैं । 

यदि वह चाहता है कि कोई उसकी देखभाल और सराहना करे तो उसे भी दूसरों की देखभाल और सराहना करना सीखना चाहिए । यदि मनुष्य भौतिक सुख-समृद्धि हासिल करना चाहता है तो उसे दूसरों को भी भौतिक सुख- समृद्धि प्राप्त करने में मदद करनी चाहिए।

तीसरा नियम:

सफलता का तीसरा आध्यात्मिक नियम, कर्म का नियम है। कर्म में क्रिया और उसका परिणाम दोनों शामिल हैं। स्वामी विवेकानन्द ने कहा है- “कर्म मानव स्वतंत्रता की शाश्वत घोषणा है.. हमारे विचार, शब्द और कर्म. वे धागे हैं, जिनसे हम अपने चारों ओर एक जाल बुन लेते हैं। .. वर्तमान में जो कुछ भी घट रहा है. वह व्यक्ति को पसंद हो या नापसंद, उसी के चयनों का परिणाम है जो उसने कभी पहले किये होते हैं।

चौथा नियम:

सफलता का चौथा नियम “अल्प प्रयास का नियम” है। यह नियम इस तथ्य पर आधारित है कि प्रकृति प्रयत्न रहित सरलता और अत्यधिक आजादी से काम करती है। प्रकृति के काम पर ध्यान देने पर पता चलता है कि उसमें सब कुछ सहजता से गतिमान है। घास उगने की कोशिश नहीं करती, स्वयं उग आती है। मछलियां तैरने की कोशिश नहीं करतीं, खुद तैरने लगती हैं, फूल खिलने की कोशिश नहीं करते, खुद खिलने लगते हैं । इसी तरह मनुष्य की प्रकृति है कि वह अपने सपनों को बिना किसी कठिन प्रयास के भौतिक रूप दे सकता है।

आज से मैं घटनाओं, स्थितियों, परिस्थितियों और लोगों को जैसे हैं. वैसे ही स्वीकार करूंगा, उन्हें अपनी इच्छा के अनुसार ढालने की कोशिश नहीं करूंगा। । मैं यह समझूंगा कि प्रत्येक समस्या में सुअवसर छिपा है और यही सावधानी मुझे जीवन में स्थितियों का लाभ उठाकर भविष्य संवारने का मौका देगी।.. ..

पांचवा नियम:

सफलता का पांचवां आध्यात्मिक नियम “उद्देश्य और इच्छा का नियम” बताया गया है। यह नियम इस तथ्य पर आधारित है कि प्रकृति में ऊर्जा और ज्ञान हर जगह विद्यमान है। 

उद्देश्य और इच्छा के नियम का पालन करने के लिए व्यक्ति को इन बातों पर ध्यान देना होगा.. उसे अपनी सभी इच्छाओं को त्यागकर उन्हें रचना के गर्त के हवाले करना होगा और विश्वास कायम रखना होगा कि यदि इच्छा पूरी नहीं होती है तो उसके पीछे भी कोई उचित कारण होगा । हो सकता है कि प्रकृति ने उसके लिए इससे भी अधिक कुछ सोच रखा हो।

छठवां नियम:

सफलता का छठा आध्यात्मिक नियम अनासक्ति का नियम है। इस नियम के अनुसार व्यक्ति को भौतिक संसार में कुछ भी प्राप्त करने के लिए वस्तुओं के प्रति मोह त्यागना होगा। उसे केवल परिणाम के प्रति मोह को त्यागना है। व्यक्ति जैसे ही परिणाम के प्रति मोह छोड देता है. उसी वह अपने एकमात्र उद्देश्य को अनासक्ति से जोड लेता है। तब वह जो कुछ भी चाहता है. उसे स्वयमेव मिल जाता है।

अनासक्ति के नियम का पालन करने के लिए निम्न बातों पर ध्यान देना होगा.. आज मैं अनासक्त रहने का वायदा करता हूं। मैं स्वयं को तथा आसपास के लोगों को पूर्ण रूप से स्वतंत्र रहने की आजादी दूंगा। सब कुछ जितना अनिश्चित होगा. मैं उतना ही अधिक सुरक्षित महसूस करूंगा क्योंकि अनिश्चितता ही मेरे लिए स्वतंत्रता का मार्ग सिद्ध होगी। अनिश्चितता को समझते हुए मैं अपनी सुरक्षा की खोज करूंगा।..

सातवां नियम:

सफलता का सातवां आध्यात्मिक नियम. धर्म का नियम. है। धर्म या जीवन के उद्देश्य का जीवन में आसानी से पालन करने के लिए व्यक्ति को इन विचारों पर ध्यान देना होगा.. ..मैं अपनी असाधारण योग्यताओं की सूची तैयार करूंगा और फिर इस असाधारण योग्यता को व्यक्त करने के लिए किए जाने वाले उपायों की भी सूची बनाऊंगा। अपनी योग्यता को पहचानकर उसका इस्तेमाल मानव कल्याण के लिए करूंगा और समय की सीमा से परे होकर अपने जीवन के साथ दूसरों के जीवन को भी सुख.समृद्धि से भर दूंगा। हर दिन खुद से पूछूंगा..मैं दूसरों का सहायक कैसे बनूं और किस प्रकार मैं दूसरों की सहायता कर सकता हूं। इन प्रश्नों के उत्तरों की सहायता से मैं मानव मात्र की प्रेमपूर्वक सेवा करूंगा।..

त्मिक नियमों को अपनाकर कामयाबी के शिखर को छू सकता है।

ला जोला कैलीफोर्निया में “द चोपड़ा सेंटर फार वेल बीइंग” के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी डा.दीपक चोपड़ा ने अपनी पुस्तक “सफलता के सात आध्यात्मिक नियम” में सफलता के लिए जरूरी बातों का उल्लेख करते हुए बताया है कि कामयाबी हासिल करने के लिए अच्छा स्वास्थ्य, ऊर्जा, मानसिक स्थिरता, अच्छा बनने की समझ और मानसिक शांति आवश्यक है।

पहला नियम:

विशुद्ध सामर्थ्य का पहला नियम इस तथ्य पर आधारित है कि व्यक्ति मूल रूप से विशुद्ध चेतना है, जो सभी संभावनाओं और असंख्य रचनात्मकताओं का कार्यक्षेत्र है। इस क्षेत्र तक पहुंचने का एक ही रास्ता है. प्रतिदिन मौन. ध्यान और अनिर्णय का अभ्यास करना। व्यक्ति को प्रतिदिन कुछ समय के लिए मौन.बोलने की प्रकिया से दूर. रहना चाहिए और दिन में दो बार आधे घंटे सुबह और आधे घंटे शाम अकेले बैठकर ध्यान लगाना चाहिए।

इसी के साथ उसे प्रतिदिन प्रकृति के साथ सम्पर्क स्थापित करना चाहिए । शांत बैठकर सूर्यास्त देखें. समुद्र या लहरों की आवाज सुनें तथा फूलों की सुगंध को महसूस करें ।

दूसरा नियम:

सफलता का दूसरा आध्यात्मिक नियम है.- देने का नियम। इसे लेन- देन का नियम भी कहा जा सकता है। पूरा गतिशील ब्रह्मांड विनियम पर ही आधारित है। लेना और देना- संसार में ऊर्जा प्रवाह के दो भिन्न- भिन्न पहलू हैं । 

यदि वह चाहता है कि कोई उसकी देखभाल और सराहना करे तो उसे भी दूसरों की देखभाल और सराहना करना सीखना चाहिए । यदि मनुष्य भौतिक सुख-समृद्धि हासिल करना चाहता है तो उसे दूसरों को भी भौतिक सुख- समृद्धि प्राप्त करने में मदद करनी चाहिए।

तीसरा नियम:

सफलता का तीसरा आध्यात्मिक नियम, कर्म का नियम है। कर्म में क्रिया और उसका परिणाम दोनों शामिल हैं। स्वामी विवेकानन्द ने कहा है- “कर्म मानव स्वतंत्रता की शाश्वत घोषणा है.. हमारे विचार, शब्द और कर्म. वे धागे हैं, जिनसे हम अपने चारों ओर एक जाल बुन लेते हैं। .. वर्तमान में जो कुछ भी घट रहा है. वह व्यक्ति को पसंद हो या नापसंद, उसी के चयनों का परिणाम है जो उसने कभी पहले किये होते हैं।

चौथा नियम:

सफलता का चौथा नियम “अल्प प्रयास का नियम” है। यह नियम इस तथ्य पर आधारित है कि प्रकृति प्रयत्न रहित सरलता और अत्यधिक आजादी से काम करती है। प्रकृति के काम पर ध्यान देने पर पता चलता है कि उसमें सब कुछ सहजता से गतिमान है। घास उगने की कोशिश नहीं करती, स्वयं उग आती है। मछलियां तैरने की कोशिश नहीं करतीं, खुद तैरने लगती हैं, फूल खिलने की कोशिश नहीं करते, खुद खिलने लगते हैं । इसी तरह मनुष्य की प्रकृति है कि वह अपने सपनों को बिना किसी कठिन प्रयास के भौतिक रूप दे सकता है।

आज से मैं घटनाओं, स्थितियों, परिस्थितियों और लोगों को जैसे हैं. वैसे ही स्वीकार करूंगा, उन्हें अपनी इच्छा के अनुसार ढालने की कोशिश नहीं करूंगा। । मैं यह समझूंगा कि प्रत्येक समस्या में सुअवसर छिपा है और यही सावधानी मुझे जीवन में स्थितियों का लाभ उठाकर भविष्य संवारने का मौका देगी।.. ..

पांचवा नियम:

सफलता का पांचवां आध्यात्मिक नियम “उद्देश्य और इच्छा का नियम” बताया गया है। यह नियम इस तथ्य पर आधारित है कि प्रकृति में ऊर्जा और ज्ञान हर जगह विद्यमान है। 

उद्देश्य और इच्छा के नियम का पालन करने के लिए व्यक्ति को इन बातों पर ध्यान देना होगा.. उसे अपनी सभी इच्छाओं को त्यागकर उन्हें रचना के गर्त के हवाले करना होगा और विश्वास कायम रखना होगा कि यदि इच्छा पूरी नहीं होती है तो उसके पीछे भी कोई उचित कारण होगा । हो सकता है कि प्रकृति ने उसके लिए इससे भी अधिक कुछ सोच रखा हो।

छठवां नियम:

सफलता का छठा आध्यात्मिक नियम अनासक्ति का नियम है। इस नियम के अनुसार व्यक्ति को भौतिक संसार में कुछ भी प्राप्त करने के लिए वस्तुओं के प्रति मोह त्यागना होगा। उसे केवल परिणाम के प्रति मोह को त्यागना है। व्यक्ति जैसे ही परिणाम के प्रति मोह छोड देता है. उसी वह अपने एकमात्र उद्देश्य को अनासक्ति से जोड लेता है। तब वह जो कुछ भी चाहता है. उसे स्वयमेव मिल जाता है।

अनासक्ति के नियम का पालन करने के लिए निम्न बातों पर ध्यान देना होगा.. आज मैं अनासक्त रहने का वायदा करता हूं। मैं स्वयं को तथा आसपास के लोगों को पूर्ण रूप से स्वतंत्र रहने की आजादी दूंगा। सब कुछ जितना अनिश्चित होगा. मैं उतना ही अधिक सुरक्षित महसूस करूंगा क्योंकि अनिश्चितता ही मेरे लिए स्वतंत्रता का मार्ग सिद्ध होगी। अनिश्चितता को समझते हुए मैं अपनी सुरक्षा की खोज करूंगा।..

सातवां नियम:

सफलता का सातवां आध्यात्मिक नियम. धर्म का नियम. है। धर्म या जीवन के उद्देश्य का जीवन में आसानी से पालन करने के लिए व्यक्ति को इन विचारों पर ध्यान देना होगा.. ..मैं अपनी असाधारण योग्यताओं की सूची तैयार करूंगा और फिर इस असाधारण योग्यता को व्यक्त करने के लिए किए जाने वाले उपायों की भी सूची बनाऊंगा। अपनी योग्यता को पहचानकर उसका इस्तेमाल मानव कल्याण के लिए करूंगा और समय की सीमा से परे होकर अपने जीवन के साथ दूसरों के जीवन को भी सुख.समृद्धि से भर दूंगा। हर दिन खुद से पूछूंगा..मैं दूसरों का सहायक कैसे बनूं और किस प्रकार मैं दूसरों की सहायता कर सकता हूं। इन प्रश्नों के उत्तरों की सहायता से मैं मानव मात्र की प्रेमपूर्वक सेवा करूंगा।..

ता के लिए जरूरी बातों का उल्लेख करते हुए बताया है कि कामयाबी हासिल करने के लिए अच्छा स्वास्थ्य, ऊर्जा, मानसिक स्थिरता, अच्छा बनने की समझ और मानसिक शांति आवश्यक है।

पहला नियम:

विशुद्ध सामर्थ्य का पहला नियम इस तथ्य पर आधारित है कि व्यक्ति मूल रूप से विशुद्ध चेतना है, जो सभी संभावनाओं और असंख्य रचनात्मकताओं का कार्यक्षेत्र है। इस क्षेत्र तक पहुंचने का एक ही रास्ता है. प्रतिदिन मौन. ध्यान और अनिर्णय का अभ्यास करना। व्यक्ति को प्रतिदिन कुछ समय के लिए मौन.बोलने की प्रकिया से दूर. रहना चाहिए और दिन में दो बार आधे घंटे सुबह और आधे घंटे शाम अकेले बैठकर ध्यान लगाना चाहिए।

इसी के साथ उसे प्रतिदिन प्रकृति के साथ सम्पर्क स्थापित करना चाहिए । शांत बैठकर सूर्यास्त देखें. समुद्र या लहरों की आवाज सुनें तथा फूलों की सुगंध को महसूस करें ।

दूसरा नियम:

सफलता का दूसरा आध्यात्मिक नियम है.- देने का नियम। इसे लेन- देन का नियम भी कहा जा सकता है। पूरा गतिशील ब्रह्मांड विनियम पर ही आधारित है। लेना और देना- संसार में ऊर्जा प्रवाह के दो भिन्न- भिन्न पहलू हैं । 

यदि वह चाहता है कि कोई उसकी देखभाल और सराहना करे तो उसे भी दूसरों की देखभाल और सराहना करना सीखना चाहिए । यदि मनुष्य भौतिक सुख-समृद्धि हासिल करना चाहता है तो उसे दूसरों को भी भौतिक सुख- समृद्धि प्राप्त करने में मदद करनी चाहिए।

तीसरा नियम:

सफलता का तीसरा आध्यात्मिक नियम, कर्म का नियम है। कर्म में क्रिया और उसका परिणाम दोनों शामिल हैं। स्वामी विवेकानन्द ने कहा है- “कर्म मानव स्वतंत्रता की शाश्वत घोषणा है.. हमारे विचार, शब्द और कर्म. वे धागे हैं, जिनसे हम अपने चारों ओर एक जाल बुन लेते हैं। .. वर्तमान में जो कुछ भी घट रहा है. वह व्यक्ति को पसंद हो या नापसंद, उसी के चयनों का परिणाम है जो उसने कभी पहले किये होते हैं।

चौथा नियम:

सफलता का चौथा नियम “अल्प प्रयास का नियम” है। यह नियम इस तथ्य पर आधारित है कि प्रकृति प्रयत्न रहित सरलता और अत्यधिक आजादी से काम करती है। प्रकृति के काम पर ध्यान देने पर पता चलता है कि उसमें सब कुछ सहजता से गतिमान है। घास उगने की कोशिश नहीं करती, स्वयं उग आती है। मछलियां तैरने की कोशिश नहीं करतीं, खुद तैरने लगती हैं, फूल खिलने की कोशिश नहीं करते, खुद खिलने लगते हैं । इसी तरह मनुष्य की प्रकृति है कि वह अपने सपनों को बिना किसी कठिन प्रयास के भौतिक रूप दे सकता है।

आज से मैं घटनाओं, स्थितियों, परिस्थितियों और लोगों को जैसे हैं. वैसे ही स्वीकार करूंगा, उन्हें अपनी इच्छा के अनुसार ढालने की कोशिश नहीं करूंगा। । मैं यह समझूंगा कि प्रत्येक समस्या में सुअवसर छिपा है और यही सावधानी मुझे जीवन में स्थितियों का लाभ उठाकर भविष्य संवारने का मौका देगी।.. ..

