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नफरतों में हो गया है बावला सोचा न था ।और फिर होगा तबाह ये घौंसला सोचा न था ।इंसान क्यों इंसानियत से दूर होता जा रहा ?इस तरह होगा दिलौं में फासला सोचा न था ।-- राहुल गुप्ता