हर एक परिवार में एक ऐसा इंसान होता है जो कभी भी किसी को भी ना नहीं कर सकता या उसे किसी काम करने को मना नहीं करता है भले ही वह कम उसे आए, या ना आए ।उसे कुछ फर्क नहीं पड़ता बस उसे यह डर लगता है कि हमारे ना बोलने से कई आगे वाले को ना बुरा लग जाए या वह कहीं हमसे बात करना ना बंद कर दे, किसी की हो सकता है आप मना कर दो और आगे वाला बुरा ना माने हो सकता है आपके ऐसे मित्र या दोस्त या रिश्तेदार हो पर हमारे यहां ऐसा नहीं होता हमारे यहां छोटी-छोटी बातें जो मुझे नहीं लगता उन पर नाराज होने की कोई बात होती या हम उस बात पर नाराज हो सकते। हमारी क्लास में भी कहीं ऐसे बच्चे हैं जो छोटी-छोटी बात पर बुरा मान जाते हैं उनमें से ही कुछ ऐसे लोग जो मुझसे बात करते हैं पर मुझे उनके व्यवहार से ऐसा कभी भी प्रतीत नहीं हुआ कि वह मुझे पसंद करते हैं यह मुझसे बात करना भी चाहते हैं वह बस अपना काम निकलवाना जानते हैं उन्हें पता है मेरा व्यवहार कैसा है मुझे छोटी-छोटी बातों का ख्याल रखना इतना पसंद है कि मेरी बातों का कोई बुरा ना मान जाए कोई मुझे गलत ना समझें मेरे जीवन में एक छोटी-छोटी पल बहुत खुशी देते हैं पर ऐसे पल कि मेरी वजह से किसी को दुख पहुंचे यह मुझे हमेशा सताते हैं माना की जिंदगी ऐसी नहीं होनी चाहिए मना करना आना चाहिए किसी को अगर वह चीज हमें नहीं आ रही तू आगे वाले को यह तसल्लियां यह उम्मीद भी नहीं रखनी चाहिए कि वह काम हम कर सकते हैं जिस कारण उनका वह काम हमारी वजह से रुक जाए आज हमारे यहां पेपर था वह पेपर जरूरी तो नहीं था पर मुझे ऐसे पेपर देना पसंद है मैं उन पेपर में वह एक घंटा मिलता है ना वह घंटा में शांति से भली स्कूल हो या कोई और जगह शांति से बैठ पाती हूं वह मुझे बहुत तसल्ली देता है आज सब ने मुझे सवालों के आंसर पूछे जब मैंने पूछा जो मुझे नहीं आया उनके आंसर तो किसी ने मुझे नहीं बताएं क्या पता क्यों ।जिससे मैंने सवाल का आंसर पूछा उसने मुझे कहां रिटर्न में कि मुझे वह सवाल नहीं आए पर उसकी आंसर शीट में साफ-साफ दिख रहा था कि उसने पूरे क्वेश्चन किये है मान किसी प्रतियोगिता में अपने आप को महत्व दिया जाता है या अपने ऊपर ध्यान दिया जाता है पहले अपना करो बाद में किसी को बताना होता है। चलो मैं आपको एक कहानी सुनाती हूं एक बार झूठ और सच कहीं पर जा रहे थे झूठ ने सच को कहा चलो कुएं में नहा कर आते हैं सच ने भी कहा चलो ठीक है ना कर आते हैं सच जब कुएं में डुबकी लगाने लगा तब झूठ सच के सारे कपड़े लेकर भाग गया तब से तभी से झूठ सच के कपड़े पहन कर पूरी दुनिया में घूम रहा है। कोई आपसे कुछ भी कहे सब झूठ होता है मैं क्यों नहीं बोल पाती सब कह देते हैं वह काम मुझेसे नहीं होगा मैं नहीं कर सकती या कर सकता ।पर में क्यों नहीं है पाती किसी को कि यह काम में नहीं करूंगी या में नहीं कर सकती ।पर वह काम करने के लिए मैं अपना जरूरी काम भी छोड़ देती हूं पर उसके बावजूद भी उन लोगों का काम होने के बाद वह मुझसे बात तक नहीं करते हैं यह नहीं है कि मैं सबका काम करके सबको खुश रखती हूं या मेरा व्यवहार ऐसा है मुझे ऐसा बनना पड़ता है क्योंकि मैं कोई भी काम अकेली नहीं कर पाती मुझे डर लगता है अकेले रहने में जब कोई स्कूल एक खुशी भी बाहर वाले इलाके में जब मेरे साथ कोई नहीं होता ना तुम क्या पता क्या हो जाता है मेरे आंखों के आगे अंधेरा छाने लगता है मैं मेरी सोने की क्षमता बिल्कुल भी बिल्कुल कम हो जाती है मैं कुछ कह नहीं पाती क्या पता क्या हो जाता है इसलिए मुझे स्कूल या किसी मार्केट वाली जगह या किसी प्रतियोगिता देनी जाने के लिए किसी व्यक्ति की जरूरत होती है इसलिए मैं हमेशा एक कोई भी हो मुझे कोई भी चलेगा बस एक लड़की मेरे साथ होनी चाहिए हर वक्त मुझे फर्क नहीं पड़ता कि वह कब तक मेरे साथ रहेगी अगर वह मेरे साथ ज्यादा दिन तक नहीं रहती तो मैं उसकी बजाय किसी और के साथ रहती हूं मेरी फ्रेंड्स बदलती रहती है क्योंकि मेरा व्यवहारी ऐसा है मैं किसी को एक बार मना कर दूं तो कोई मेरे से बात करना पसंद नहीं करता फ्रेंड्स बदलना बुरी बात है एक फ्रेंड्स जिंदगी में होना चाहिए फ्रेंड या बेस्ट फ्रेंड जो हमेशा आपके साथ रहे पर मेरा तो कोई नहीं है मैं किसके साथ रहूंस्कूल फ्रेंड्स के अलावा घर पर मेरा कोई फ्रेंड नहीं है घर पर मैं अकेली रह सकती हूं क्योंकि मैं जानती हूं मैं उसे जगह पर अकेली रह सकती हूं जहां पर मेरे अलावा कोई ना हो वहां पर मैं अपने आप को खुद को मना भी कर सकती हूं पर जब मेरे सामने कोई होता है मैं उसको मना नहीं कर पाते मैं परिवार वालों को मना कर सकती हूं या खुद को मना कर सकती हूं पर कभी भी परिवार के बाहर वाले व्यक्तियों किसी अनजान व्यक्ति को कभी मन नहीं कर सकती क्या बात क्या कैसे डर लगता है कोई आगे वाला यह भी पूछ लेना तुम्हारा नाम क्या है मेरे तो उस में भी हाथ पैर कांपने लगते हैं