पांचवा नियम:

सफलता का पांचवां आध्यात्मिक नियम “उद्देश्य और इच्छा का नियम” बताया गया है। यह नियम इस तथ्य पर आधारित है कि प्रकृति में ऊर्जा और ज्ञान हर जगह विद्यमान है। 

उद्देश्य और इच्छा के नियम का पालन करने के लिए व्यक्ति को इन बातों पर ध्यान देना होगा.. उसे अपनी सभी इच्छाओं को त्यागकर उन्हें रचना के गर्त के हवाले करना होगा और विश्वास कायम रखना होगा कि यदि इच्छा पूरी नहीं होती है तो उसके पीछे भी कोई उचित कारण होगा । हो सकता है कि प्रकृति ने उसके लिए इससे भी अधिक कुछ सोच रखा हो।

छठवां नियम:

सफलता का छठा आध्यात्मिक नियम अनासक्ति का नियम है। इस नियम के अनुसार व्यक्ति को भौतिक संसार में कुछ भी प्राप्त करने के लिए वस्तुओं के प्रति मोह त्यागना होगा। उसे केवल परिणाम के प्रति मोह को त्यागना है। व्यक्ति जैसे ही परिणाम के प्रति मोह छोड देता है. उसी वह अपने एकमात्र उद्देश्य को अनासक्ति से जोड लेता है। तब वह जो कुछ भी चाहता है. उसे स्वयमेव मिल जाता है।

अनासक्ति के नियम का पालजीवन में सफलता हासिल करने का वैसे तो कोई निश्चित फार्मूला नहीं है लेकिन मनुष्य सात आध्यात्मिक नियमों को अपनाकर कामयाबी के शिखर को छू सकता है।

ला जोला कैलीफोर्निया में “द चोपड़ा सेंटर फार वेल बीइंग” के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी डा.दीपक चोपड़ा ने अपनी पुस्तक “सफलता के सात आध्यात्मिक नियम” में सफलता के लिए जरूरी बातों का उल्लेख करते हुए बताया है कि कामयाबी हासिल करने के लिए अच्छा स्वास्थ्य, ऊर्जा, मानसिक स्थिरता, अच्छा बनने की समझ और मानसिक शांति आवश्यक है।

पहला नियम:

विशुद्ध सामर्थ्य का पहला नियम इस तथ्य पर आधारित है कि व्यक्ति मूल रूप से विशुद्ध चेतना है, जो सभी संभावनाओं और असंख्य रचनात्मकताओं का कार्यक्षेत्र है। इस क्षेत्र तक पहुंचने का एक ही रास्ता है. प्रतिदिन मौन. ध्यान और अनिर्णय का अभ्यास करना। व्यक्ति को प्रतिदिन कुछ समय के लिए मौन.बोलने की प्रकिया से दूर. रहना चाहिए और दिन में दो बार आधे घंटे सुबह और आधे घंटे शाम अकेले बैठकर ध्यान लगाना चाहिए।

इसी के साथ उसे प्रतिदिन प्रकृति के साथ सम्पर्क स्थापित करना चाहिए । शांत बैठकर सूर्यास्त देखें. समुद्र या लहरों की आवाज सुनें तथा फूलों की सुगंध को महसूस करें ।

दूसरा नियम:

सफलता का दूसरा आध्यात्मिक नियम है.- देने का नियम। इसे लेन- देन का नियम भी कहा जा सकता है। पूरा गतिशील ब्रह्मांड विनियम पर ही आधारित है। लेना और देना- संसार में ऊर्जा प्रवाह के दो भिन्न- भिन्न पहलू हैं । 

यदि वह चाहता है कि कोई उसकी देखभाल और सराहना करे तो उसे भी दूसरों की देखभाल और सराहना करना सीखना चाहिए । यदि मनुष्य भौतिक सुख-समृद्धि हासिल करना चाहता है तो उसे दूसरों को भी भौतिक सुख- समृद्धि प्राप्त करने में मदद करनी चाहिए।

तीसरा नियम:

सफलता का तीसरा आध्यात्मिक नियम, कर्म का नियम है। कर्म में क्रिया और उसका परिणाम दोनों शामिल हैं। स्वामी विवेकानन्द ने कहा है- “कर्म मानव स्वतंत्रता की शाश्वत घोषणा है.. हमारे विचार, शब्द और कर्म. वे धागे हैं, जिनसे हम अपने चारों ओर एक जाल बुन लेते हैं। .. वर्तमान में जो कुछ भी घट रहा है. वह व्यक्ति को पसंद हो या नापसंद, उसी के चयनों का परिणाम है जो उसने कभी पहले किये होते हैं।

चौथा नियम:

सफलता का चौथा नियम “अल्प प्रयास का नियम” है। यह नियम इस तथ्य पर आधारित है कि प्रकृति प्रयत्न रहित सरलता और अत्यधिक आजादी से काम करती है। प्रकृति के काम पर ध्यान देने पर पता चलता है कि उसमें सब कुछ सहजता से गतिमान है। घास उगने की कोशिश नहीं करती, स्वयं उग आती है। मछलियां तैरने की कोशिश नहीं करतीं, खुद तैरने लगती हैं, फूल खिलने की कोशिश नहीं करते, खुद खिलने लगते हैं । इसी तरह मनुष्य की प्रकृति है कि वह अपने सपनों को बिना किसी कठिन प्रयास के भौतिक रूप दे सकता है।

आज से मैं घटनाओं, स्थितियों, परिस्थितियों और लोगों को जैसे हैं. वैसे ही स्वीकार करूंगा, उन्हें अपनी इच्छा के अनुसार ढालने की कोशिश नहीं करूंगा। । मैं यह समझूंगा कि प्रत्येक समस्या में सुअवसर छिपा है और यही सावधानी मुझे जीवन में स्थितियों का लाभ उठाकर भविष्य संवारने का मौका देगी।.. ..

पांचवा नियम:

सफलता का पांचवां आध्यात्मिक नियम “उद्देश्य और इच्छा का नियम” बताया गया है। यह नियम इस तथ्य पर आधारित है कि प्रकृति में ऊर्जा और ज्ञान हर जगह विद्यमान है। 

उद्देश्य और इच्छा के नियम का पालन करने के लिए व्यक्ति को इन बातों पर ध्यान देना होगा.. उसे अपनी सभी इच्छाओं को त्यागकर उन्हें रचना के गर्त के हवाले करना होगा और विश्वास कायम रखना होगा कि यदि इच्छा पूरी नहीं होती है तो उसके पीछे भी कोई उचित कारण होगा । हो सकता है कि प्रकृति ने उसके लिए इससे भी अधिक कुछ सोच रखा हो।

छठवां नियम:

सफलता का छठा आध्यात्मिक नियम अनासक्ति का नियम है। इस नियम के अनुसार व्यक्ति को भौतिक संसार में कुछ भी प्राप्त करने के लिए वस्तुओं के प्रति मोह त्यागना होगा। उसे केवल परिणाम के प्रति मोह को त्यागना है। व्यक्ति जैसे ही परिणाम के प्रति मोह छोड देता है. उसी वह अपने एकमात्र उद्देश्य को अनासक्ति से जोड लेता है। तब वह जो कुछ भी चाहता है. उसे स्वयमेव मिल जाता है।

अनासक्ति के नियम का पालन करने के लिए निम्न बातों पर ध्यान देना होगा.. आज मैं अनासक्त रहने का वायदा करता हूं। मैं स्वयं को तथा आसपास के लोगों को पूर्ण रूप से स्वतंत्र रहने की आजादी दूंगा। सब कुछ जितना अनिश्चित होगा. मैं उतना ही अधिक सुरक्षित महसूस करूंगा क्योंकि अनिश्चितता ही मेरे लिए स्वतंत्रता का मार्ग सिद्ध होगी। अनिश्चितता को समझते हुए मैं अपनी सुरक्षा की खोज करूंगा।..

सातवां नियम:

सफलता का सातवां आध्यात्मिक नियम. धर्म का नियम. है। धर्म या जीवन के उद्देश्य का जीवन में आसानी से पालन करने के लिए व्यक्ति को इन विचारों पर ध्यान देना होगा.. ..मैं अपनी असाधारण योग्यताओं की सूची तैयार करूंगा और फिर इस असाधारण योग्यता को व्यक्त करने के लिए किए जाने वाले उपायों की भी सूची बनाऊंगा। अपनी योग्यता को पहचानकर उसका इस्तेमाल मानव कल्याण के लिए करूंगा और समय की सीमा से परे होकर अपने जीवन के साथ दूसरों के जीवन को भी सुख.समृद्धि से भर दूंगा। हर दिन खुद से पूछूंगा..मैं दूसरों का सहायक कैसे बनूं और किस प्रकार मैं दूसरों की सहायता कर सकता हूं। इन प्रश्नों के उत्तरों की सहायता से मैं मानव मात्र की प्रेमपूर्वक सेवा करूंगा।..

न करने के लिए निम्न बातों पर ध्यान देना होगा.. आज मैं अनासक्त रहने का वायदा करता हूं। मैं स्वयं को तथा आसपास के लोगों को पूर्ण रूप से स्वतंत्र रहने की आजादी दूंगा। सब कुछ जितना अनिश्चित होगा. मैं उतना ही अधिक सुरक्षित महसूस करूंगा क्योंकि अनिश्चितता ही मेरे लिए स्वतंत्रता का मार्ग सिद्ध होगी। अनिश्चितता को समझते हुए मैं अपनी सुरक्षा की खोज करूंगा।..

सातवां नियम:

सफलता का सातवां आध्यात्मिक नियम. धर्म का नियम. है। धर्म या जीवन के उद्देश्य का जीवन में आसानी से पालन करने के लिए व्यक्ति को इन विचारों पर ध्यान देना होगा.. ..मैं अपनी असाधारण योग्यताओं की सूची तैयार करूंगा और फिर इस असाधारण योग्यता को व्यक्त करने के लिए किए जाने वाले उपायों की भी सूची बनाऊंगा। अपनी योग्यता को पहचानकर उसका इस्तेमाल मानव कल्याण के लिए करूंगा और समय की सीमा से परे होकर अपने जीवन के साथ दूसरों के जीवन को भी सुख.समृद्धि से भर दूंगा। हर दिन खुद से पूछूंगा..मैं दूसरों का सहायक कैसे बनूं और किस प्रकार मैं दूसरों की सहायता कर सकता हूं। इन प्रश्नों के उत्तरों की सहायता से मैं मानव मात्र की प्रेमपूर्वक सेवा करूंगा।..

अमित

अमित

वर्तिका जी सुझाव के लिए व् लेख पढ़ने के लिए धन्यवाद !

5 अक्टूबर 2015

वर्तिका

वर्तिका

सुन्दर कहानी अमित जी! किसी कारणवश, आपका लेख में बहुत खाली स्पेस दिखाई दे रही है!

5 अक्टूबर 2015

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बिजली चोरी रोकने के लिए सरकार प्रीपेड सेवा शुरू करे

5 जून 2015
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~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ बिजली चोरी रोकने के लिए सरकार प्रीपेड सेवा शुरू करे ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ अंदाज़ अपने देखते हैं आइने में वो और ये भी देखते हैं कोई देखता न हो अक़बर इलाहाबादी का ये

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बाँटो हंसी खुशी प्यार पैसे नहीं लगते।

25 जून 2015
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एक बार सोच के देखो……… बचपन में हम खुशियों की वजह नहीं ढूंढते थे हर चीज़ में खुशी मिलती थी हमे याद करना जरा एरोप्लेन जाता था उसे देख हम टाटा करके कितने खुश होते थे,जब घर क बाहर आइस-क्रीम वाले की घंटी टन -टन करती थी तो हम खिड़की से ही आवाज़

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गिनीज बुक के अजीबोगरीब

19 अप्रैल 2015
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सबसे छोटा इंसान : नेपाल के चंद्र बहादुर डांगी दुनिया के सबसे छोटे व्यक्ति हैं। गिनीज बुक की ओर से उन्हें दो पुरस्कार दिए गए हैं, एक सबसे छोटे कद के वयस्क का और दूसरा सबसे छोटे कद के जीवित पुरुष का। उनका कद महज 21.5 इंच है। वहीं दुनिया के सबसे ऊंचे व्यक्ति सुलतान कोसेन का कद आठ फीट तीन इंच है।

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'मैरिटल रेप' पर क़ानून तो है पर मुश्किल है राह

30 मई 2015
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दुनिया भर के कई देशों में मैरिटल रेप या शादीशुदा संबंध के दौरान होने वाले बलात्कार को अपराध माना जाता है. अमरीका में भी साल 1993 से शादी में बलात्कार या मैरिटल रेप को कानूनी तौर पर अपराध माना गया है. यहां के कई राज्यों में शादी में रेप के मामले में दोषी व्यक्ति को 7 साल से लेकर उम्र कैद तक की स

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कैसे अपना इलाज करते हैं जानवर

3 मई 2015
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आपने कुत्ते और बिल्ली को घास खाते देखा होगा. बीमार होने पर वो ऐसा करते हैं. और भी कई जीव ऐसे ही अपना प्राकृतिक इलाज करते हैं. उनका सहज ज्ञान इंसान के लिए भी फायदेमंद हो सकता है. परजीवियों से बचाव चिंपाजी जब विषाणुओं के संक्रमण से बीमार होते हैं या फिर उन्हें डायरिया या मलेरिया होता है त

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सिर्फ पांच घंटे चला था विश्व प्रसिद्ध हल्दीघाटी का युद्ध

5 अप्रैल 2015
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इतिहास में ऐसे कई मोड़ आते हैं जो विश्व के इतिहास में, दुनिया की यादों में और वीरता की कहानियों में अमिट छाप छोड़ जाते हैं। हल्दी घाटी का युद्ध आजादी की सदाकांक्षा का परिणाम था जिसे वीरता और बलिदान का प्रतीक माना जाता है। यह युद्ध बहुत कम समय तक चला लेकिन वीरता के अनोखे पन्ने इसमें दर्ज हैं। 18 जून

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ध्यान रखें : खजाना या गड़ा धन मिलने से पहले कुछ ऐसा होने लगता है

9 जून 2015
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ऐसा माना जाता है कि खजाना हर किसी व्यक्ति को नहीं मिल सकता। जिसकी किस्मत में अचानक अपार धन प्राप्त करने के योग हैं वहीं गुप्त खजाना प्राप्त कर सकता है। अचानक धन लाभ होने से पहले आपको किस्मत के इशारे मिलते हैं।ये इशारे सपने में और खुली आखों से या आसपास होने वाली छोटी-छोटी घटनाओं के रूप में महसुस होते

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भगवद् गीता को पाठ्यक्रम मे शामिल करना

18 मार्च 2015
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भगवद् गीता को पाठ्यक्रम मे शामिल करने पर हरियाणा राज्य को बधाई... हरियाणा राज्य मे अप्रैल से स्कुलों मे भगवद् गीता पढ़ाई जायेगी। श्रीमद भगवद् गीता ने हमेशा से ही हमें जीवन में आगे बढ़ने और बुराई से लड़ने का मार्ग बताया है। अब समय आ गया है जब इस ग्रन्थ को भारत के हर बच्चे को पढना चाहिए और इसकी शिक्

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क्या आप जानते हैं अपने 16 संस्कारों को?

26 अप्रैल 2015
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सनातन धर्म के शास्त्रों के अनुसार 16 प्रकार के संस्कारों का उल्लेख पाया जाता है। 16 संस्कार – क्या आप जानते हैं अपने 16 संस्कारों को ? और 16 में से कितने संस्कारों को अपने जीवन में उतारते हैं हम सब ? सनातन धर्म में जन्म से लेकर मृत्यु तक कुल सोलह संस्कार बताए गये हैं, सभी मनुष्यों के लिए 16 प्रक

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कबीर दास के दोहे

19 मार्च 2015
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जहां दया तहं धर्म है, जहां लोभ तहं पाप। जहां क्रोध तहं काल है, जहां क्षमा आप॥ चाह गई चिंता मिटी, मनुआ बेपरवाह। जिनको कछू न चाहिए, सोई साहंसाह॥ हीरा पड़ा बाज़ार में, रहा छार लपटाय। बहुतक मूरख चलि गए, पारख लिया उठाय॥ बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिल्य कोए। जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोए॥ चलत

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रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद के बीच एक दुर्लभ संवाद

28 मई 2015
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रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद के बीच एक दुर्लभ संवाद आपसे शेयर कर रहा हूँ....हो सकता है जीवन जीने का कुछ नया नज़रिया मिल जाए....या फिर मिल जाए कुछ चुनिन्दा प्रश्नो के व्याख्यान...गौर से पढ़िएगा पूरा पढ़िएगा...!!! रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद के ब

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हर कल्पना को सच करता है अवचेतन मन

25 मई 2015
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चेतन मन माली है। वह जिस बीज का चुनाव कर अवचेतन मन को देता है, चाहे वह नीम का हो या आम का या फूल का या जहर का, अवचेतन मन अपनी खेती में बहुत बढ़िया से फसल पैदा कर देता है। अवचेतन मन, चेतन मन का गुलाम है। जो वह हुक्म देता है, अवचेतन मन, ‘जो हुक्म आका’ कहकर फलीभूत कर देता है। ये ऐसा देवदूत है जो आपके

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पासवर्ड: हैकिंग का खतरा और बचाव

31 मार्च 2015
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×Also on the web 3 Facts About Health That Will Make Your Eyes Go Wide Ads By PicRec पासवर्ड उन सभी व्यक्तियों के जीवन का अटूट हिस्सा बन गए हैं जो कम्प्यूटर का प्रयोग करते हैं। इस मशीन का आप जितना ज़्यादा प्रयोग करते हैं –पासवर्ड उतने ही अधिक और महत्त्वपूर्ण होते जाते हैं। और चोरी महत्त्वपूर्

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सामान्य से विश्वस्तरीय बनने के 51 तरीके - रोबिन शर्मा - भाग १

1 जून 2015
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Robin Sharma आप क्या चाहते हैं इसे समझें, यही आपको शक्ति देगा। क्यूंकि धुंधला लक्ष्य धुंधले परिणाम देता है । याद रखें हर समस्या का समाधान है . हो सकता है अब तक आप हल देख ही न पा रहे हों । इस नाटकीय विकर्षण की दुनिया में, जो व्यक्ति सबसे एकाग्रचित होता है वाही सबसे बड़ी जीत

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बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश का रास्ता साफ

14 मार्च 2015
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संपादकीय बी मा के क्षेत्र में एफडीआई की सीमा 26 फीसदी से बढ.ाकर 49 फीसदी करने के विधेयक को शुक्रवार को राज्यसभा में मंजूरी मिलने के साथ ही बीते 8 सालों से अटका यह बिल पारित हो गया. लोकसभा के बाद राज्यसभा में पारित होने के साथ ही बीमा कानून (संशोधन) विधेयक कानून की शक्ल

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200 सालों के बाद इंसान बन सकेगा भगवान

7 जून 2015
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नयी दिल्ली। अब तक आप और हम भगवान होने की कथाएं और कहानियां ही सुनते आ रहे हैं। हमने कईयों बार कथाओं ने इंसान के भगवान होने की बातें सुनी है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि कुछ सालों के बाद इंसान में भगवान बनने की ताकत आ जाएगी। जी हां ये दावा एक इतिहासकार ने किया है कि 200 सालों के बाद एक आम इंसान

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तेल ने किया पर्यावरण का तेल

10 अप्रैल 2015
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ज़िस पेट्रोलिय़म को अधुऩिक सभ्य़ता का अग्रदूत कहा ज़ाता हैं, वह वरदाऩ हैं अथवा अभिशाप हैं, क्य़ोंकि इस के उपय़ोग से भारी प्रदूषण हो रहा हैं ज़िससे इस धरती पर ज़ीवऩ चुऩौतीपूर्ण हो गय़ा । आज़ पेट्रोलिय़म तथा औद्य़ोगिक कचरा समुद्रों का प्रदूषण बढ़ा रहा हैं, तेल के रिसाव-फैलाव ऩई मुसीबतें हैं । इस तेल

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सर्पदंश से बचाव और उपचार!

13 जून 2015
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सर्पदंश की घटनाएं अब अखबारों की सुर्खियां बनने लगी हैं. क्योंकि अब उनका प्रणय काल करीब है. गर्मी भी बढ़ रही हैं. सापों की गतिविधियाँ भी बढ़ रही हैं। इसलिए इनसे सावधान रहने की जरुरत है. भारत में जहरीले सांपो की एक बड़ी चौकड़ी है -करैत (Krait),कोबरा (Cobra), रसेल वाईपर (Russell Viper) और सा स्केल्ड

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पत्नी पर निबंध-Essay on Wife

8 मार्च 2015
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पत्नी नामक प्राणी भारत सहित पुरे विश्व में बहुताय पाए जाती है. * प्राचीन समयमें यह भोजन शाला में पायी जाती थी,लेकिन वर्तमान में यह शौपिंग मोल्स, theaters, व् रेस्तौरेंट्स के नजदीक विचरती हुई अधिक पायी जाती है. * पहले इस प्रजाति में लम्बे बाल, सुन्दर आकृति व् पुरे वस्त्र प्रायः पाये जाते

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धारा -370, यहां लागू नहीं होते भारत के कानून

28 जून 2015
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जम्मू। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 370 एक 'अस्‍थायी प्रबंध' के जरिए जम्मू और कश्मीर को एक विशेष स्वायत्ता वाला राज्य का दर्जा देता है। भारतीय संविधान के भाग 21 के तहत, जम्मू और कश्मीर को यह ''अस्‍थायी, परिवर्ती और विशेष प्रबंध'' वाले राज्य का दर्जा मिलता है। भारत के सभी राज्यों में लागू होने वाल

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न दैन्यं न पलायनम्

18 मार्च 2015
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रसोई और आयुर्वेद पहले मुझे लगता था कि आयुर्वेद को अपनाना कितना कठिन होगा, पूरी जीवनशैली में आमूलचूल परिवर्तन करना पड़ेगा। अपना जीवन तो फिर भी ढाला जा सकता है, पर रसोई में कोई हस्तक्षेप गृहस्वामी के लिये मँहगा पड़ सकता है। गहरे उतरा, तो पाया कि कितना सरल है आयुर्वेद को अपनाना और किस तरह से भारतीय जी

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ग्रहों के अच्छे-बुरे प्रभाव बताते हैं आपके सिग्नेचर

27 अप्रैल 2015
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हस्ताक्षर का महत्व सदियों से लोगों के चरित्र को भांपने के विचित्र तरीकों को आजमाया गया है। कौन किस प्रकार से बात करता है, उससे उसके चरित्र की झलक मिलती है। यहां तक कि व्यक्ति के चलने के तरीके, किसी से वार्तालाप करते समय हाथ-पांव को उपयोग करने का तरीका और अब तो व्यक्ति के हस्ताक्षर

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ह्रदय के बारे में महत्वपूर्ण सुचना

13 मार्च 2015
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Meer Kaushik दोस्तो अमेरिका की बड़ी बड़ी कंपनिया जो दवाइया भारत मे बेच रही है ! वो अमेरिका मे 20 -20 साल से बंद है ! आपको जो अमेरिका की सबसे खतरनाक दवा दी जा रही है ! वो आज कल दिल के रोगी ( heart patient) को सबसे दी जा रही है !! भगवान न करे कि आपको कभी जिंदगी मे heart attack आए !लेकिन अगर आ गया तो

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अब खुदकुशी करने से बचाएगा facebook !

7 मई 2015
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' न्यूयॉर्क: फेसबुक ने अपने फीचरों में एक नया अपडेट किया है जो मानसिक रूप से परेशान दिखने वाले आपके दोस्त के जीवन को आसानी से बचा सकता है। अगर फेसबुक का कोई दोस्त अपनी फेसबक बॉल पर कुछ ऐसा लिखता है जिससे स्पष्ट हो कि वह स्वयं को क्षति पहुंचा सकता है तो उपयोगकर्ता पोस्ट पर बने तीर के एक निशान पर क्ल

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सुकन्या समृद्धि योजना>>≥>>>>>>>>

22 मार्च 2015
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बेटी की पढ़ाई व शादी के लिए पैसे की टेंशन दूर करने को अब आप डाक विभाग के पास ‘सुकन्या समृद्धि योजना’ का अकाउंट खुलवा सकते हैं। जनवरी में पीएम नरेंद्र मोदी ने हरियाणा में ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ कैंपेन में इस स्कीम की शुरुआत की थी। इसके बाद अब पजाब में भी इसके खाते खुलने शुरू हो गए हैं। डाक विभाग क

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नारी स्वयं नारी के लिए संवेदनहीन क्यों

28 मई 2015
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यह तो सभी जानते हैं हमारे देश में महिला समाज को सदियों से प्रताड़ित किया जाता रहा है उसे सदैव पुरुष के हाथों की कठपुतली बनाया गया.उसे अपने पैरों की जूती समझा गया.उसके अस्तित्व को पुरुष वर्ग की सेवा के लिए माना गया . परन्तु आधुनिक परिवर्तन के युग में समाज के शिक्षित होने के कारण महिला समाज में भी अ

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ऐसा नियम जो बच्चों के साथ बड़ों पर भी लागु होता है.

26 मई 2015
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प्रख्यात मनोविज्ञानी सिगमंड फ्रायड अवकाश के दिन अपनी पत्नी और बच्चे के साथ एक बगीचे में घूमने पहुंचे। लौटते समय वह इतने मशगूल थे कि उन्हें अपने बच्चे का ध्यान ही नहीं रहा। बच्चे को न पाकर उनकी पत्नी घबरा गईं, लेकिन फ्रायड को जैसे कुछ हुआ ही नहीं। उनकी पत्नी फ्रायड से रोष में बोलीं आप खाम

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स्वतंत्रता की प्रतिमा का इतिहास

28 मार्च 2015
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लिबर्टी राष्ट्रीय स्मारक की प्रतिमा आधिकारिक तौर पर 28 अक्टूबर 1986 पर उसे 100 वां जन्मदिन मनाया जाता है, फ्रांस के लोगों को अमेरिकी क्रांति के दौरान स्थापित दोस्ती की मान्यता में एक सौ से अधिक साल पहले संयुक्त राज्य अमेरिका के लोगों को प्रतिमा दी गई थी. इन वर्षों में, लिबर्टी के प्रतीकों की प्रतिम

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कोर्ट में सब से पहले गीता पर क्यों हाथ रखवाते हैं?

29 मई 2015
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कोर्ट में सब से पहले गीता पर क्यों हाथ रखवाते हैं? कोर्ट में वेद , रामायण या उपनिषद क्यों नहीं रखते? सर्वप्रथम अत्यंत बोधप्रद प्रश्न के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद मेरे विचार से सर्व शास्त्रमयी गीता धर्म व अधर्म के टकराव का निरूपण नहीं करती वरण गीता के माध्यम से दो धर्मों के संघर्ष का निरूपण एवँ

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भारतीय मीडिया की परिपक्वता पर सवाल

14 मार्च 2015
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अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रमुख हो या विचाराधीन मामलों में मीडिया का संयम. निर्मल यादव का कहना है कि भारत में फटाफट खबर ब्रेक करने की अंधाधुंध होड़ ने प्रेस की परिपक्वता पर सवालिया निशान लगा दिया है. मीडिया की खबरें न्यायाधीशों के फैसलों पर असर डालती हैं. निर्भया मामले में विवादास्पद डॉक्यूमेंट्र

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सुंदरकांड का पाठ करने से मिलते हैं ये लाभ

30 मई 2015
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अक्सर शुभ अवसरों पर गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस के सुंदरकांड का पाठ किया जाता है। शुभ कार्यों की शुरुआत से पहले सुंदरकांड का पाठ करने का विशेष महत्व माना गया है। जब भी किसी व्यक्ति के जीवन में ज्यादा परेशानियां हों, कोई काम नहीं बन रहा हो, आत्मविश्वास की कमी हो या कोई और समस्या ह

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प्लास्टिक की बोतल से पीते हैं पानी तो हो जाएं सावधान

3 अप्रैल 2015
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आज कल लोगों में प्‍लास्टिक की बोतल से पानी पीने का चलन काफी ज्‍यादा बढ़ गया है। लंबा सफर करना हो या फिर पानी पीने की ज्‍यादा आदत के कारण प्‍लास्‍टिक की बोतल हमेशा बैग में रखी मिल जाती है। लेकिन दोस्‍तों प्‍लास्टिक की बोतल का प्रयोग करना स्‍वास्‍थ्‍य के लिहाज से बहुत ही ही हानिकारक है। अगर आप प्‍ला

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लाइफ इंश्योरेंस में क्लेम प्रक्रिया क्या आप जानते है ?

5 जून 2015
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इंश्योरेंस दरअसल रिस्क मैनेजमेंट। आप उस घटना से जुड़ी रिस्क को कम करने के लिये पैसे देते हैं जो नहीं चाहते कि कभी भी आपके जीवन में हो। प्रीमियम इस आधार पर तय किया जाता है कि उस घटना के घटने की आशंका कितनी है। आशंका जितनी अधिक होगी, प्रीमियम भी उतना ही अधिक होगा। कार का इंश्योरेंस कार की कीमत के 3

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आकाशगंगा को निगलता विशाल ब्लैक होल

1 मार्च 2015
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वैज्ञानिकों ने ब्रह्मांड में एक बहुत ही बड़ा ब्लैक होल खोजा है. यह 12 अरब सूर्यों से भी ज्यादा बड़ा है और धीरे धीरे एक आकाशगंगा को निगल रहा है. यह खोज बीजिंग की शुई-बिंग वू यूनिवर्सिटी के इंटरनेशनल रिसचर्रों की टीम ने की है. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यह ब्लैक होल ब्रह्मांड की शुरुआत के दौरान बना

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दुनिया की 12 ऐसी अजीबोगरीब गुत्थियां जिन्हें आज तक कोई नहीं सुलझा सका है

6 जून 2015
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मानव अपनी उत्पत्ति के बाद से ही हमेशा विकासशील रहा है, कहते हैं कि मानव के पूर्वज बंदर हुआ करते थे, जिनके क्रमिक विकास के बाद मानव आज इतना आगे आ चुका है कि आज चांद और सारे ग्रह-उपग्रह उसकी जद में हैं. मगर इतने विकसित होने के बावजूद प्रकृति और इस ब्रम्हांड ने इतना सब कुछ अपने गर्भ में छिपा रखा है कि

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जीवन में काल बन सकता है काल सर्प योग

8 अप्रैल 2015
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क्‍या आप नौकरी को लेकर बेहद परेशान हैं? क्‍या आप कड़ी मेहनत करते हैं, फिर भी परिणाम अच्‍छे नहीं मिलते? क्‍या आप संतान को लेकर परेशान हैं, या आपको संतान प्राप्ति नहीं हो रही है? यदि ऐसा है, तो अपनी कुंडली खुद देखें, कहीं उसमें काल सर्प योग तो नहीं? अगर है, तो निश्चित तौर पर आप किसी न किसी परेशानी से

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मंत्रों में निहित शक्ति एवं उसकी जाग्रति

8 जून 2015
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ईथर तत्व में शब्द प्रवाह के संचरण को रेडियो यंत्र अनुभव करा सकता है, पर ‘ईथर’ को उसके असली रूप में देखा जा सकना सम्भव नहीं गर्मी, सर्दी, सुख, दुःख की अनुभूति होती है, उन्हें पदार्थ की तरह प्रत्यक्ष नहीं देखा जा सकता। उसी तरह मंत्र में उच्चरित शब्दावली मंत्र की मूल शक्ति नहीं वरन् उसको सजग करने का

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जहर या दवा

15 मार्च 2015
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जहर लोगों की जान लेता है, पर कहते हैं कि जहर ही जहर को काटता भी है. यही वजह है कि सांप, बिच्छू और मकड़ी के जहर से दवाएं बनती हैं, जो मधुमेह, दिल की बीमारी और अल्जाइमर में भी फायदा पहुंचाती है. जहर से दिल का इलाज ऑस्ट्रेलिया में पाया जाने वाला ये सांप सबसे जहरीला माना जाता है. इस सांप का जह

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क्या भारत मे सेक्स क्रांति की शुरुवात हो चुकी है ?

12 जून 2015
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Image Source भारत में स्त्री-पुरुषों के संबंधों में जितना बदलाव पिछले दस सालों में आया है उतना शायद पिछले तीन हज़ार सालों में भी नहीं हुआ है. सेक्स अब रज़ाइयों के दायरे से निकल कर बैठकों की दहलीज़ को छू रहा है. संबंधों का पुराना फ़ार्मूला था पहले शादी, फिर सेक्स और उसके बाद प्यार. नए फ़

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दाह संस्कारः कितना उचित?

14 अप्रैल 2015
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सत्यार्थ प्रकाश’ में स्वामी दयानंद सरस्वती ने एक प्रश्न की समीक्षा में लिखा है कि मुर्दे को गाड़ने से संसार की बड़ी हानि होती है, क्योंकि वह सड़कर वायु को दुर्गन्धमय कर रोग फैला देता है। स्वामी जी आगे लिखते हैं कि मुर्दों को गाड़ने से अधिक भूमि खराब होती है। कब्रों को देखने से भय भी होता है, इसलिए

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रक्तदान - जिंदगी का महादान

14 जून 2015
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स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 1997 से 14 जून को विश्व रक्तदान दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की. इस मुहिम के पीछे मकसद विश्वभर में रक्तदान की अहमियत को समझाना था. लेकिन दुनियां के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत (India) में इस मुहिम को उतना प्रोत्साहन नहीं

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वैश्विक जलवायु परिवर्तन के संभावित प्रभाव-एक आकलन

23 फरवरी 2015
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-डॉ. अरविन्द सिंह जलवायु परिवर्तन का प्रमुख कारण वैश्विक तपन है जो हरितगृह प्रभाव (Green house effect) का परिणाम है। हरितगृह प्रभाव वह प्रक्रिया है जिसमें पृथ्वी की सतह से टकराकर लौटने वाली सूरज की किरणों को वातावरण में उपस्थित कुछ गैसें अवशोषित कर लेती हैं परिणामस्वरूप पृथ्वी के तापमान में वृद्धि

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कोर्ट में केस पेंडेंसी कम करने के उपाय

25 जून 2015
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नेशनल लॉ कॉन्फ्रेस होती है और खत्म हो जाती है, परन्तु कोर्ट में केस पेंडेंसी का मुद्दा कायम रहता हैै। लेकिन लोक अदालतें रच रही है फैसलों का रिकॉर्ड क्यों ? प्रदेश में पहली लोक अदालत 1985 में शुरु हुई थी, लगभग पिछले चार साल में इन अदालतों ने 17 लाख मुक्दमों का निपटारा किया। सुप्रीम कोर्ट के जज

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नारी की पूजा इस देश में कहीं भी न तो पूजा की जाती है, न की जाती थी।

23 अप्रैल 2015
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जहाँ तक नारी या स्त्री की पूजा की जाने की बात है तो पहली बात तो ये कि नारी की इस देश में कहीं भी न तो पूजा की जाती है, न की जाती थी। केवल नारी प्रतिमा दुर्गा देवी, कालिका देवी आदि अनेकों नामों से देवियों के रूप में पूजा अवश्य की जाती रही है। मनु महाराज के जिस एक श्लोक (यत्र नार्यस्त पूज्यंते रमन्ते

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शिक्षा एक वस्तु

25 अप्रैल 2015
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आजकल शिक्षा को लेकर देश में एक बहस छिड़ी हुई है . नए केंद्रीय शिक्षा मंत्री शिक्षा को लेकर अपने पूर्व मंत्रियों की तुलना में कुछ ज्यादा ही उत्साहित हैं . और उनका विरोध या उनके द्वारा अभिव्यक्त की गयी मंशाओं और उनके द्वारा लाए गए प्रारूपों के विरोध में मुखरित स्वर भी उतने ही उत्साहित हैं . पहले ही स

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श्री अटल बिहारी वाजपेयी की एक कविता - ऊँचाई-A Poem by Shri Atal Bihari Bajpai

8 मार्च 2015
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अटल बिहारी वाजपेयी की एक कविता - ऊँचाई ऊँचाई ऊँचे पहाड़ पर, पेड़ नहीं लगते, पौधे नहीं उगते, न घास ही जमती है। जमती है सिर्फ बर्फ, जो, कफन की तरह सफेद और, मौत की तरह ठंडी होती है। खेलती, खिल-खिलाती नदी, जिसका रूप धारण कर, अपने भाग्य पर बूंद-बूंद रोती है। ऐसी ऊँचाई, जिसका परस पानी को पत्थर

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दुनिया का सबसे महंगा मैटेरियल

26 अप्रैल 2015
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एंटीमैटर -1 ग्राम की कीमत 3,12,500 अरब रुपये धरती का सबसे महंगा मैटेरियल दुनिया के सबसे महंगे मैटेरियल की कीमत सुनकर आप दंग रह जाएंगे। इसका नाम जानने के बाद आप ये सोंच भी नहीं सकेंगे कि वाकई में इसकी कीमत इतनी ज्यादा होगी। आपमें से कई लोग इसे सोना, चांदी या हीरा मान रहे होंगे। अगर ऐसा है त

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वॉट्सऐप से कैसे कर सकते है आप फ्री वॉयस कॉलिंग पढ़े

19 मार्च 2015
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वर्ल्डनाउ डैस्क। वॉट्सऐप ने फ्री वॉयस कॉलिंग फीचर कुछ चुनिंदा एंड्रॉयड यूजर्स के ‌लिए जारी कर दिया है। वॉट्सऐप में पहले भी कॉलिंग सुविधा उपलब्‍ध थी, लेकिन ये साधारण कॉल करने जैसा ही था। जिसमें यूजर को नेटवर्क के जरिए कॉल करने पर पैसे चुकाने होते थे। अगर आप वॉट्सऐप फ्री वॉयस कॉलिंग का मजा उठाना चा

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ऐसे होते हैं मृत्यु के बाद वापस जीवित होने वालों के अनुभव

28 अप्रैल 2015
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जीवन का सबसे बड़ा और अटल सत्य है मृत्यु। कोई चाहे कितना ही ताकतवर क्यों ना हो, खुद को शक्तिशाली क्यों ना मानता हो, सच यही है कि जन्म लेने के साथ ही उसकी मौत का समय भी तय हो जाता है। मौत का डर इंसान को भयभीत तो करता है लेकिन हकीकत यही है कि मृत्यु का अनुभव व्यक्ति को जीवन की सच्चाई ब

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जीएम फसलों से सावधानी जरूरी

23 फरवरी 2015
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लेखक: भारत डोगरा जीएम (जेनेटिकली मॉडिफाइड) फसलों के विरोध का एक मुख्‍य आधार यह रहा है कि यह स्‍वास्‍थ्‍य व पर्यावरण की दृष्टि से सुरक्षित नहीं हैं तथा यह असर सेजेटिक प्रदूषण के माध्‍यम से अन्‍य सामान्‍य फसलों व पौधों में फैल सकता है। इस विचार को इंडिपेंडेंट साइंस पैनल नेबहुत सारगर्भित ढंग से व्‍य

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"जाको राखे साईयां मार सके न कोए"

7 मई 2015
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नई दिल्ली। "जाको राखे साईयां मार सके न कोए" यह कहावत हाल ही मे बिल्कुल सच साबित हुई। इस खबर को पढकर आपको यकीन हो जाएगा कि चमत्कार होता है। मानव विज्ञान कहता है कि मनुष्य का ह्दय बाई ओर होता है, डॉक्टरों ने भी यही पढा था अपने चिकित्सकीय शिक्षा के दौरान लेकिन डॉक्टर जिस व्यक्ति का वह इलाज कर रहे थे

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दिन भर सोचने की बीमारी

19 मार्च 2015
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मानव मस्तिष्क तीन कार्यों में दक्ष है । कल्पना शील है, किसी दृश्य की विवेचना कर सकता है या शांत रह सकता है । जीवन पर्यंत हमारे जो भी अनुभव होते हैं उनसे हमारी कल्पनाओं का निर्माण होता है । हम जैसा देखते सुनते और महसूस करते हैं तदनुरूप हमारी कल्पनाओं का भी परिमाण है । थियेटर के छात्रों को एक एक्सरसाइ

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भारतीय रिज़र्व बैंक (नोट वापसी) नियमावली, 2009

23 मई 2015
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भाग I रिज़र्व बैंक अपने सभी निर्गम कार्यालयों तथा वाणिज्यव बैंकों की मुद्रा तिजोरी शाखाओं में कटे-फटे और विरूपित नोट बदलने की सुविधा जनता को प्रदान करता है। नोट वापसी नियमावली को समझने एवं उसके प्रयोग को आसान बनाने के लिए, इन नियमों में व्यावपक स्तिर पर संशोधन कर उन्हें सरल बनाया गया हैं। यह भी न

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स्वाइन फ्लू के बारे में बेवजह अफवाह फैलाई जा रही है

13 मार्च 2015
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कम्पुटर के virus कौन बनाता है ?? कम्पुटर के 85 % virus , Anti virus software वाली कंपनियाँ बनाती है । पहले virus बनाओ ! फिर anti virus बेचो !! अर्थात पहले swine flu का वैक्सीन बनाओ ! फिर swine flu के वाइरस का डर बैठाओ और फिर वैक्सीन बेचो ! विदेशी कंपनियाँ और निजी हास्पिटल वाले साधारण FLU को ही

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यूं बढ़ाएं आत्मविश्वास

26 मई 2015
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जीवन में हर काम अपने आत्मविश्वास के बलबूते पर ही होते हैं। आत्मविश्वास के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण का होना जरूरी होता है। बिना आत्मविश्वास के कोई भी काम सफल नहीं हो सकता है। अगर होता भी है तो निम्रस्तर का या आधा-अधूरा व खराब। आत्मविश्वास वस्तुत: एक मानसिक एवं आध्यात्मिक शक्ति है। इससे महान कार्यों

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राजस्थानी कहावतों के तीखे बाण

24 मार्च 2015
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-डॉ वीणा छंगाणी नीम न मीठा होय , सींचों गुण घीव सों। ज्यारां पड्या स्वभाव जासी जीव सों। यह वो राजस्थानी कहावत है जो अनाम है, यह एक सूझ है जिसमें अनेकों का चातुर्य निहित है, जनता में

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ये हैं वो महान गणितज्ञ, जिसे न समझ पाया ये देश

27 मई 2015
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एक बूढ़े आदमी हाथ में पेंसिल लेकर यूंही पूरे घर में चक्कर काट रहे हैं. कभी अख़बार, कभी कॉपी, कभी दीवार, कभी घर की रेलिंग, जहां भी उनका मन करता, वहां कुछ लिखते, कुछ बुदबुदाते हुए। घर वाले उन्हें देखते रहते हैं, कभी आंखों में आंसू तो कभी चेहरे पर मुस्कराहट ओढ़े। यह 70 साल का 'पगला सा' आदमी अपने जवा

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ये है दस आहार जो मनुष्य के खास अंगों से मिलते हैं, जानिए उनके फायदा

26 मई 2015
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अनेक प्राकृतिक संकेत या संदेश वनस्पति पदार्थों में छिपे हुए हैं, जिनको समझकर स्वास्थ्य लाभ उठाया जा सकता है। 1. अखरोट की रचना सिर की तरह होती है तथा उसके अंदर भरा हुआ गूदा मस्तिष्क की तरह होता है। यही गूदा पर्याप्त मात्रा में नियमित सेवन करने से सिर संबंधी समस्याओं पर कंट्रोल होता है

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टीम इंडिया की अग्नि परीक्षा अभी हुई ही नहीं

25 मार्च 2015
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यदि क्रिकेट में तर्क ही सब कुछ होता तो शीर्ष पर रहने वाली टीम ऑस्ट्रेलिया को विश्व कप के फ़ाइनल में होना चाहिए. पर सौभाग्यवश, तर्क क्रिकेट में निर्णायक नहीं होता और यही इस खेल को इतना आकर्षक बनाता है. साल 1979 में वेस्टइंडीज़ ने विश्व कप जीता था, तब से आज तक चार बार तर्क की जीत हुई है और इसके उल

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पिपलान्त्री गाँव द्वारा शुरू की गई अनूठी पहल

28 मई 2015
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भारत गाँवों का देश कहा जाता हैं. जहाँ लगभग 7 लाख गाँव अपनी किसी न किसी विशेष परंपरा के कारण सुर्ख़ियों में रहते है. आज हम बात कर रहे है राजस्थान के एक गाँव पिपलान्त्री की. ×You might enjoy reading Ads By PicRec राजस्थान में स्थित पिपलान्त्री गाँव ने एक प्रथा की शुरुआत की है जिसमे गा

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मौत की सजा के तरीके भी अलग

14 मार्च 2015
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दोषी पाए गए किसी व्यक्ति को मौत की सजा दिए जाने के खिलाफ दुनिया भर में मानवाधिकार संगठन लड़ रहे हैं. अभी भी दुनिया के कई देशों में दोषियों को कई तरह के क्रूर तरीकों से मौत की सजा देना जारी है. ताबड़तोड़ गोलियां इस तरीके में सजा पाने वाले की आंखों पर काली पट्टी बांधी जाती है और उसे फायरिंग

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अमेरिका में हनुमान जी के प्रमाण...

29 मई 2015
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12 जुलाई 1940 का दिन, जब एक साहसिक खोजी थिएडॉर मॉर्ड, मध्य अमेरिका के जंगलों से होकर वापस आए थे। जिन तथ्यों तथा कहानियों के साथ वह लौटे थे उन्हें जानकर सभी वैज्ञानिक हैरान हो गए। मॉर्ड का कहना था कि उन्होंने एक ऐसा कबीला या फिर एक गांव जैसा दिखने वाला शहर ढूंढ़ निकाला था जहां का देवता एक ‘बंदर जैस

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व्हाट्सएप्प की ये तरकीबें जानते हैं आप?

30 मार्च 2015
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व्हाट्सएप्प से डिलीट मैसेज किस तरह वापस पाएं कई बार हम व्हाट्सएप्प से कभी संदेश हटा देते हैं लेकिन फिर लगता है कि अरे वो तो बहुत ज़रूरी था. लेकिन वह खोए मैसेज वापस भी पाए जा सकते हैं, लेकिन सिर्फ पिछले सात दिन के ही. ऐसा नहीं कि आपको दो महीने बाद कोई डिलेटेड मैसेज याद आये और आपको मिल जाए वह. दर

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शरीर के सूक्ष्म ऊर्जा तंत्र

30 मई 2015
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शरीर विभिन्न तंत्रों के माध्यम से कार्य करता है उदा.परिसंचरण तंत्र (संचार प्रणाली) (circulatory system),श्वसन तंत्र (respiratory system),पाचन तंत्र (digestive system) इत्यादि । उसी प्रकार एक सूक्ष्म ऊर्जा तंत्र भी होता है,जो भौतिक तथा सूक्ष्म शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है । निम्नांकित रेखाचित्र में स

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भूख का सिस्टम

23 फरवरी 2015
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‘भूख खत्म करने वाली इतनी बीमारियां हैं कि कोई सहृदय, सक्षम और चुस्त डॉक्टर ही उसकी जड़ तक पहुंच सकता है’मनीषा यादवडॉक्टरों के कमरे में यह वाली प्रार्थना इतनी बार की जाती है कि यदि कभी झाड़ू मार कर प्रार्थनाओं को बुहारने की कोई तकनीक निकल आए तो उनके चैंबर से रोज बड़ा-सा ढेर इसी प्रार्थना का निकले. मै

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मोबाइल फोन विकिरण का मानव स्वास्थ्य पर दुष्परिणाम

30 मई 2015
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आज मोबाइल फोन लोगों के दैनिक जीवन में एक आवश्यक साधन बन गए हैं। अब यह कोई नई खबर नहीं है कि मोबाइल माइक्रोवेव विकिरण फैलाते हैं जो मानव शरीर में रोग फैला सकते हैं, या हमारे स्वास्थ्य हो सम्भावित नुकसान पहुंचा सकते हैं। अध्ययन के अनुसार मोबाइल फोन विकिरण सम्भवतः उच्च रक्तचाप, सिरदर्द, ब्रेन ट्यूमर;

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अप्रैल फूल

2 अप्रैल 2015
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अप्रैल फ़ूल दिवस (April Fools Day) अर्थात् ‘मूर्ख दिवस’ को 1 अप्रैल के दिन विश्वभर में मौज-मस्ती और हंसी-मजाक के साथ एक-दूसरे को मूर्ख बनाते हुए मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने मित्रों, पड़ोसियों और यहाँ तक कि घर के सदस्यों से भी बड़े ही विचित्र प्रकार के हंसी-मजाक, मूर्खतापूर्ण कार्य और धोखे में डाल

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मृत्यु की उत्पत्ति–Origin of Death

31 मई 2015
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दुनिया नई-नई बनी थी और एक बूढ़ा आदमी अपनी बुढ़िया पत्नी के साथ टहल रहा था. बूढ़े ने बुढ़िया से कहा – “चलो, हम यह तय करते हैं कि यह दुनिया कैसे चले.” “ठीक है” – बुढ़िया ने कहा – “यह कैसे होगा?” “हम्म…” – बूढ़े ने कहा – “चूंकि यह बात मेरे मन में पहले आई है इसलिए किसी भी मामले में मेरी बात पहले मान

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मृत लोगों की आवाज सुनना चाहते थे एडिसन

14 मार्च 2015
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मशहूर वैज्ञानिक थॉमस एल्वा एडिसन के जीवन पर फ्रांस में छपी एक नई किताब के मुताबिक वह एक 'स्पिरिट फोन' विकसित करना चाहते थे. यह किताब उनकी डायरी के पन्नों से लिए अध्याय पर आधारित हैं. फोनोग्राफ और बिजली से जलने वाले बल्ब के आविष्कारक एडिसन मरे हुए लोगों की आवाज सुनना चाहते थे. किताब के मुताबिक एडि

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कैसे रोकें अपनी तुलना दूसरों से करने की आदत : अद्भुत तरीके

4 जून 2015
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अक्सर हम सब में एक सबसे खतरनाक आदत होती है – दूसरों से अपनी तुलना करने की। हम अपनी गाड़ियाँ, घर, नौकरियां, पैसा, सामाजिक प्रतिष्ठा और कई चीजें दूसरों से तुलना करते रहते हैं, और फिर अंत में हम अपने अंदर सिर्फ ढेर सारी नकारात्मक ऊर्जा और भावनाएं भर लेते हैं, जिनका बहुत बुरा असर हमारी जिंदगी पर प

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क्या मृत्यु एक पहेली हैं मृत्यु के बाद

4 अप्रैल 2015
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आज कम्पुटर के युग में जबकि मनुष्य विज्ञान के सहारे चाँद पर उतरने में सफल हो गया कदाचित जब से दुनिया बनी हैं उसने अब पहली बार स्थिति से भौतिक शरीर के साथ उड़कर चांदनी की बारिश करने वाले चाँद जैसे नक्षत्र में जाकर उसका रहस्योंदघाटन किया हैं पर क्या कारण हैं कि एक बात जो सबके जीवन में घटती है जो सदा

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दुनिया की कुछ अद्भुत जगहें

5 जून 2015
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हमारी यह धरती अनेकों अविश्वसनीय से लगने वाले प्राकृतिक नजारों से भरी पड़ी है. एक से बढ़कर एक खूबसूरत और अद्भुत दृश्य, जिन्हें देखकर सहज विश्वास नहीं होता कि ये दुनिया में सचमुच कहीं होंगे … यहाँ प्रस्तुत है ऐसी ही कुछ जगहों के बारे में जिनकी खूबसूरती न् केवल आपका मन मोह लेगी बल्कि आपको विस्मय से भ

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अजब! रीढ़ की हड्डी में होता है छोटा दिमाग

22 फरवरी 2015
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वॉशिंगटन। अमेरिकी शोधकर्ताओं ने मनुष्यों की रीढ़ की हड्डी में एक छोटे मस्तिष्क का पता लगाया है, जो हमें भीड़ के बीच से गुजरते वक्त या सर्दियों में बर्फीली सतह से गुजरते वक्त संतुलन बनाने में मदद करती है और फिसलने या गिरने से बचाती है। इस तरह के कार्य अचेतन अवस्था में होते हैं। हमारी रीढ़ की

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स्मरण शक्ति कैसे बढ़ायें- भारत के स्मृति गुरू

6 जून 2015
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स्मरणशक्ति एक ऐसा विषय है जिसके बारे में हर कोई जानना चाहता है। चाहे विद्यार्थी हो या नौकरीपेशा व्यक्ति, गृहिणी हो या वृद्ध। आज की आपाधापी के समय में हर कोई यही कहता नजर आता है कि मेरी याददाश्त कमजोर है या जो पढ़ता हूँ याद नहीं रहता। आजकल स्मरणशक्ति बढ़ाने के लिए बाजार में तरह-तरह के प

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केबीसी की अंकगणित

7 अप्रैल 2015
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इसे पढ़ने के बाद रियल्टी शोज में एसएमएस या फोन करने से पहले चार बार सोचेंगे :नए जमाने के धनी और शहरी मदारियों से सावधान रहने की जरूरत : केबीसी से कौन बन रहा है करोड़पति‍? जवाब के लिए चार आप्शन हैं- A) सोनी टीवी. B) मोबाइल कम्‍पनि‍यां. C) बि‍ग बी. D) सि‍द्धार्थ बसु. कनफ्यूज हैं आप? हम बताते हैं. ये

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इन 20 ख़ूबसूरत महिलाओं ने लिया था एक पुरुष के रूप में जन्म! विश्वास नहीं होता तो देखिए...

