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अनसुना वसंत...

20 फरवरी 2017
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कामदेव के इस वसन्त मौसम पर नवीन पुष्पों, लताओं, मलय पवन, और पलाश, गूँजते भँवरों, पीली सरसों, कूकती चिड़ियाओं वाले श्रृंगार के निबंध लिख लिखकर बच्चे पक चुके हैं, शायद अब स्कूलों में न लिखवाया जाता हो, पर हमने तो जो निबंध सातवीं क्लास में लिखा था वो साल दर साल बारहवीं तक साथ निभाता रहा, उसमें कालिदास क

छद्म नारीवादियों को श्रीराम का जीवन संदेश...!!

14 अक्टूबर 2016
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वो राम जिन्होंने उनकी माता को सदैव प्रताड़ित करने वाली कैकयी के प्रति भी कभी रंचमात्र भी दुर्भावना नहीं दिखाई।वो राम जिन्होंने उनको राजगद्दी से दूर रखने के सदैव षड़यंत्र रचने वाली स्त्री का भी कभी स्वप्न में भी अपमान नहीं किया।वो राम जिन्होंने उनके वनगमन का सूत्रधार बनी मंथरा जैसी कुटिल स्त्री को भी क

हर चीज का मतलब निकालना बेमानी

4 अक्टूबर 2016
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दो-तीन दिन पहले मैं जलियांवाला बाग़ गया था, हम सबके लिए वह शोक की भूमि है, वहाँ के बारे में अधिक लिखना नहीं चाहता पर एक बात का ज़िक्र करना चाहता हूँ। जलियांवाला बाग़ में फायरिंग के दौरान बहुत से लोग गोलियों से बचने के लिए वहाँ स्थित एक कुंए में कूद गए थे, सरकारी आंकड़ों के अन

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