shabd-logo

मुक्तक

22 अगस्त 2015

155 बार देखा गया 155
नफरतों में हो गया है बावला सोचा न था । और फिर होगा तबाह ये घौंसला सोचा न था । इंसान क्यों इंसानियत से दूर होता जा रहा ? इस तरह होगा दिलौं में फासला सोचा न था । -- राहुल गुप्ता

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए