House wife
निःशुल्क
कुछ बोल दे तू भी अब इन आँखो के इशारों में,मेरे दिल में तू ही बसा है एक है तू हजारों में!मैं कैसे कहूं मुझे तुमसे इश्क नहीं , मुहब्बत नहीं,सिर्फ तु
तुम्हारे हो कर भी हम तुम्हें अपना बना ना सके तुम्हें पाकर भी ए मेरे हमदम तुम्हें हम पा ना सके तुम भी अधूरे ही रहे पर हम भी पूरे हो ना सके ख्वाबों के मंजर धुंधले हुए,सपनें भी पूरे हो ना सके समुं