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चंदन पर भी सर्प पले हैं

4 जुलाई 2016

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आस्तीनों में ही साँप पले है हाथी पोरस के साथ चले है रातों में भी नींद कहां अब दिनभर चलकर पैर जले है हम ही कमतर क्यों लगते सब कहते वो लोग भले है जग को करते फिरते रोशन दीपक जलकर हाथ मले है 'अमित' सब इतने क्यों डरते है चंदन पर भी सर्प पले है ...अमित

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