दोस्त यानी एक साथी जो सबके पास होता है सब अपने दोस्त को अलग-अलग नाम से पुकारते कोई साथी के देता है कोई बेस्टी ,कोई बेस्ट फ्रेंड, बेस्ट फ्रेंड फॉरएवर, सब अपने दोस्त को ऐसे ही नाम से पुकारते हैं कभी-कभी स्कूल चेंज करने की वजह से दोस्त पीछे छूट जाते हैं ऑल न्यू स्कूल में न्यू फ्रेंड्स बनते हैं वह न्यू फ्रेंड्स जैसे हमारे जीवन का एक हिस्सा बन जाते हैं जैसे हमारे पुराने फ्रेंड देना वैसे, पर क्या पता हमारा मन जब भी उदास होता है जब भी हम चिंता ग्रस्त होते हैं जो साथी यानी फ्रेंड हमारे साथ बचपन से था उसकी याद आ जाती है गाने को वह नए फ्रेंड जो हमारे नहीं स्कूल में बने वह भी अच्छे होते हैं हमारी केयर करते हैं जिसे हमारा एक ग्रुप बन जाता है पर दिल में छोटी सी जगह पुराने दोस्तों के लिए हमेशा रहती है जब कोई ऐसी हरकत करता है जो देख गए हमें हमारे पुराने दिनों की याद आए वह दिन भी क्या दिन थे जब हम न्यू ड्रेस खरीदते हैं और पुरानी ड्रेस को एक तरफ मेल देते हैं या किसी को दे देते पर उस न्यू ड्रेस को तुलसा एक्जिस्ट करने में हमें जितना दिन लगता है ना उसी तरह एक न्यू फ्रेंड को अपनी जिंदगी में उतारने उसको समझने उसके जैसा बनने उठता है पर अपने आपको सोना करते हुए उसके जैसे वरना खुद को चेंज करना यह अलग होता है मेरे पुराने दोस्त जो भी बहुत याद आते लगभग 5 साल में उनके साथ पड़ी अभी दूसरे स्कूल में पढ़ रही हो लगभग 2 साल हो गए पर दोस्तों की याद आती हैउन दोस्तों की जाने के बाद जिंदगी खाली-खाली लगती है जैसे जिंदगी का सारा मजा ही चला गया हूं अभी मैं जा रही हूं खुद को समझने लगी हूं खुद के डिसीजन लेने लगी हूं मेरे लिए क्या सही है क्या गलत क्या गलत है यह मैं सोच लेती हूं अपने फ्यूचर की चिंता होने लगी अब आगे जाकर क्या करना है क्या बनना है कैसे करना है वह सताने लगे टाइम से पहले म्यूच्यूअल होना बहुत बड़ी बात है अभी मैं लगभग 17 साल की पर खुद को इतनी अच्छी तरह से जानती हूं जितना मुझे कोई नहीं जानता यह नहीं कह सकती कि कोई नहीं जानता जानते कुछ जो मेरे इस तरह खामोश रहते थे उनकी पर्सनल लाइफ ही जा एक इंट्रोवर्ट की तरह दी जो साइलेंट रहना पसंद करता है पर जैसे-जैसे हम दोस्त बनते गए वैसे वैसे हम एक दूसरे को समझने लगी ऐसा लगने लगा जैसे मैं उसके बारे में सब जानती हूं वह मेरे बारे में सब जानता है या सब जानती है हमारी पुरानी स्कूल में हमारा एक ग्रुप हुआ करता था जो अपने में मस्त एकदम सिंसियर बंदे होते देना वैसे बाहर वालों से किसी से नहीं बोलते थे हमारे दोस्त से ही हमसे दूसरी वाली भाड़ में जाए ऐसा लगता था हमारी एक अलग दुनिया है सब ओवर थिंकिंग वाले बंदे दे अपनी एक अलग दुनिया साथ लेकर चल देते कोई साथ ना हो ना तो भी ऐसे दिखाते जैसे उनके साथ सब कुछ है उनमें से मैं उनमें से एक में भी थी नवीद यादव सोचती थी मेरी भी एक अलग दुनिया तू उस दुनिया में कुछ खास लोग में मेरे सपने जो मैं पूरा कर चुकी थी पर अभी रिया लाई थी मतलब असलियत देखें तो अभी मैं कुछ नहीं कर रही बैठी रहती हूं मिनी डायरी लिखना भी उन्हीं से सीखा था और अभी जब भी डायरी लिखती हूं तुम क्यों छोटी-छोटी बात याद आ जाती है