चलो आज इन हवाओं का रुख मोड़ दें हम
चलो आज इनहवाओं का रुखमोड़ दें हम,इक बार नसही, तिनका-तिनकाही सही,इक घर जोड़दें हम,आँधियों को मानाकी कुदरत मेहरबानहै उनपर,पर उन्हें भीआज दिखा देंकी कमजोर नहींहैं हम,जिस वक़्त टूटताहुए लगे उन्हेंहमारा आशियाना,उसी वक़्त इसआशियाने में इकनयी ईंट जोड़दें हम,चलो आज इन हवाओं का रुख मोड़ दें हम,इक बार न सही, तिनका-