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पवित्र रिश्ता

पवित्र रिश्ता

“जब कभी हमसे तकदीर रूठ जाती है तो आशा की किरणें सपनों में झिलमिलाती है कोई तो होगा जो एकदिन पास आएगा अपने पवित्र प्यार को मुझपर यों लुटायेगा अपनी प्यारी मुस्कराहट से ,नयी उमंग जगायेगा जैसी भी हूँ मैं,बेझिझक वो अपनाएगा जिस्म की सीमा से आगे,दिल तक समा

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पवित्र रिश्ता

“जब कभी हमसे तकदीर रूठ जाती है तो आशा की किरणें सपनों में झिलमिलाती है कोई तो होगा जो एकदिन पास आएगा अपने पवित्र प्यार को मुझपर यों लुटायेगा अपनी प्यारी मुस्कराहट से ,नयी उमंग जगायेगा जैसी भी हूँ मैं,बेझिझक वो अपनाएगा जिस्म की सीमा से आगे,दिल तक समा

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