अनसुना वसंत...
कामदेव के इस वसन्त मौसम पर नवीन पुष्पों, लताओं, मलय पवन, और पलाश, गूँजते भँवरों, पीली सरसों, कूकती चिड़ियाओं वाले श्रृंगार के निबंध लिख लिखकर बच्चे पक चुके हैं, शायद अब स्कूलों में न लिखवाया जाता हो, पर हमने तो जो निबंध सातवीं क्लास में लिखा था वो साल दर साल बारहवीं तक साथ निभाता रहा, उसमें कालिदास क