जापान की चर्चित माँगा चित्रकला की प्रसिद्ध रचनाकार कोनो फुमियो की विख्यात चित्रकथा 'नीरव संध्या का शहर : साकुरा का देश' का हिन्दी अनुवाद अब हिन्दी साहित्य जगत की एक कड़ी बनने के लिए इच्छुक है। अभी तक इस पुस्तक का अनुवाद कोरिया, ताइवान, इंगलैंड, अमेरिका, ओस्ट्रेलिया आदि देशों में हो चुका है। यह पुस्तक जापान के हिरोशिमा में हुई त्रासदी पर आधारित है। रचनाकार कोनो फुमियो का कहना है, जिस विश्व में जापान और हिरोशिमा स्थित है, उसी विश्व में प्रेम करने वाले सभी पाठकों के लिए मैंने यह कहानी लिखी है। कोनो फुमियो को पुस्तकालय में बैठकर अध्ययन करना और अपनी चिड़िया को अपने बाजू पर बैठाकर सूर्यास्त दिखाना अच्छा लगता है। यह रचना मामूली जीवन की अमूल्यता की अनुभूति है। जापानी कॉमिक्स की विशेषता है कि उसे उल्टी तरफ से पढ़ाया जाता है, इसके अनुवाद में भी कलात्मक गुणों को सुरक्षित रखा गया है। Read more