shabd-logo

इन दिनों (एक ग़ज़ल के दो नज़रिये )

28 जुलाई 2022

29 बार देखा गया 29
जिंदगी के तो अंजान सफ़र में हूँ इन दिनों
न जाने वो कौन सी खबर में हूँ इन दिनों

अक्सर कहता आज मिलता हूँ आईने से
लगता है किसी दूसरे शहर में हूँ इन दिनों

कैसे अहम के दायरे में ठहर सकता है कोई
अपने वजूद के ग़म के कहर में है इन दिनों

तराश कर वजूद बिखर गया है इस कदर
हर टुकड़े में यकीन निखर गया है इन दिनों

न देख तू मुझे इन शक भरी निगाहो से दोस्त
वफ़ा के दरिया सागर उतर गया है इन दिनों

मुमकिन है कि सोच से हट जाये निदान 
लगता है कोई खास नज़र में है इन दिनों.

अजय निदान
सर्वाधिकार सुरक्षित
9630819356
प्रिया राव(रघुवंशी) ✍🏻📚

प्रिया राव(रघुवंशी) ✍🏻📚

कौन खास नजर है भाई इन दिनों। बहुत बढ़िया लिखा है भाई🙏🏻

5 अप्रैल 2024

1 अगस्त 2022

Amey

Amey

very nice ji

28 जुलाई 2022

10
रचनाएँ
ग़ज़लो का गुलदस्ता
5.0
इस किताब में सारी रचनाये मेरी स्वयं की हस्तलिखित और मौलिक हैं इसमें जिंदगी के सारे अनुभवो को दर्शाने की पूरी कोशिश की हैं, हर शब्दों में अपना दर्द और जिंदगी के नये -नये सोच के आयामो को पेश करने की कोशिश की हैं मैंने अब बाकी तो आप लोग ही पढ़कर सटीक विवेचना कर सकते हैं l
1

पहला शिकार

28 जुलाई 2022
10
3
4

तेरी आदतों से जन्मा पहला शिकार हूँ मैकिन हालातों से ढला पहला प्यार हूँ मैं।कुछ नही पास सिवाये हक़ीक़त केनज़र में संवरता पहला निखार हूँ मैं।चमक तेरी मेरी साँसों में रहती सदासूरत पे दिखनेवाला प

2

दाग़दार हो गये

28 जुलाई 2022
6
1
1

कैसे ज़िंदगी की राहों में दाग़दार हो गये।ऐसे ही लोग रिश्तों में वफ़ादार हो गये।।क्या गिला करें अब किसी भी दरबार मे।हम तो ऐसे वक़्त के नये किरदार हो गये।।किसी से क्या कहते हम ज़ख़्मी जुबां से ।सब कहां

3

मुझे इनसे इन दिनों

28 जुलाई 2022
7
1
4

सबसे ज़्यादा प्यार हैं मुझे इनसे इन दिनों।कह नही पा रहा हूँ मैं उनसे कुछ इन दिनों।।क्या करूँ समझ न आये दिल की आरज़ू।हर पल बस तेरा दीदार होता हैं इन दिनों।।हर पल सूरत में तेरी ही मूरत का आईना।न जाने कौन

4

इन दिनों (एक ग़ज़ल के दो नज़रिये )

28 जुलाई 2022
4
1
3

जिंदगी के तो अंजान सफ़र में हूँ इन दिनोंन जाने वो कौन सी खबर में हूँ इन दिनोंअक्सर कहता आज मिलता हूँ आईने सेलगता है किसी दूसरे शहर में हूँ इन दिनोंकैसे अहम के दायरे में ठहर सकता है कोईअपने वजूद के ग़म क

5

समझता नहीं हैं

28 जुलाई 2022
4
1
3

कोई भी यहाँ किसी को समझता नहीं हैं।किसी भी सूरत से दिल संभलता नहीं हैं।।बहुत मुश्किल हैं जीना तेरे बिन तेरे लिए।हर एहसास में दिल ऐसे पिघलता नहीं हैं।।इस क़दर ख़फ़ा हैं लोग कुछ पूछने से ही।शक से भरे

6

वफ़ा न रही

28 जुलाई 2022
4
1
1

दौर-ए-गर्दिश में अब राहे-वफ़ा न रही।ज़माने में हमें किसी से मोहब्बत न रही।।बहुत कम था फासला दोनों के दरमियाँ।इस दौर में अब लोगो मे हकीकत न रही।।डरता हैं दिल अब यक़ीन के नाम से ही।रिश्तों में भी पहले जैसी

7

हकीकत नही होती

28 जुलाई 2022
3
1
2

हर चेहरे पर वक़्त की हकीकत नही होती।जीने के लिए बहाने की जरूरत नही होती।।अंदाज़ा नही हो पाता इंसान की सोच का।प्यार के लिए भी अच्छी नीयत नही होती।।क्या करें गिला शिकवा इन सब बातों का।दिल के आईने में ऐसी

8

शराफ़ात मिल गई

28 जुलाई 2022
2
0
1

अब तुझे तेरी ज़िंदगी की शराफ़त मिल गई।मुझे भी अपने दिल की नई हसरत मिल गई।।न जाने किस ख्वाब से आँखें खुल गई मेरी।ऐसा लगा कि जमाने की हकीकत मिल गई।।कोई बात थी दिल मे उसके और आँखों मे।इस क़दर उसके लिए मोहब्

9

अफसाना हैं ज़िन्दगी का

28 जुलाई 2022
5
1
1

बस यही एक अफसाना हैं ज़िंदगी का।कोई न देख सका आईना है ज़िंदगी का।।रूप में इसके हकीकत, मंज़िल, ऐतबार।बस इतना ही तो फ़साना हैं ज़िंदगी का।।हर तरफ चर्चा हैं इसके कसर का हीऔर कौन सा बहाना है जिंदगी का।।अंजाम स

10

ढाल बना धर्म हैं

28 जुलाई 2022
3
1
1

राजनीति के चेहरे पर ढाल बना धर्म हैंजो जानते नहीं धर्म को कहते उसे धर्म हैं।धर्म, धर्म की कुछ बाते बनाकर देश मेधर्म की आड़ से रखते राजनीति को गर्म है।किन लोंगो के हाथों में सौंपी बागडोर हमन

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए