हम का दर्द हुआ कम, जब नशें का जाम लगा छलकने पैमाने में। शराबियों का ईमान भी उनके कदमों के जैसा डगमगाता है। मुफ्त में मिलें तो सरकार बदलती है। खरीद कर पिए तो देश की अर्थव्यवस्था बदलती है। अगर बेचकर पिए तो घर के हालात बिगड़ते हैं। चोरी कर पिए तो चरित्र की काया बदलती है। संसार का सबसे प्यासा, यही बेचा