6 जून 2015
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Transexuality शब्द हमारे लिए पुराना नहीं है! विश्व में लगातार विज्ञान ऐसी खोज कर रहा है जिन्हें जानकर हम अकसर हैरान रह जाते हैं. कई बार यही विज्ञान कुछ ऐसे अजीब और विचित्र फॉर्मूले इज़ाद कर लेता है, जो कई लोगों को अजीबो-गरीब लगते हैं. लिंग बदलने की अवधारणा आज के इस दौर में बेहद आम हो चुकी है. कई बार

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अध्यापक ‘युग पुरोधा’

14 मार्च 2015
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भारतीय संस्कृति अध्यात्म का पर्याय है। अध्यात्म अर्थात् जीवन जीने की कला जिसे संस्कृति कहते हैं। हमारी भारतीय संस्कृति देने वाली संस्कृति- देव संस्कृति रही है जो जीवन शैली का अंग है। पाश्चात्य देशों में संस्कृति नहीं मात्र सभ्यता है जो बाहरी जीवन को सुन्दर व रहन सहन के तरीके सिखाती है। भ

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विज्ञान में ईश्वर की अवधारणा

8 जून 2015
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विज्ञान द्वारा प्रस्तुतभौतिक उपलब्धियों द्वारा विश्व चमत्कृत है। इन उपलब्धियों के आधार पर अनुसन्धान सेजुड़े वैज्ञानिक भौतिक विज्ञान में सभी समस्याओं का समाधान देखने लगे हैं जबकिविज्ञान द्वारा जुटाए संसाधनों का समुचित उपयोग करने के बावजूद मानव पूर्व के किसी काल की तुलना में आज अधिक भयभीत है। अनिश्त

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राहु-कालम : शुभ कार्यो में विशेष रुप से त्याज्य

9 अप्रैल 2015
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समय के दो पहलू है. पहले प्रकार का समय व्यक्ति को ठीक समय पर काम करने के लिये प्रेरित करता है. तो दूसरा समय उस काम को किस समय करना चाहिए इसका ज्ञान कराता है. पहला समय मार्गदर्शक की तरह काम करता है. जबकि दूसरा पल-पल का ध्यान रखते हुये कभी चन्द्र की दशाओं का तो कभी राहु काल की जानकारी देता है. राहु-

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भगवान श्रीराम से जुड़े 10 गुप्त रहस्य.............

9 जून 2015
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भगवान श्रीराम से जुड़े 10 गुप्त रहस्य...... भारत का इतिहास क्रमश: पौराणिक पंडितों, मुगलों, अंग्रेजों, ईसाई मिशनरियों, धर्मांतरित लोगों और वामपंथियों द्वारा विकृत किया गया। सभी ने अपने-अपने हित के लिए भारत की प्राचीनता और गौरव के साथ छेड़छाड़ की। यहां के धर्म को विरोधा‍भाषी बनाया और अंतत: छोड़ दिय

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Diabetes Myths and Facts in Hindi

1 मार्च 2015
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मधुमेह / Diabetes हमारे जीवनशैली से जुड़ा एक ऐसा रोग हैं जो दुनियाभर में आज महामारी की तरह फ़ैल रहा हैं। आज अधिकांश घरो में मधुमेह से ग्रस्त रोगी हैं। दुनिया के हर 12 में से एक व्यक्ति आज मधुमेह से पीड़ित हैं। मधुमेह से पीड़ित हर दुसरे व्यक्ति को काफी समय तक यह पता नहीं चलता हैं की वह मधुमेह का रोगी

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विलियम शेक्सपीयर के सर्वश्रेष्ठ 33 अनमोल विचार |

12 जून 2015
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William Shakespeare ( 14-Jan-1564 To 23-Apr-1616 ) 1. "मूर्ख हमेशा अपने आप को बुद्धिमान समझते हैं लेकिन बुद्धिमान लोग स्वयं को हमेशा मूर्ख ही समझते हैं।"- विलियम शेक्सपीयर “The fool doth think he is wise, but the wise man knows himself to be a fool.” ―William Shakespeare, As You Like It

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NPS : टैक्स फायदे की टॉपिंग

10 अप्रैल 2015
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हालिया बजट में वित्त मंत्री ने टैक्स एग्जेंप्शन लिमिट तो नहीं बढ़ाई लेकिन एक अच्छा टैक्स सेविंग टूल लोगों को जरूर सौंप दिया। अब एनपीएस में जमा की गई रकम पर एक आम टैक्स पेयर को 50 हजार रुपये का अतिरिक्त डिडक्शन मिलेगा। जाहिर है, रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए एनपीएस पहले के मुकाबले अब ज्यादा आकर्षक योजना

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शादी से जुड़ी दुनिया की ये 11 परंपराएं पैरों तले जमीन खिसका देंगी

13 जून 2015
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इस लिस्ट में सबसे पहले नंबर आता है फ्रांस में अपनाई जाने वाली परंपरा का। यहां लड़की वालों को शादी होने के बाद होने वाली पार्टी के बचे हुए खाने को टॉयलेट सीट के अंदर डालना होता है। इसके बाद इस सीट को पति-पत्नी के कमरे में रख दिया जाता है। उन्हें जबरदस्ती इस सीट से बचा खाना एक बार निकाल कर खान होता

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भेदभाव के शिकार समलैंगिक

15 मार्च 2015
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समलैंगिक और ट्रांसजेंडर लोग दुनिया भर में अभी भी किसी न किसी तरह के भेदभाव का शिकार हैं. वे अपनी लैंगिक पसंद और पहचान के कारण न सिर्फ कानूनी भेदभाव के शिकार होते हैं बल्कि हिंसा, उत्पीड़न और मौत का भी सामना करते हैं. मानवाधिकारों का संघर्ष संयुक्त राष्ट्र ने पहली बार 2011 में समलैंगिकों के

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भारत में चलने वाले न्यूज़ चैनल, भारत के है ही नहीं..

13 जून 2015
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क्या आप जानते है कि कोई मीडिया समूह, हिन्दू या हिन्दू संघठनो के प्रति इतना बैरभाव क्यों रखती है..? भारत में चलने वाले न्यूज़ चैनल, अखबार वास्तव में भारत के है ही नहीं.. सन २००५ में एक फ़्रांसिसी पत्रकार भारत के दौरे पर आया उसका नाम फ़्रैन्कोईस था उसने भारत में हिंदुत्व के ऊपर हो रहे अत्याचारों के ब

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दुनिया खोज रही है ये 10 रहस्य, आप भी जानिए...

19 अप्रैल 2015
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पहले बल्ब का जलना, विमान का उड़ना, सिनेमा और टीवी का चलन, मोबाइल पर बात करना और कार में घूमना एक रहस्य और कल्पना की बातें हुआ करती थीं। आज इसके आविष्कार से दुनिया तो बदल गई है, लेकिन आदमी वही मध्ययुगीन सोच का ही है। धरती तो कई रहस्यों से पटी पड़ी है। उससे कहीं ज्यादा रहस्य तो समुद्र में छुपा हुआ ह

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योग : इसकी उत्पित्ति, इतिहास एवं विकास

21 जून 2015
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परिचय : योग तत्‍वत: बहुत सूक्ष्‍म विज्ञान पर आधारित एक आध्‍यात्मि विषय है जो मन एवं शरीर के बीच सामंजस्‍य स्‍थापित करने पर ध्‍यान देता है। यह स्‍वस्‍थ जीवन - यापन की कला एवं विज्ञान है। योग शब्‍द संस्‍कृत की युज धातु से बना है जिसका अर्थ जुड़ना या एकजुट होना या शामिल होना है। योग से जुड़े ग्रंथों

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फिलेमैटोलाजी

22 फरवरी 2015
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चुम्बन विज्ञान यानि फिलेमैटोलाजी के बारे में क्या जानते हैं आप ? कहाँ चुम्बन जैसा सरस मन हरष विषय और कहाँ विज्ञान की नीरसता ..आईये मानवीय सर्जना के इन दोनों पहलुओं में तनिक सामंजस्य बिठाने का प्रयास करे .. चुम्बन के विज्ञान(philematology ) पर एक नजर डालते हैं! विज्ञान की भाषा में चुम्बन -आस्कु

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अंटार्कटिका में बर्फ पिघलने से बदला पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र

25 जून 2015
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वैश्विक ताप वृद्धि के कारण अंटार्कटिका में बर्फ की निचली परत के पिघलने की वजह से पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में परिवर्तन आया है। इस संबंध में यूनिवर्सिटी आॅफ ब्रिस्टल के शोधकर्ताओं ने पाया कि वैश्विक ताप वृद्धि के कारण गहरे समुद्रों में चलने वाली जलधाराएं तेजी से ध्रुवीय इलाकों तक पहुंच कर व

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"विवाह" नामक संस्था का स्वरूप खराब हो रहा है

23 अप्रैल 2015
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Journalist Ramesh Kumar Nirbhik दूषित मानसिकता वाली अपनी पत्नी को समर्पित चंद शब्द "मत खुश हो कि बर्बादी वाली हवा का रुख हमारी ओर है! भूल मत जाना यह आवारा हवा कब किस ओर मुड जाये!!" "वेवफाई करके हमारी बर्बादी से तुम बहुत खुश हो ! हमें फख्र है अपनी बर्बादी पर कि वेफा करके बर्बाद हुए" !! आज मात्

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सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला- कानून IT एक्ट की धारा 66A खत्म

28 जून 2015
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नई दिल्ली: इंटरनेट पर लिखी गई बातों के चलते होने वाली गिरफ़्तारी के मसले पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया है. आज फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया कानून से जुड़ी सूचना टेक्नोलॉजी एक्ट की धारा 66A की धारा को खत्म कर दिया है. इस धारा के तहत पुलिस को ये अधिकार था कि वो इंटरनेट पर लिखी

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कैसा हो हमारा आहार ?

18 मार्च 2015
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आपका स्वास्थ्य आयुर्वेद के मतानुसार आयुर्वेद के आहार पक्ष से जुड़ा एक बड़ा महत्वपूर्ण प्रसंग है। चरक संहिता के लेखक पुनर्वसु से कुछ वैद्यों ने पूछा-कोऽरुक अर्थात् रोगी कौन नहीं है? एक वैद्य ने उत्तर दिया-जो च्यवनप्राश खता है। एक ने कहा-जो लवण भास्कर व त्रिफला नियमित लेता है, एक ने कहा-जो चंद्रप्र

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इस बार का ‘मलमास’ क्यों है खास?

29 जून 2015
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सभी जानते हैं कि हिन्दू पंचांग के अनुसार वर्ष में कुल 12 मास होते हैं, लेकिन इनमें से एक मास ऐसा है जिसके बारे में काफी कम लोग जानते हैं। लेकिन उन्हें इसका ज्ञान जरूर हो जाता है जो किसी मंगल कार्य को करने के लिए शुभ मुहूर्त की तलाश में होते हैं। पुरुषोत्तम मास मलमास या पुरुषोत्तम मास, एक ऐसा म

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स्वाइन फ्लू से जुड़े 5 मिथक

18 मार्च 2015
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मिथक: भारत में स्वाइन फ्लू की दवाओं की कमी। सचाई: स्वाइन फ्लू से प्रभावित लोगों में से 1 प्रतिशत से भी कम लोगों को इलाज के लिए दवा की जरूरत होती है। हमारे देश के पास 60,000 वयस्क लोगों की और 1.000 बच्चों की खुराक स्टॉक में मौजूद है। साथ ही 3 फार्मा कंपनियां ऐसी हैं जो शॉर्ट नोटिस पर दवा तैयार कर

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विश्व कप क्रिकेट से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ....

25 अप्रैल 2015
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1. विश्व कप में सबसे ज़्यादा बार शून्य पर आउट होने का रिकॉर्ड न्यूज़ीलैंड के नाथन एस्टल और एजाज़ अहमद के नाम पर है. दोनों पाँच-पाँच बार शून्य पर आउट हो चुके हैं. 2. एक ही विश्व कप में सबसे ज़्यादा शून्य पर आउट होने का रिकॉर्ड दक्षिण अफ़्रीका के एबी डी वेलियर्स के नाम है, जो एक ही विश्व कप में चार ब

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क्‍यों नहीं दे रहा डब्‍ल्‍यू.एच.ओ. कैंसर के भारतीय इलाज को मान्‍यता?

23 फरवरी 2015
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‘कैंसर के कारण सारे विश्‍व में हर साल 80 लाख लोगों की मृत्‍यु हो जाती है और माना जा रहा है कि वर्ष 2020 तक यह संख्‍या दूनी हो जाएगी।’ {Let Us Join Hands To Save Human Lives From Cancer- OPEN LETTER TO W.H.O.} डी.एस. रिसर्च सेंटर (http://www.cancercurative.org/2011/home.html) का दावा, सैकड़

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डिप्रेशन को दावत दे रहीं सोशल नेटवर्किंग साइट्स!

26 अप्रैल 2015
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मोबाइल फ़ोन और इंटरनेट की दुनिया ने आज हमारे लाइफ स्टाइल को बदल कर रख दिया है। आज हम हर तरफ से मोबाइल, इंटरनेट से घिरे हुए हैं, सोशल नेटवर्किंग साइट्स ने तो मानो जैसे हमको पूरी तरह से अपने वश में कर लिया हो. खासकर की युवा वर्ग के छात्र-छात्राएं तो 24 घंटे में 16-16 घंटो तक या तो इन साइट्स पर ऑन

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तुलसी के प्रयोग से करें स्वाइन फ्लू का बचाव

18 मार्च 2015
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आमतौर पर यह देखने में आता हैं कि स्वाइन फ्लू के लक्षण बहुत ही साधारण बीमारी जैसे होते हैं-सर्दी, खांसी और बुखार, परन्तु यह लक्षण कभी-कभार जानलेवा भी हो सकते हैं। स्वाइन फ्लू(एच1एन1 फ्लू वायरस) अधिकांश पशुओ जैसे सुअरों में पाया जाता है। इन पशुओं का सेवन करने पर या इन में पाए जाने वाले स्वाइन फ

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पल भर में दूसरे का चरित्र जानने की कारगर विधि

27 अप्रैल 2015
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धोखा खाने से बचें अकसर लोग प्यार में धोखा खा जाते हैं। वे समझ नहीं पाते कि इतने लम्बे समय साथ रहने के बाद भी अचानक उनके साथी ने उन्हें छोड़ क्यों दिया। एक पल के लिए तो इन्हें धोखे जैसा अहसास होने की बजाय केवल हैरानी महसूस होती है। और फिर धीरे-धीरे होश में आने के बाद वे उस साथी को कोसते हैं, जो उन

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संदेशवाहक (मेसेंजर)

8 मार्च 2015
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याहू, एम.एस.एन., गुगल, रेडिफ, आदि संदेश वाहक आज बहुत लोकप्रिय हैं। बहुत से नौजवान लडके और लडकियॉं आज इसके पिछे दिवाने हैं। मैं एक इंटरनेट चलाता हूँ, और वहॉं रोज बहुत से लडके-लडकियों को संदेश वाहक पर संदेश भेजते हुए देखता हूँ। संदेशवाहक पर संदेश भेजने में कोई बुराई नहीं है। पर संदेशों का क्‍या? क्

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अंधविश्वास की कुंडलियों में लिपटा है सांप !

28 अप्रैल 2015
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सर्प एक ऐसा प्राणी है जो सदियों से मानव मात्र के लिये उत्सुकता व भय का केन्द्र रहा है।जहां एक ओर सर्प बहुत अधिक आर्थिक महत्व के हैं वहीं सर्पदंश से होने वाली मौतों की बड़ी संख्या के चलते आम आदमी के मन में अनजाना सा भय समाया रहता है। सर्प के संबंध में बहुत सी किवदंतियां व अंधविश्वासजुड़े हुए हैं जो

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बिना नेटवर्क के भी चलेगा ये स्मार्टफोन

19 मार्च 2015
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नई दिल्ली। भारतीय कंपनी ‘सहस्रा इलेक्ट्रॉनिक्स’ ने एक ऐसे इंडस्ट्रियल स्मार्टफोन का निर्माण शुरू किया है, जिसमें स्मार्टफोन और वॉकी-टॉकी दोनों की सारी खूबियां हैं। इतना ही नहीं नेटवर्क न होने पर भी इससे बात की जा सकेगी। कंपनी ने ताइवानी कंपनी इंफोमैक्स से समझौते के जरिए इस फोन की तकनीक हासिल की है

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अमरता की चाह में बना था विष्णु का ये प्राचीन मंदिर

2 मई 2015
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धर्मों की महानता विश्व में अलग-अलग धर्मों और संप्रदायों को मानने वाले लोग रहते हैं। सर्वोच्च सत्ता भले ही एक है लेकिन अलग-अलग मान्यताएं होने की वजह से सभी का पूजा करने का तरीका और स्थान भी अलग-अलग हैं। मसलन चर्च में जाकर ईसाइयों को अपने ईश्वर नजर आते हैं, वही ईश्वर हिन्दू मंदिर में भी मिलते हैं।

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खसरे का खौफ

22 फरवरी 2015
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अमेरिका में खसरा लौट आया है जो उन सभी देशों के लिए चेतावनी हैं जहाँ से अमेरिका में लोगों की काफी तादाद में आवाजाही बनी रहती है. 13 अन्य कैलिफोर्निया में रोगियों की संख्या 100 पहुँच गयी है. खसरे को हम छोटी माता के रूप में जानते पहचानते हैं. आईये देखते हैं यह कैसे इतनी तेजी से फैल रहा है, और क्यों यह

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बंदर की सीख : कम खाओ, लंबी उम्र जियो

7 मई 2015
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बंदर की लंबी उम्र का राज यह है कि वे कम कैलोरी का खाना खाते हैं। जो लोग जी भरकर खाते हैं उनके मुकाबले बंदर ज्यादा समय तक जिंदा रहते हैं। यह बात एक अनुसंधान में सामने आई है। विभिन्न प्रजातियों में जीवित रहने पर किए गए अध्ययन में यह पता लगाया कि इसमें खुराक पर बंदिश का क्या प्रभाव पड़ता है। विस्कोन

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गो वंश की पहचान और पंचगव्य चिकित्सा के कुछ प्रयोग

19 मार्च 2015
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स्वदेशी और विदेशी गोवंश को लेकर कुछ विचारणीय पक्ष हैं. अनेक शोधों से सिद्ध हो चुका है कि अधिकांश विदेशी गोवंश विषाक्त प्रोटीन ”बीटा कैसीन ए१” वाला है जो हानिकारक ओपीएट ’बीसीएम७ ’ का निर्माण पाचन के समय करता है और अनेक हृदय रोगों के इलावा मधुमेह, ऑटिज्म व बहुत से मानसिक रोगों का कारण है. हॉलस्टीन ,

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निर्मल भारत के सपने का मलिन सच…

7 मई 2015
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनियाभर में चिल्ला-चिल्लाकर कह रहे हैं कि मुझे तो छोटे-छोटे काम करने हैं। घर-घर शौचालय बनवाना है। लेकिन हकीकत यह है कि जमीन पर शौचालयों के लिए आ रहा पैसा अधिकारी हजम कर रहे हैं। सतना में जब कलेक्टर ने मुस्तैदी दिखाई तो बड़ा घपला सामने आया। यह स्थिति तो एक जिले की है। बाक

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शिलाजीत एक टॉनिक भी है ..

