4 अक्टूबर 2022
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जॉय बैनर्जी मूलतः उत्तर प्रदेश के निवासी हैं। लेखन इनका शौक है व इनकी अनेकों कहानियां, लघुकथाये व कविताएं विभिन्न पत्रिकाओं में स्थान पा चुकीं हैं। "क्षणिकाएँ" लिखना इनका प्रिय शगल हैं। पेशे से शिक्षक रह चुके, वर्तमान में डीएवी स्कूल राजस्थान में प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत हैं। दिन भर की आपाधापी के पश्चात भी कुछ समय लेखन को अवश्य देतें है। "द्रौपदी.. तुमको अट्ठहास नहीं करना था" इनका प्रथम "क्षणिक संग्रह" है।D