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हाँ मैं बना सकता हूँ भाग्य क्योंकि अंधकार मिट सकता है एक दीप जलाना चाहिए प्यार तुम्हे भी हो सकता है तुम्हे प्यार तो आना चाहिए ......................

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सम्भोग और भाग्य

1 अप्रैल 2015
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आप सोंच रहे होंगे की सम्भोग का भाग्य के साथ क्या संबंध है ,परन्तु है जरूर |क्योंकि आपके घर आने वाली संतान आपका भाग्य बनती भी है और बिगाड़ती भी है ,इसीलिए भाग्य का सम्बन्ध सम्भोग के साथ बना

हमारी सेवाएं

1 अप्रैल 2015
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@सत्य कथा का संगीतमय आयोजन |[आपको ईश्वर से जोड़ने हेतु ] @जन्म कुंडली निर्माण अनेक स्तर पर | @घर बनाने सम्बन्धी पूछताछ |[जिससे घर हो सुख दाता ] @सम्भोग के उचित ज्ञान के द्वारा भाग्यशाली संतान का जन्म कराना |[जिससे बने आपकी किस्मत ]

भक्त के भगवन

30 मार्च 2015
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भक्ति करो भगवान की

कपडे कब खरीदे की सौभाग्य मिले

29 मार्च 2015
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वस्त्र से भाग्य बनता है

भ्रूण हत्या न करें......................................

26 मार्च 2015
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आप हमारी इस बात से सहमत होंगे की ब्रह्मा जी सृष्टि या संसार के रचना कार हैं |तो मैं कहता हूँ की आप भी ब्रह्मा की ही तरह हैं |बस अंतर सिर्फ इतना है की की उन्होंने पुरे विश्व को बनाया और आप अपने संसार को बनाते हैं ,ब्रह्मा जी अपनी इच्छा से संसार बसाते हैं आप का संसार तुक्के का होता है |यानि आपके य

मातृ शक्ति का वंदन

26 मार्च 2015
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माँ दुर्गा के महान नवरात्री का पर्व चल रहा है इस पर्व में हमारे देश के तथा अन्य देशो में रहने वाले अनेको नर नारी माँ दुर्गा के ध्यान एवं पूजन ,व्रत आदि में अपना समय बिता रहे हैं |प्रत्येक वर्ष में चार नवरात्र पड़ते हैं |परन्तु उन चार नवरात्रों में दो नवरात्रों को ही हम पुरे हर्ष और उल्लास के साथ

आओ सदा सच बोलें

22 मार्च 2015
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काम कठिन है ना !जरूर होगा क्योंकि हमें झूठ बोलने की आदत है और मैं कह रहा हूँ सच बोलें |परन्तु सच बोलने से ईश्वर हम पर सदा प्रसन्न होते हैं |लेकिन सच कैसा बोलें ;-"सत्यम ब्रूयात प्रियं ब्रूयात ना ब्रूयात सत्यमप्रियम "अर्थात ;-सच बोले प्रिय बोले [अच्छा बोले ] परन्तु अप्रिय सत्य कभी ना बोलें |सच मे

आपके बच्चे आपके भाग्य विधाता कैसे ?आइये समझते है

17 मार्च 2015
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​यूँ तो समस्त संसार में मर्जी ऊपर वाले की ही चलती है फिर भी विवाह के बाद सभी की मुख्य जिज्ञासा संतान की ही होती है |और यह अभिलाषा पूर्ण भी होती है लेकिन कभी कभी ही ऐसा होता है की संतान के जन्म के साथ ही घर में सभी कुछ शुभ होने लगे अचानक धन की बारिश जैसी होने लगे और लोग कहने लगें की जब से उनके घर

८४ से बचने के रस्ते

13 मार्च 2015
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मेरे ईश्वर भक्तों, अपने-आपको भूलने से देहाभिमान उत्पन हो जाता है |कर्त्तव्य को भूलने से अकर्तव्य होने लगता है |भगवान को भूलने से नाशवान के साथ सम्बन्ध हो जाता है |इस भूल को मिटाने के लिए तीन योग है -ज्ञान योग ,कर्म योग ,और भक्त

आओ सत्यआराधना करें |

12 मार्च 2015
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यह सभी को ज्ञात है की कलियुग चल रहा है |और यह भी सब जानते हैं की यह शरीर सदैव नहीं रहने वाला सभी लोग ईश्वर के घर से बिना वस्त्र के आये और इसी तरह जाना भी होगा |क्यों सत्य कहा न ?

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