13 मार्च 2015
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DrNeeru Sain शिलाजीत एक टॉनिक भी है ...! * यह पत्थर की शिलाओं में ही पैदा होता है इसलिए इसे ‪#‎शिलाजीत‬ कहा जाता है। * ज्येष्ठ और आषाढ़ के महीने में सूर्य की प्रखर किरणों से पवर्त की शिलाओं से लाख की तरह पिघल कर यह बाहर निकल आता है जिसे बाद में इकट्ठा कर लिया जाता है। * महर्षि चरक ने कहा कि पृथ्

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बुरा प्रभाव लाता है नाम में इन अक्षरों का दोहराव

23 मई 2015
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बच्चे के जन्म लेने के बाद ही माता-पिता की सबसे पहली जिम्मेदारी होती है उसका नाम रखना, जिसे हिन्दू धर्म में ‘नामकरण’ संस्कार भी कहा जाता है। बच्चे का नाम रखना कोई आसान कार्य नहीं है। विभिन्न धर्मों और जातियों में नाम रखने की प्रथा अलग-अलग होती है। हिन्दू धर्म में नामकरण परंपरानुसार हिन्दू धर्म

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पंचतत्व का सेवन करें , स्वस्थ रहें

19 मार्च 2015
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सबसे पहले मैं ये स्पष्ट कर दूं कि मैं कोई चिकित्सक या खानपान विशेषज्ञ नहीं हूं। किस व्यक्ति को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, इस बारे में भी मेरा कुछ अध्ययन नहीं है; पर भोजन और पंचतत्व के संबंध में बुजुर्गों से सुनी हुई कुछ बातें सबमें बांटना चाहता हूं। पंचतत्व अर्थात पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश

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क्या मृत्यु ईश्वर के हाथ में है?

25 मई 2015
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ईश्वर और ईश्वर के बनाए हुए ब्रह्मांड के नियमों को जानने वाला व्यक्ति ऐसी अनिश्चित बातें नहीं करता क्योंकि ईश्वर के नियम अटूट हैं, निश्चित हैं तो मृत्यु का सत्य भी निश्चित है। मृत्यु नियमों से घटित होती है, मनमर्जी से नहीं जब से धरती पर मानव जीवन का अवतरण हुआ है तब से मृत्यु अत्यंत रहस्य,

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इतिहास में आज: 23 जनवरी

23 फरवरी 2015
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भारतीय स्वतंत्रता के इतिहास के महानायक नेताजी सुभाषचंद्र बोस का जीवन और उनकी मौत दोनों ही रहस्यमयी रहे. नेताजी का जन्म आज ही के दिन हुआ था. वह एक सैनिक और कूटनीतिज्ञ के रूप में जाने जाते हैं. उनका जन्म 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा के कटक प्रांत में हुआ. बोस ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारत में पश्

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दुनिया कि सबसे छोटी योग गुरु

25 मई 2015
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प्रदेश ही नहीं देश , दुनिया के कोने -कोने से टीकरमाफी आश्रम योग सीखने लोग आ रहे है लोग इलाहाबाद । इलाहाबाद की श्रुति दुनिया की सबसे कम उम्र की टीचर है जो अपनी उम्र से साठ-सत्तर साल बड़े लोगों को योग-विद्या और योगासनों का पाठ पढ़ा रही है | सुबह की पहली किरण धरती पर पड़ने के पहले ही श्रुति अ

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शशि कपूर को दादा साहब फाल्के पुरस्कार..जानें क्या होता है यह सम्मान!

24 मार्च 2015
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बीते जमाने के सुपरहिट अभिनेता शशि कपूर को भारत सरकार ने फ़िल्मों में उनके योगदान के लिए दादा साहब फाल्के पुरस्कार देने की घोषणा की है। आपको बता दें, फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर कपूर खानदान में तीसरा दादा साहब फाल्के पुरस्कार होगा। शशि कपूर से पहले उनके पिता पृथ्वीराज कपूर और बड़े भाई राजकपूर को भी यह

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सकारात्मक सोच में चिंतन का महत्व

26 मई 2015
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चिंतन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। इसमें नए विचार आपके दिमाग में आते हैं जो निर्णय लेने में सहायक होते हैं। चिंतन में आए विचार की तुरंत प्रतिक्रिया होती है। विचार को आप पसंद करते हैं या नापसंद लेकिन आपका विवेक विचार को मूर्त रूप देने के लिए अच्छा या बुरा के बारे में सोचता है। और इस तरह से आप सही निर्

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ऐसी कुछ 103 चीज़े आयूर्वेद में बाताई गई है । जो एक साथ कभी नहीं खानी चाहिए ।

13 मार्च 2015
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मित्रो आयूर्वेद के अनुसार कभी भी दो विरुद्ध वस्तूये एक साथ नहीं खानी चाहिए । विरुद्ध वस्तुओ से अभिप्राय ऐसी वस्तूए जिनका गुण - धर्म अलग हो । ऐसी कुछ 103 चीज़े आयूर्वेद में बाताई गई है । जो एक साथ कभी नहीं खानी चाहिए । उदाहरण के लिये प्याज और दूध कभी एक साथ न खाये । एक दुसरे के जानी दुशमन हैं । इसको

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शयन पाद संचालन' सबसे कारगर आसन.

26 मई 2015
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पाचन तंत्र पर ही पूरे शरीर का स्वास्थ्य निर्भर होता है। इसका ठीक रहना जरूरी है। कब्ज, अपच या अनाप-शनाप खाने से पाचन तंत्र कमजोर होने लगता है। पाचन तंत्र के कमजोर होने से कई तरह के रोगों की उत्पत्ति होती है। दूसरी ओर यदि पाचन तंत्र सही भी है तो बहुत से लोगों की तोंद निकली हुई है या मोटापा उन्हे

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क्या आप जानते हैं? (पुरालेख)

24 मार्च 2015
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रोम के तानाशाह जूलियस सीज़र ने ईसा पूर्व ४५वें साल में जब जूलियन कैलेंडर की स्थापना की, उस समय विश्व में पहली बार १ जनवरी को नए साल का उत्सव मनाया गया। ७ जनवरी भारतीय साहित्य और फ़िल्म की दुनिया में महत्वपूर्ण दिन है क्यों कि इस दिन लेखिका शोभा डे, नाटककार विजय तेंदुलकर, अभिनेता जॉनी लीवर

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क्या आप जानते हैं? भारत की विलुप्तप्राय: प्रजातियाँ.....आइये, इनकी रक्षा करें

26 मई 2015
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क्या आप जानते है भारत में चीतों की कितनी संख्या है? 10, 20, 100 या 1000? जी नहीं...10 भी नहीं। बल्कि सरकारी विभाग की मानें तो भारत से चीता पूरी तरह विलुप्त हो चुका है। एक पेय पदार्थ की एड में जब "चीता भी पीता है" देखते हैं तब कभी यह ख्याल नहीं आया कि जिस चीते की ये बात कर रहे हैं वो भारत में है ही न

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आपके पैरों का शेप कैसा है? ये हैं स्वभाव से जुड़ी खास बातें

26 मई 2015
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यदि आप किसी व्यक्ति के स्वभाव और आदतों के विषय में जानना चाहते हैं तो यहां एक विधि बताई जा रही है। इस विधि के अनुसार किसी भी व्यक्ति के पैरों का शेप देखकर भी स्वभाव मालूम किया जा सकता है। हर व्यक्ति के पैरों का शेप अलग होता है। यहां पैरों के पांच प्रकार के शेप्स का वर्णन किया जा रहा है। आप इन शेप्

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मरफ़ी के नियम

25 मार्च 2015
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ये मरफ़ी महोदय कौन हैं? और इन के नियम इतने विचित्र किंतु सत्य क्यों हैं? मरफ़ी का ज्ञात (या अब तक अज्ञात, मरफ़ी के हिसाब से कहें तो,) सब से पहला नियम है - "यदि कुछ ग़लत हो सकता है, तो वह होगा ही"। कुछ का कयास है कि यह नियम एडवर्ड एयरफ़ोर्स के नॉर्थ बेस में सन १९४९ में अस्तित्व

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सबसे बड़े हिंदू मंदिर के निर्माण में मुस्लिमों ने दान दी अपनी जमीन

27 मई 2015
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पिछले कुछ समय से लगातार बेशक कुछ लोग देश की एकता और साम्प्रदायिक सद्भाव को विचलित करने का प्रयास कर रहे हों लेकिन ऐसे लोग भी कम नहीं हैं जो एकता के इस धागे को और मजबूत करने के लिए अपना योगदान दे रहे हैं। कुछ ऐसा ही नायाब उदाहरण सामने आया है बिहार में बनने वाले दुनिया के सबसे बड़े हिंदू मंदिर

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शरीर से ही संबंधित कुछ वैज्ञानिक सच

14 मार्च 2015
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हम अपने शरीर के बारे में आवश्यक बातें तो जानते हैं, लेकिन शरीर से ही संबंधित कुछ वैज्ञानिक सच ऐसे हैं, जिन्हें बहुत कम लोग जानते हैं। ये ऐसे सच है जो हमें हैरान कर देने वाले हैं, लेकिन पता होने जरूरी हैं। •हमारी 1 आंख में 12,00,000 फाइबर होते हैं। अगर आप जिंदगी भर पलक झपकने का वक्त जोड़ेंगे, तो 1.2

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वर्तमान भौतिक वादी युग में बच्चों को कैसे संस्कारित किया जाये ?

28 मई 2015
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[दुनिया ,देश और समाज के भविष्य को सुखद बनाने के लिए नयी पीढ़ी को आदर्शों और सिद्धांतों के प्रति प्ररिबद्ध करना आवश्यक है ,साथ ही साथ उन्हें इस प्रकार से संस्कारित किया जाय ताकि भविष्य में आने वाले तूफानों से वे अपने को बचा सकें .हमारे दिए हुए सार्थक संस्कारों की जड़ें इतनी मजबूत हों की वे कभी दिग

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हिंदी के बढ़ते कदम

26 मार्च 2015
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आइए, हिंदी के ऐसे ही कुछ अच्छे, उपयोगी उपकरणों/औज़ारों पर एक नज़र डालते हैं- हिंदी टाइप करने के कुछ अच्छे ऑनलाइन औज़ार- यूनिकोड हिंदी में टाइप करने के लिए कुछ समय पहले तक सिर्फ़ इनस्क्रिप्ट कुंजीपट ही मौजूद था, वह भी विंडोज़

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नेत्र रोग-व्याधि निवारण एवं उपचार

28 मई 2015
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नेत्र-स्नान- आँखों को स्वच्छ, शीतल और निरोगी रखने के लिए प्रातः बिस्तर से उठकर, भोजन के बाद, दिन में कई बार और सोते समय मुँह में पानी भरकर आँखों पर स्वच्छ, शीतल जल के छींटे मारें। इससे आँखों की ज्योति बढ़ती है। ध्यान रहे कि मुँह का पानी गर्म न होने पाये। गर्म होने पर पानी बदल लें। मुँह में से पानी

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होश को समझना & ब्रूस लिप्टन के साथ अवचेतन मन

23 फरवरी 2015
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हमारे विचार हमारे वास्तविकता का निर्धारण करने की शक्ति है. मन की कार्य प्रणाली को समझना, हम साक्षात्कार डॉ ब्रूस लिप्टन, विचार को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है स्टेम सेल जीवविज्ञानी कि जीन और डीएनए चालाकी से किया जा सकता है एक व्यक्ति की मान्यताओं से. वह चेतन और अवचेतन मन के बीच संबंध के बारे में

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सिर के आकार से पहचानिए व्यक्ति के भीतर छिपे गुण

29 मई 2015
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क्या कहते हैं यह अंग? सिर से लेकर पांव के अंगूठे तक, हमारा प्रत्येक शारीरिक अंग हमारे व्यक्तित्व का एक राज़ खोलता है। यदि हम इन अंगों में छिपे तथ्य पढ़ पाएं, तो हम किसी भी इंसान को कुछ ही देर में पूरी तरह से जान सकते हैं। शारीरिक अंगों में छिपे तथ्य केवल उसका व्यक्तित्व ही नहीं, बल्कि वह हमार

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बेटी से दोस्ती करें

29 मार्च 2015
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बेटी को सही रास्ता दिखाने के लिए, उसका भविष्य उज्जवल बनाने के लिए माता-पिता बेटी के दोस्त बनें। हमारे देश के ज्यादातर घरों में बेटी को पराया धन समझकर पाला जाता है। बचपन से ही बेटी को कहा जाता है कि आदत सुधारो, नहीं तो ससुराल जाकर क्या करोगी। बेटी के दिमाग में भी यही बात बैठ जाती है कि पिता का घ

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हिन्दू काल गणना

29 मई 2015
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हिन्दू समय मापन, लघुगणकीय पैमाने परप्राचीन हिन्दू खगोलीय और पौराणिक पाठ्यों में वर्णित समय चक्र आश्चर्यजनक रूप से एक समान हैं। प्राचीन भारतीय भार और मापन पद्धतियां, अभी भी प्रयोग में हैं. वह जो कि श्वास (प्राण) से आरम्भ होता है, यथार्थ कहलाता है; और वह जो त्रुटि से आरम्भ होता है, अवास्तविक कहलाता है

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बृहस्पति के चंद्रमा पर जीवन संभव!

14 मार्च 2015
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अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा को इस बात के पक्के सबूत मिले हैं कि बृहस्पति ग्रह के सबसे बड़े चंद्रमा गैनीमेडे पर एक भूमिगत समंदर है. इसके कारण वहां भी जीवन के लिए उपयुक्त माहौल होने की उम्मीद जगी है. हमारे सौर मंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति के सबसे बड़े चंद्रमा गैनीमेडे पर वैज्ञानिकों को एक भूमिग

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कुंडलिनी क्या है और कुंडलिनी जागृत कैसे होती है ?

30 मई 2015
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१. देह में सूक्ष्म शक्ति की पद्धतियां क्या हैं ? मात्र ईश्वर के अस्तित्व से ब्रह्मांड निरंतर बना हुआ है । कुंडलिनी योग के अनुसार, ईश्वर की शक्ति जो ब्रह्मांड को चलाती है उसे चैतन्य कहते है । एक व्यक्ति के विषय में, चैतन्य को चेतना कहते हैं और यह ईश्वरीय शक्ति का वह अंश है जो मनुष्य की क्रियाओं के

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कुछ ऐसे रोचक आँकड़े, जो शायद आपके लिए भी हैं

30 मार्च 2015
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कल नज़र पड़ी कुछ ऐसे आँकड़ों पर, जिनकी तलाश अक्सर की जाती है। वाक्या है संयुक्त राष्ट्र की संस्था International Telecommunication Union (आईटीयू) के पांचवे ‘विश्व दूरसंचार विकास सम्मेलन’ का। जो 24 मई को भारत के हैदराबाद में शुरू हुया था और 4 जून को उसका समापन हुया। इस बीच अधिकारियों, विभिन्न वक्तायों

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जानिए क्या है GST, इससे क्या होगा फायदा

30 मई 2015
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वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) पर संविधान संशोधन बिल को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद शुक्रवार को लोक सभा में भी पेश कर दिया गया है। इसके साथ ही देश भर में जीएसटी को लागू करने की राह आसान हो गई है। जीएसटी को इस दशक का सबसे अहम आर्थिक सुधार माना जा रहा है। जीएसटी लागू होने के बाद वस्तुओं और सेवाओं पर

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वर्ल्ड कप के दावेदार

22 फरवरी 2015
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ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में रंगारंग कार्यक्रम के साथ क्रिकेट वर्ल्ड की शुरुआत हो चुकी है. खेल के मादक खुमार में करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों की सांसे कई बार ऊपर नीचे होंगी. एक नजर कप के प्रबल दावेदारों पर. ऑस्ट्रेलिया ज्यादातर क्रिकेट पंडित ऑस्ट्रेलिया को वर्ल्ड कप 2015 का सबसे प्रबल दावेदा

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क्या वाकई भारत को मैरिटल रेप पर कानून की जरूरत है?

