शुक्र का मीन राशि में गोचर बुधवार 15 फरवरी, फाल्गुन कृष्ण दशमी को रात्रि 8:03 के लगभग विष्टि करण और हर्षण योग में समस्त सांसारिक सुख, समृद्धि, विवाह, परिवार सुख, कला, शिल्प, सौन्दर्य, बौद्धिकता, र
सूर्य का कन्या में गोचर कल यानी 16 सितम्बर, भाद्रपद शुक्ल एकादशी को अर्द्धरात्
शुक्र का धनु राशि में गोचर मार्गशीर्ष कृष्ण दशमी (सूर्योदय कालमें नवमी तिथि है किन्तु 11:29 पर दशमी तिथिलग जाएगी) यानी कल दिन में बारह बजकर तेईस मिनटके लगभग वणिज करण और वैधृति योग में समस्त सांसारिक सुख, समृद्धि, विवाह, परिवार सुख, कला, शिल्प,सौन्दर्य, बौद्धिकता,राजनीति तथा समाज में मान प्रतिष्ठा मे
गुरु का धनु में गोचर देवगुरुबृहस्पति की उपासना ज्ञान, विज्ञान, बुद्धि, धर्म और अध्यात्म के साथ-साथ भाग्य वृद्धि, विवाहतथा सन्तान सुख की प्राप्ति के लिए की जाती है | किसीव्यक्ति की कुण्डली में गुरु पिता का कारक भी होता है और किसी कन्या की कुण्डलीमें पति के लिए भी गुरु को देखा जाता है | साथ ही माना जा
मंगल का कर्क में गोचरआज आषाढ़ कृष्ण षष्ठीको रात्रि ग्यारह बजकर बाईस मिनट के लगभग मंगल अपने शत्रु गृह बुध की मिथुन राशिसे निकल कर राशि कर्क में प्रस्थान कर जाएगा – जहाँ कल ही बुध का भी गोचर हुआ है | इसप्रस्थान के समय गर करण और प्रीति योग होगा तथा मंगल इस समय पुनर्वसु नक्षत्र परहोगा | बुध वहाँ पहले ही
सूर्य का मिथुन में गोचर आज सायं पाँच बजकर उन्तालीस मिनट केलगभग भगवान भास्कर अपने शत्रु गृह शुक्र की वृषभ राशि से निकल कर बुध की मिथुनराशि में प्रविष्ट हो जाएँगे, जहाँ उनके लिए विचित्र परिस्थिति बनी हुई है | एक ओरउनका मित्र ग्रह मंगल वहाँ गोचर कर रहा है तो वहीं दूसरी ओर एक शत्रु ग्रह राहु कागोचर भी व
बुध का मेषराशि में संक्रमण 2019शुक्रवार तीन मई वैशाख कृष्ण चतुर्दशी को सायं पाँच बजकर तीन मिनट के लगभगशकुनि करण और प्रीति योग में बुध मेष राशि और अश्विनी नक्षत्र पर प्रस्थान करजाएगा | मेष राशि पर भ्रमण करते हुए बुध 11 मई को भरणी नक्षत्र तथा 17 मई कोकृत्तिका नक्षत्र पर भ्रमण करेगा, और अन्त मेंकृत्तिक