'' एक सूरज जो अभी ऊगा नहीं ,
एक चंदा जो अभी डूबा नहीं |
एक कुसुम जो अभी खिला नहीं ,
एक भौंरा जो अभी पराग चुना नहीं |
एक मशाल जो अभी जला नहीं ,
एक मिशाल जो अभी बना नहीं |
एक इश्क़ जो अभी हुआ नहीं ,
एक रिस्क जो अभी लिया नहीं |
एक किसान अभी हँसा नहीं ,
क्यूंकि उसकी फसल अभी कटा नहीं |
एक महान जो अभी हुआ नहीं ,
एक गान जो अभी बना नहीं |
एक महल जो अभी बना नहीं ,
एक पहल जो कभी हुआ नहीं |
एक शीशा जो अभी दिखा नहीं ,
एक किस्सा जो अभी सुना नहीं |
एक कमल जो अभी हुआ नहीं ,
एक धमाल जो कभी भूला नहीं |
एक जूनून जो अभी हुआ नहीं ,
एक सुरूर जो अभी चढ़ा नहीं |
एक गड्ढा जो पटा नहीं ,
एक पत्थर जो कभी हटा ही नहीं |
एक सरिता जो बही नहीं ,
एक कविता जो कभी बनी ही नहीं |"
अभी हुआ नहीं |||||
नोट - यह कविता मेरी अपनी जीवन की प्रतिकृति है |