30 मई 2015
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केंद्रीय मंत्री हरिभाई पर्थीभाई चौधरी के मैरिटल रेप पर दिए बयान के बाद एक बार फिर यह मुद्दा सुर्खियों में है. मंत्री ने राज्यसभा में कहा कि भारत में शादी को पवित्र बंधन माना जाता है. इसलिए मैरिटल रेप का मुद्दा यहां लागू नहीं होता. इस बयान के बाद एक बार फिर बहस शुरू हो गई है कि आखिर भारत में मैरिटल

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भारत का विभाजन

1 अप्रैल 2015
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×You might enjoy reading You Won't Find More Epic Cosplay Than This One! Ads By PicRec भारत का विभाजन विश्व इतिहास की सबसे विनाशकारी घटनाओं में से एक है। अगस्त, 1947 में भारत और पाकिस्तान में सत्ता का हस्तांतरण ब्रिटेन द्वारा उपनिवेशवादी को खत्म करने की दिशा में पहला महत्त्वपूर्ण कदम था, जि

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यहां दफन है अरबों का खजाना, जो भी गया अंदर नहीं आया वापस

30 मई 2015
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रोहतक के पास महम में 'चोरों की बावड़ी' की इतिहास में खास जगह बनी हुई है। इसे 'स्वर्ग का झरना' भी कहा जाता है। मुगलकाल की यह बावड़ी यादों से ज्यादा रहस्यमयी किस्से-कहानियों के लिए जानी जाती है। कहा जाता है कि सदियों पहले बनी इस बावड़ी में अरबों रुपए का खजाना छुपा हुआ है, यही नहीं इसमें सुरंगों का

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खतरे का संकेत है बदलता मौसम

14 मार्च 2015
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भारत में ग्लोबल वार्मिंग का असर अब साफ नजर आने लगा है. पिछले दिनों बेमौसम बरसात और बर्फबारी के अलावा भारी बीमारियां भी सामने आई हैं जिसने मौसम विज्ञानियों को भी चिंता में डाल दिया है. इस साल मार्च के दूसरे सप्ताह में भी उत्तरी और मध्य भारत में मौसम का मिजाज तमाम पूर्वानुमानों को झुठलाते हुए नई रा

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बच्चों को जिम्मेदार व स्वावलंबी बनाने के लिए ज़रूरी 10 बातें

31 मई 2015
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×Also on the web Ads By PicRec हम अपने बच्चों को सारी खुशियां देना चाहते हैं क्योंकि हममें से बहुतों ने बहुत सादा बचपन बिताया. हमारे पैरेंट्स के पास विकल्प सीमित थे इसलिए हम अपने बच्चों को उन चीजों से वंचित नहीं रखना चाहते जो हमें उपलब्ध नहीं थीं. लेकिन हममें से कई पैरेंट्स अपने बच्चों के प

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'मैंने देखा...लोग घास और सांप खा रहे थे'

3 अप्रैल 2015
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वर्ष 1943 में जब द्वितीय विश्वयुद्ध अपने चरम पर था, तब बंगाल में भारी अकाल पड़ा था जिसमें लाखों लोग मारे गए थे. प्रोफ़ेसर रफ़ीकुल इस्लाम तब 10 साल के थे और ढाका में रहते थे. वह कहते हैं, "जब भी मैं उन दिनों के बारे में सोचता हूं, मैं खो जाता हूं. वर्ष 1943 में बंगालियों को जिस आपदा का सामना करना

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मुल्ला नसरुद्दीन के गुरु की मज़ार

31 मई 2015
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मुल्ला नसरुद्दीन इबादत की नई विधियों की तलाश में निकला. अपने गधे पर जीन कसकर वह भारत, चीन, मंगोलिया गया और बहुत से ज्ञानियों और गुरुओं से मिला पर उसे कुछ भी नहीं जंचा. उसे किसी ने नेपाल में रहनेवाले एक संत के बारे में बताया. वह नेपाल की ओर चल पड़ा. पहाड़ी रास्तों पर नसरुद्दीन का गधा थकान से मर गय

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क्रोध का मनोविज्ञान

25 फरवरी 2015
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क्रोध का मनोविज्ञान है कि तुम कुछ चाहते थे और किसी ने तुम्हें वह पाने से रोक दिया। कोई राह का रोड़ा बन गया,एक रुकावट के रूप में। तुम्हारी पूरी उर्जा कुछ पाने जा रही था और किसी ने उर्जा को रोक दिया। तुम जो चाहते थे, नहीं पा सके। अब यह कुंठित उर्जा क्रोध बन जाती है... क्रोध उस व्यक्ति के विरुद्ध जिसन

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महान दार्शनिक सुकरात के २० कथन जो आपकी आँखें खोल देंगी !!

1 जून 2015
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"आप कुछ नहीं जानते इस बात का ज्ञान ही केवल सत्य ज्ञान है।" "The only true wisdom is in knowing you know nothing." — Socrates "वैसा जीवन जिसमे परीक्षाएँ न ली गयी हों, जीने योग्य नहीं है।" "The un-examined life is not worth living." — Socrates "दुनिया में केवल एक ही चीज अच्छी है, ज्ञान, और के

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भारत के बारे में क्‍या आप जानते हैं ये रोचक तथ्‍य

3 अप्रैल 2015
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कुंभ मेला कुंभ मेला भारत में हर 12 साल के बाद इलाहाबाद में आयोजित होता है। यह दुनिया का सबसे बड़ा आयोजन होता है जिसमें एक अरब से भी ज्‍यादा लोग दुनिया भर से गंगा स्‍नान के लिये आते हैं। सबसे बड़ी डाक व्यवस्था विश्व की सबसे बड़ी डाक व्यवस्था केवल भारत में ही है जो अपनी सेवन गांव, शहद और कसबों तक

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कृपया खाने के अपव्यय को रोकिये

5 जून 2015
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भूख भूख सरेआम बिकती है चौराहों पर सड़क के किनारे मंदिरों के बाहर मस्जिदों के छोटे गलियारों पर पेट कि भूख विचारों कि भूख अरमानो कि भूख दरअसल रोटी का अस्तित्व ही तब-तक है जब तक भूख है . .» क्या आप जानते हैं आप अपनी प्लेट में जो खाना बर्बाद कर रहे हैं उससे किसी जरूरतमंद की भूख मिटाई जा सकती थी। दुन

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अक्लमंदी बढ़ाने के तरीके

14 मार्च 2015
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कुछ खास बातें जो बच्चों को बुद्धिमान बनाने में मदद करती हैं.. Tidak merokok सिगरेट से दूरी 2010 में इस्राएल में 18 से 21 साल के 20,000 युवाओं पर हुए एक शोध में उनका औसत आईक्यू 94 पाया गया. इनमें से जो स्मोकिंग नहीं करते थे उनका औसत आईक्यू 101, जबकि स्मोकिंग करने वालों का 90 पाया गया. वाद्य यंत्

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एंड्रॉयड के इन 15 कारनामों से अनजान हैं आप

5 जून 2015
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एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्‍टम सैंमसंग, एचटीसी, एलजी, माइक्रोमैक्‍स, मोटोरोला, नोकिया, आदि हैंडसेट के साथ बाजार में उपलब्‍ध है। अगर इसकी बातों से अनजान हैं तो अभी जानिये उनके बारे में। 1 एंड्रॉयड के अनजान कारनामें एंड्रॉयड के अपडेट होने के साथ इसमें नये-नये फीचर भी जुड़ जाते हैं जिनसे अक्‍सर

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कुछ तो कह तेरी बदली हुई फितरत क्यों है

4 अप्रैल 2015
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कुछ तो कह तेरी बदली हुई फितरत क्यों है क्या हुआ तुझ को तेरी ऐसी फ़ज़ीहत क्यों है इतना वहशी तू नहीं था कभी इससे पहले हो के इंसान यह हैवान सी सीरत क्यों है ये हवस कैसे तेरे दिल में उतर आई है ये जो औरत है तेरी बेटी, बहन, माई है पाक रिश्तों को भी ज़ालिम नहीं बख़्शा तूने बेहयाई तुझे किस

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जाति तोड़ो, हिन्दुओ को आपस में जोड़ो, विश्व गुरु बनो

5 जून 2015
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जाति तोड़ो, हिन्दुओ को आपस में जोड़ो, विश्व गुरु बनो ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ मैं अक्सर लोंगो को ये कहते सुनता हूँ कि भारत को विश्व गुरु बनाना है। भारत में धर्म, जाति, रंग और लिंग के आधार पर हो रहे भेदभाव को जब मैं अपनी आँखों से देखता हूँ तो गहरे सोच में पड़ जाता हूँ कि क्या हमारा दे

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इबोला के बारे में वैज्ञानिकों ने यह बोला

22 फरवरी 2015
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लक्षण: यदि कोई वायरस के संपर्क में आ गया है तो लक्षण दो से 21 दिनों के बीच सकता है. जो है बुखार, मांसपेशियों में दर्द, सिर दर्द, गले में खराश, उल्टी और दस्त। संक्रामकता : उपर्युक्त लक्षण जिस बोला ग्रसित मरीज में प्रगट होगा तभी वह संक्रामक होगा . यदि वायरस से संक्रमित व्यक्ति में उक्त लक्षण प्रगट न

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एलियन की खोज के लिए लांच हुई नई वेबसाइट

5 जून 2015
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बचपन में आपने एलियन से जुड़ी कई कहानियों के बारे में सुना होगा, या फिर बैड ब्‍वॉय जैसी हॉलिवुड फिल्‍म देखकर मन में यह ख्‍याल तो आया ही होगा क्‍या सच में दूसरे ग्रह में एलियन होते है या नहीं। इस बात को लेकर कई वर्षों से विवाद बना हुआ है। कुछ लोगों का मानना है कि एलियन होते हैं तो कुछ लोग इसे कोरी क

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हर समस्या की जड़ है हराम का पैसा

5 अप्रैल 2015
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इंसान जीवन में आनंद की प्राप्ति के लिए सारे जतन करता है। खूब सारा पैसा जमा कर लेता है, काफी संख्या और मात्रा में जमीन-जायदाद का स्वामी बन जाता है, भोग-विलासिता के तमाम संसाधनों का उपभोग करता रहता है, भरे-पूरे परिवार के साथ रहता है, लोकप्रियता और प्रतिष्ठा भी खूब प्राप्त कर लेता है। इन सभी के बावजूद

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मेमोरी बैंक है 7 साल का जगप्रीत

6 जून 2015
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अंबाला, (दमनदीप सबरवाल)… आज जर्नलिस्ट टुडे आपको मिलवाने जा रहा है एक ऐसे बच्चे से, जिसकी उम्र हैं तो केवल सात साल लेकिन इसका सामान्य ज्ञान इतना तेज़ हैं की 500 साल पुरानी बात भी यह पलक झपकते ही बता देता हैं इस बच्चे को अगर मेमोरी बैंक कहा जाये तो कम नही , हलाकि सात साल की इस छोटी सी उम्र में बच

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श्रीलंका पर तोहफों की बौछार भारत-श्रीलंका में हुए चार समझौते, 28 साल बाद मोदी ने रचा इतिहास

14 मार्च 2015
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कोलंबो। 13 मार्च (एजेंसी) होली के ठीक बाद पहली श्रीलंका यात्रा पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पड.ोसी द्वीपीय देश पर तोहफों की बरसात कर दी. आज जहां दोनों देशों के बीच चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए, वहीं 10 पहलों की घोषणा की. राजीव गांधी के बाद पिछले 28 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की

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सिर्फ़ मैगी में ही नहीं हैं हानिकारक केमिकल्स, इन 8 चीज़ों में भी हैं जो आप रोज़ खाते हैं

6 जून 2015
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सोशल मीडिया में मैगी को ले कर मामला काफ़ी उछल रहा है. कई राज्यों में जांच के कुछ नमूने सही पाये गये हैं, तो कहीं कुछ गड़बड़ पाई गई. कई राज्यों ने इस पर बैन भी लगा दिया है, लेकिन केवल मैगी की जांच करना और बैन लगाना क्या सही है? क्या इसके अलावा किसी और प्रॉडक्ट में हानिकारक उत्पाद नहीं पाये जाते? आप ख

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क्या आपकी कुंडली में लक्ष्मी योग है?

8 अप्रैल 2015
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ज्योतिषशास्त्र की दृष्टि में धन वैभव और सुख के लिए कुण्डली में मौजूद धनदायक योग या लक्ष्मी योग काफी महत्वपूर्ण होते हैं. जन्म कुण्डली एवं चंद्र कुंडली में विशेष धन योग तब बनते हैं जब जन्म व चंद्र कुंडली में यदि द्वितीय भाव का स्वामी एकादश भाव में और एकादशेश दूसरे भाव में स्थित हो अथवा द्वितीयेश एव

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Flipkart डिस्काउंट के नाम पर बना रही थी सबको बेवकूफ़

6 जून 2015
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Flipkart जैसी साइट्स ने भारत में खरीदारी करने के माइने बदल दिए हैं. आज के इस दौर में कई ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स अपनी शानदार सेल और बेहतरीन ऑफ़र्स के लिए जानी जाती हैं. इनमें Flipkart का स्थान बाकी साइट्स के मुकाबले काफ़ी ऊंचा हैं. इसलिए लोग इससे शॉपिंग करना बेहद सुरक्षित समझते हैं. लेकिन हाल ही में Fi

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डार्क मैटर का रहस्य

1 मार्च 2015
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डार्क मैटर यानी काला पदार्थ अदृश्य है, वैज्ञानिक सालों से डार्क मैटर को समझने की कोशिश में जुटे हुए हैं. कहने को तो तीन चौथाई ब्रह्मांड उसी का बना है, पर देखने पर वह कहीं रत्ती भर भी दिखाई नहीं पडता. ब्रह्मांड की अनंत आकाशगंगाओं के नब्बे फीसदी से ज्यादा पदार्थ अनजाने हैं. डार्क मैटर यानी ऐसे तत्व,

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देश में महिलाओं द्वारा हासिल उपलब्धिय/1...............

8 जून 2015
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1879: जॉन इलियट ड्रिंकवाटर बिथयून ने 1849 में बिथयून स्कूल स्थापित किया, जो 1879 में बिथयून कॉलेज बनने के साथ भारत का पहला महिला कॉलेज बन गया। 1883: चंद्रमुखी बसु और कादम्बिनी गांगुली ब्रिटिश साम्राज्य और भारत में स्नातक की डिग्री प्राप्त करने वाली पहली महिलायें बनीं. 1886: कादम्बिनी गा

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इतिहास के सबसे बुरे 5 ट्रैफिक जाम

8 अप्रैल 2015
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ट्रैफिक जाम आजकल बहुत आम बात हो गयी है। शहरों में रहने वाले लोग जानते हैं कि जब ट्रैफिक का सबसे उच्च समय होता है तब थोड़ी दूरी तय करने में भी कितना समय लगता है। केवल भारत में नहीं बल्कि विश्व के सभी बड़े शहरों में यही अनुभव आता है कि थोड़ी दूरी तय करना भी कितना दुखदायक हो सकता है। जाम के कारण लोगों

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क्या है शहद के स्व-संरक्षण का राज ॽ

8 जून 2015
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शहद संभवतःप्रकृति का एकमात्र तरल पदार्थ है जो अपने ही बल पर हजारों वर्षो तक सड़ता नहीं है। मानव हजारों वर्षो से शहद के इस गुण से परिचित है और शहद के इस गुण का उपयोग अपने हित में करता रहा है। मृत मानव शरीर व घावों को सड़ने से बचाने में शहद का उपयोंग मानव अति प्राचीनकाल से करता रहा है। मिश्र के कब्र

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आखिर, ईश्वर है कि नहीं ???

14 मार्च 2015
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एक दिन एक आदमी नाई की दूकान अपने बाल काटने और दाढी काट छाँट करने गया। जैसे ही नाई नेअपना काम शुरू किया, दोनों ने बातें करना भी शुरू किया। उन दोनों ने कई बातें की, और बातें करते करतेईश्वर के बारे में चर्चा शुरू किया। नाई बोला, "ईश्वर का कोई अस्तित्व है, इस पर मैं विश्वास नहीं रखता।" ग्राहक ने पूछा,

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कुछ महत्वपूर्ण जानकारी शाकाहारियों के लिए भी

8 जून 2015
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मित्रों मांसाहार घृणित है, यह अब अधिकतर लोग जानने लगे हैं और शाकाहार अपनाने लगे हैं| यह एक अच्छा संकेत है| किन्तु हम शाकाहारी भी भ्रम में ही हैं कि हम पूर्णत: शाकाहारी हैं| शाकाहार के भ्रम में हम दैनिक जीवन में ऐसी बहुत सी खाद्द वस्तुओं का सेवन कर रहे हैं जिन्हें मांसाहार की श्रेणी में रखा जाना

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औषधीय पौधा अशवगंधा को लगाकर प्राप्त करे अधिक आमदनी

9 अप्रैल 2015
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अशवगंधा (असगंधा) जिसे अंग्रेजी में विन्टर चैरी कहा जाता है तथा जिसका वैज्ञानिक नाम विदानिया सोमनिफेरा है, भारत में उगाई जाने वाली महत्वपूर्ण औषधीय फसल है जिसमें कई तरह के एल्केलाइड्स पाये जाते है। अशवगंधा को शक्तिवर्धक माना जाता है।भारतवर्ष में यह पौधा मुख्यतया गुंजरात, मध्यप्रदेष, राजस्थान, पष्चिमी

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गरीब बच्चों को मिलती है वैदिक संस्कृति की शिक्षा

9 जून 2015
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सलखिया का गुरुकुल आश्रम है सद्भावना की अनोखी मिसाल   संसदीय सचिव ओमप्रकाश राठिया एवं प्रमुख समाजसेवी पोम्मी भाटिया व्दारा गरीबों को कम्बल का वितरण किया गया।   पत्थलगांव / रमेश शर्मा गरीब तबका के बच्चों को जातिगत भेद भाव से

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बेटी बचाओ अभियान

23 फरवरी 2015
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दोनों आंखें एक समान, बेटों जैसे बेटी महान !' "करनी है जीवन की रक्षा, कन्याओं की करो सुरक्षा !" "बेटी को मरवाओगे, तो बहु कहां से लोगे?" ये है बेटी बचाओ अभियान के चुनिंदा घोषवाक्य। कितने दुःख की बात है कि बेटी को देवी मानकर पूजने वाले देश में बेटी बचाओ अभियान चलाना पड़ रहा है। आजादी के बाद देश म

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हिन्दू धर्म में ईश्वर की परिकल्पना और स्रोत (Concept of God in Hinduism)

11 जून 2015
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हिन्दू धर्म में ईश्वर की सामान्य परिकल्पना (COMMON CONCEPT OF GOD IN HINDUISM) अगर किसी सामान्य हिन्दू जन से यह पूछेंगे कि वो कितने भगवान् में विश्वाश रखता है तो कुछ कहेंगे तीन, कुछ कहेंगे हज़ारों और कुछ कहेंगे तैतीस करोड़ (330 million). लेकिन वहीँ अगर यही सवाल किसी पढ़े-लिखे (हिन्दू धर्म के ज

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पोस्ट ऑफिस का PPF अकाउंट बैंक में ट्रांसफर

10 अप्रैल 2015
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PPF अकाउंट पोस्ट ऑफिस या किसी ऑथराइज्ड बैंक में खोला जा सकता है। अगर सब्सक्राइबर का PPF अकाउंट उसी बैंक में है, जहां उसका सेविंग्स अकाउंट है तो वह अपने अकाउंट्स का कंसॉलिडेटेड व्यू ले सकता है। PPF को पोस्ट ऑफिस से बैंक में आसानी से ट्रांसफर किया जा सकता है। इसका तरीका बहुत आसान है। ब्रांच का चुना

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*******************∗अब सौंप दिया∗*********************

12 जून 2015
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अब सौंप दिया इस जीवन का, सब भार तुम्हारे हाथों में । है जीत तुम्हारे हाथों में, और हार तुम्हारे हाथों में।। मेरा निश्चय है बस एक यही, एक बार तुम्हें पा जाऊँ मैं । अर्पण कर दूँ दुनिया भर का, सब प्यार तुम्हारे हाथों में।। जो जग में रहूँ तो एसे रहूँ, जैसे जल में कमल का फूल रहे। मेरे सब गुण-दोष स

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महिलाओं के खिलाफ अजीबोगरीब कानून

15 मार्च 2015
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महिलाओं के खिलाफ दुनिया भर से आने वाली शोषण और अत्याचार की खबरें आम हैं. कई देशों में महिलाओं के खिलाफ ऐसे कानून हैं जो उनके मानवाधिकारों का गला घोंटते दिखते हैं... शादीशुदा महिला का बलात्कार दिल्ली में 2012 के निर्भया कांड के बाद दुनिया भर में भारत की थूथू हुई. लेकिन एक साल बाद ही कानून म

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दत्तात्रेय तंत्र में वशीकरण प्रयोग

13 जून 2015
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तंत्र शीघ्र कामना की सिद्धि करने वाला माना जाता है। भगवान् दत्तात्रेय को अवतार की संज्ञा दी गयी है। कलियुग में अमर और प्रत्यक्ष देवता के रूप में भगवान् दत्तात्रेय सदा प्रशंसित एवं प्रतिष्ठित रहेंगे। दत्तात्रेय तंत्र देवाधिदेव महादेव शंकर के साथ महर्षि दत्तात्रेय का एक संवाद पत्र है। मोहन प्रयोग `

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आखिरी क्षणों में टैक्स बचाने के पांच तरीके

10 अप्रैल 2015
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ईएलएसएस में निवेश करें इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ईएलएसएस) में रेकरिंग पेमेंट्स की जरूरत नहीं होती है। अगर आपको लगता है कि यह फंड आपकी जरूरतों को पूरा नहीं कर सकता तो बाद के सालों में इसमें निवेश करने की आवश्यकता नहीं रहती। इसके अलावा अगर आपकी केवाईसी सही है तो आप आसानी से ऑनलाइन निवेश कर सकते

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तनाव तय करता है जिंदगी की लंबाई

13 जून 2015
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शांत रहें, स्वस्थ रहें और आगे बढ़ें, इंसान के लिए दीर्घायु प्राप्त करने का यह मूलमंत्र साबित हो सकता है. जी हां, यह कोई व्याख्यान नहीं बल्कि वह सच्चाई है. महिलाओं पर लागू एक ताजा शोध में बताया गया है कि तनावपूर्ण स्थितियों में इंसान जिस तरह से प्रतिक्रिया करता है, उसी से यह निर्धार

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आपका पसंदीदा फल बताते हैं आपका व्यक्तित्व

8 मार्च 2015
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इंसान काम करता है और फल की इच्छा भी करता है। लेकिन यहां पाने वाले नहीं बल्कि खाने वाले फल की बात हो रही है। लोग तरह तरह के फल खाना पसंद करते हैं। फलों की पसंद बताती है कि आपका व्यक्तित्व क्या है। फल ज्योतिष बताता है कि व्यक्ति की पसंद, नजरिया और राय क्या हो सकती है। अगर आपको भी किसी के व्यक्तित्व

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भगवान शिव के 10 रुद्रावतार

13 जून 2015
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भगवान शिव के 10 रुद्रावतार ( Bhagwan Shivji ke 10 Rudra Avtar) ब्रह्मा, विष्णु और शिव में विष्णु और शिव के दर्जनों अवतारों के बारे में पुराणों में मिलता है। विष्णु के 24 अवतार हैं तो शिव के 28 अवतार। लेकिन उनमें भी जो प्रमुख है उसी की चर्चा की जाती है। जैसे विष्णु के 10 अवतार और शिव के 10 अवतार

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मांस भक्षण : आपत्ति और प्रतिक्रिया

14 अप्रैल 2015
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सत्यार्थ प्रकाश’ में स्वामी जी ने न केवल मांसाहार का निशेध किया है बल्कि यह भी कहा है कि मांसाहारी मनष्‍यों का संग करने व उनके हाथ का खाने से आर्यों को भी मांस खाने का पाप लगता है। यह भी लिखा है कि पशुओं को मारने वालों को सब मनुष्‍यों की हत्या करने वाला जानिए। (10-25) एक आर्य समाज के विद्वान से कु

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इच्छित संतान प्राप्ति के सुगम उपाय

13 जून 2015
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यदि किसी दंपति की संतान संबंधी कोई समस्या है जैसे गर्भ न ठहरना, गर्भपात हो जाना, मृत बच्चे का जन्म होना, संतान का बीमार रहना, मंदबुद्धि बच्चे का जन्म आदि तो घरेलू उपाय कर स्वस्थ, बुद्धिमान तथा योग्य संतान प्राप्त कर सकते हैं। यहां प्रस्तुत हैं इन्हीं समस्याओं के निदान के अनेकानेक उपाय... संतान प्

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पानी बचाने के संकल्प का दिन

17 मार्च 2015
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22 मार्च याने विश्व जल दिवस। पानी बचाने के संकल्प का दिन। पानी के महत्व को जानने का दिन और पानी के संरक्षण के विषय में समय रहते सचेत होने का दिन। ऑंकड़े बताते हैं कि विश्व के 1.5 अरब लोगों को पीने का शुध्द पानी नही मिल रहा है। प्रकृति जीवनदायी संपदा जल हमें एक च के रूप में प्रदान करती है, हम भी इस च

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वर्त्तमान शिक्षा प्रणाली.......गुलामी का षड्यंत्र

18 जून 2015
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1858 में Indian Education Act बनाया गया आज हमारी शिक्षा व्यवस्था इसी कानून पर आधारित है यह मैकोले नाम के अँगरेज़ ने बनायीं थी हमें गुलाम बनाने के लिए और हमारी महान सभ्यता और संस्कृति को नस्ट करने के लिए…..मैकोले का स्पष्ट कहना था कि भारत को हमेशा-हमेशा के लिए अगर गुलाम बनाना है तो भारत कि आध्यात्मिक

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हिमालय रहेगा तभी हम रहेंगे

19 अप्रैल 2015
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हिमालय व इसके करीब बसने वालों के समक्ष कई चुनौतियां व संकट हैं। यहां का जनजीवन, जल, जंगल, जमीन, जानवर सभी संकट के साए में हैं। अनियोजित विकास व प्राकृतिक संसाधनों की लूट के चलते हिमालय का प्राकृतिक संतुलन बिगड़ रहा है जिसकी मार खुद हिमालय के साथ ही आसपास की जनता भी भुगत रही है। इस अंचल में हो रहे

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शिक्षित-संपन्न कराते हैं कन्या भ्रूण हत्या

25 जून 2015
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भारत में पिछले तीन दशक के दौरान बेटे की चाह में लाखों लड़कियों की भ्रूण हत्या कर दी गई। इन हत्याओं के जिम्मेदार लोगों में ऐसे लोगों की तादाद खासी बड़ी है जो कथित रूप से पढ़े-लिखे और संपन्न हैं। स्वास्थ्य पत्रिका लांसेट की एक ताजा रपट के मुताबिक, भारत में बहुत से संपन्न और पढ़े-लिखे लोगों को भी ज

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एक प्रस्तवित स्कूल की नियमावली

22 फरवरी 2015
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(लगभग सवा सौ साल पहले की बात है। इस लेखक ने देखा 'एक अद्भुत अपूर्व स्वप्न'। स्वप्न में उसने बिचारा कि देह लीला समाप्त हो जाने के पहले अपनी स्मृति को बनाए रखने के लिए कुछ करना चाहिए। पहले उसने सोचा, एक देवालय बनवा दूँ, पर कठिनाई यह थी कि 'यह अँगरेजी शिक्षा रही तो मंदिर की ओर मुख फेर कर भी कोई नहीं

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गज़ल रंग- ए - दुनिया

25 जून 2015
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देख बाग़-ए- बहार है दुनिया चमचमाता निखार है दुनिया । कौन जाने किसे मिले क्या क्या एक खुला सा बज़ार है दुनिया । जेब में नोट और दिल खाली वाह क्या माल दार है दुनिया । क्यों ज़रा भी सुकूं नहीं दिल में देख तो लालाज़ार है दुनिया । शान वाले कहाँ गये देखो अब न वो शानदार है दुनिया

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बर्फ मिलाया हुआ पानी कभी मत पियो महत्वपूर्ण जानकारी !!

19 अप्रैल 2015
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मित्रो कितनी भी गर्मी पड़े फ्रिज का ठंडा पानी , या बर्फ मिलाया हुआ पानी कभी मत पियो जरूर पढे बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी !! ________________________ मित्रो पहले ये जान लीजिये आयुर्वेद के अनुसार ठंडे पानी की परिभाषा क्या है ?? शरीर का तापमान है 37 degrees Celsius ( 98.6 fahrenheit ) 27 डिग्री से न

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अजब गजब टिप्स जो काम आए हमेशा

25 जून 2015
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1 अगर आप किसी चीज को खरीदते समय शर्मिंदा महसूस करना नहीं चाहते तो अपने हाथ में एक बर्थ डे कार्ड रखिए। लोग समझेंगे की आप तोहफा देने के लिए उस चीज को खरीद रहे हैं। 2 आपके मोजो में से बदबू आ रही है? उन्हें एक रात फ्रिजर में रख दीजिए। ठंडक से बैक्टीरिया मर जाएंगे और बदबू आना बंद हो जाएगी। 3 सेल्सियस

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गौ माँ को बचाने में सहयोग करे

18 मार्च 2015
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तो सुप्रीम कोर्ट के मुक़द्दमे मे कसाईयो द्वारा गाय काटने के लिए वही सारे कुतर्क रखे गए जो कभी शरद पवार द्वारा बोले गए या इस देश के ज्यादा पढ़ें लिखे लोगो द्वारा बोले जाते है या देश के पहले प्रधान मंत्री नेहरू द्वारा कहे गए ! कसाईयो का पहला कुतर्क !! 1) गाय जब बूढ़ी हो जाती है तो बचाने मे कोई लाभ

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आहार बदलें – पानी बचाएं

28 जून 2015
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दिनचर्या की तुलना में आहार में बदलाव कर हम कहीं अधिक पानी बचा सकते हैं । जहाँ एक किलो गेहूँ के उत्पादन के लिये औसतन 1000 लिटर पानी की आवश्यकता होती है वहीं एक किलो जौ के लिये 700 लिटर, एक किलो चने के लिये 600 लिटर और एक किलो मक्का या बाजरे के लिये 300 लिटर पानी ही चाहिये जब कि एक किलो चाँवल के लिय

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फर्जी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने वाले सरपंच के विरुद्ध क्या कार्यवाही करें?

23 अप्रैल 2015
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हाल ही में हुए पंचायत चुनाव में गत सरपंच ही सरपंच चुना गया। उस के द्वारा चुनाव के आवेदन में जाली फर्जी आठवीं पास का प्रमाण पत्र 1979-80 का दिया गया जो कुछ मौतबीर व्यक्तियों द्वारा सूचना अधिकार के द्वारा संबन्धित विद्यालय से सूचना करने पर पता लगा कि वह कभी उस स्कूल में पढ़ा ही नहीं। सरपंच ने गत कार

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पुलिस से संबंधित महिलाओं के अधिकार

28 जून 2015
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भारतीयनारी आज सशक्त, पढ़ी-लिखी और समझदार है। वह प्रगति के हर क्षेत्र में अपनीपहचान छोड़ रही है लेकिन शिक्षित होते हुए भी बहुत कम महिलाएं ही पुलिस सेसंबंधित अपने कानून जानती होंगी। उदाहरणत: अगर मान लें कि किसी महिला कापर्स चोरी हो जाता है तो शायद ही उसे एफ.आई.आर. आदि के बारे में पूरीजानकारी हो। यदि उ

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संकल्पशक्ति

8 मार्च 2015
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एक लड़का सदा अपनी मेज़ पर 'पी' लिख कर रखता था। वह अपनी किताबों और कॉपियों पर भी सदा'पी' लिख दिया करता था। घर पर भी उसने जगह-जगह पर 'पी' लिख छोड़ा था। लोग हैरान होते थे, पर वह किसी को कुछ नहीं बताता था। धीरे-धीरे लोगों ने पूछना छोड़ दिया। हाई स्कूल केबाद वह कॉलेज में दाखिल हुआ। वहाँ भी 'पी' लिखने का

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क्या आप जानते हैं ...हिन्दी भाषा

25 अप्रैल 2015
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-हिन्दी भाषा 'इंडो यूरोपियन' परिवार से संबंध रखती है। - इस भाषा के उद्गम का महाद्वीप 'एशिया' व देश 'भारत' है। - भारत देश में हिन्दी भाषा को अधिकृत रुप से उपयोग किया जाता है। - 366,000,000 लोगों के लिए यह भाषा 'मातृभाषा' है वहीं इस भाषा को कुल 487,000,000 लोग उपयोग करते हैं। - हिन्दी की वर्णमाला में

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Best Tricks & Tips for Facebook in hindi बेहतरीन फेसबुक ट्रिक्‍स और टिप्‍स हिन्‍दी में

22 फरवरी 2015
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FaceBook आज के दौर की ऐसी Social networking site है, भारत में लगभग 8 करोड लोग फेसबुक से जुडे हुए हैं, इसलिये माइ बिग गाइड के माध्‍यम से आपकोFaceBook के कुछ ऐसे Tips and Tricks हिंदी में बताये जा रहे हैं, इन टिप्‍स से आप FaceBook इस्‍तेमाल और भी बढिया ढंग से कर सकते हैं - --------------------------

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शिव लिंग - हिन्दू धर्म में लिंग की पूजा कैसे शुरू हुई

22 फरवरी 2015
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सिम कार्ड निर्माता कंपनी पर जासूसों का हमला

22 फरवरी 2015
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भारत समेत 85 देशों में सिम कार्ड मुहैया कराने वाली कंपनी गेमोल्टो के नेटवर्क में अमेरिकी और ब्रिटिश जासूसों ने सेंध लगाई. इंटरसेप्ट वेबसाइट ने दावा किया है कि अब दुनिया भर के मोबाइल नेटवर्कों पर नजर रखी जा सकेगी. ब्रिटेन और अमेरिकी खुफिया एजेंसी (एनएसए) के हैकरों ने दुनिया की सबसे बड़ी सिम कार्ड

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हमारे कर्मों का कारण और लेन-देन की क्रियाविधि

23 फरवरी 2015
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१. प्रस्तावना पिछले लेखों में बताए अनुसार हमारे जीवन के ६५% कर्म प्रारब्ध के अनुसार होते हैं । यह हमारे जीवन का वह भाग है जिस पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं होता । हमारे आसपास के लोगों के साथ हम जो लेन-देन निर्माण करते हैं, उसके द्वारा हम अपने इस खाते में वृद्धि करते हैं, जिसे हमें इस जन्म में अथवा आग

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शराब की आदत छुड़ाने हेतु

13 मार्च 2015
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शराब की आदत छुड़ाने हेतु 1) जब शराब पीने की इच्छा हो तब किशमिश का १-१ दाना मुंह में डालकर चूसें | किशमिश का शरबत पीने से भी दिमाग को ताकत मिलेगी और धीरे-धीरे शराब छोड़ने की क्षमता आ जायेगी l साथ ही इस मंत्र का जप करें : - "" ॐ ह्रीं यं यश्वराये नमः "" अथवा जब शराबी निद्रा में हो तो कुटुम्बी उसकी चो

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सप्ताह का विचार

24 मार्च 2015
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सारा जगत स्वतंत्रता के लिए लालायित रहता है फिर भी प्रत्येक जीव अपने बंधनो को प्यार करता है। यही हमारी प्रकृति की पहली दुरूह ग्रंथि और विरोधाभास है। - श्री अरविंद सत्याग्रह की लड़ाई हमेशा दो प्रकार की होती है। एक ज़ुल्मों के खिलाफ़ और दूसरी स्वयं की दुर्बलता के विरुद्ध। - सरदार पटेल कष्ट ही तो

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जानिए शुभ एवं कल्याणकारी सिद्ध गायत्री मंत्र

26 मई 2015
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गायत्री मंत्र को वेदों का सर्वश्रेष्ठ मंत्र माना गया है। इसके जप के लिए तीन समय बताए गए हैं। मंत्र जप तेज आवाज में नहीं करना चाहिए। * गायत्री मंत्र का जप का पहला समय है प्रात:काल, सूर्योदय से थोड़ी देर पहले मंत्र जप शुरू किया जाना चाहिए। * मंत्र जप के लिए दूसरा समय है दोपहर का। दोपहर में

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