लिंग भेद
आज के इस दौर में जहाँ एक या दो ही बच्चे होते है फिर भी क्यूँ लोग लिंग भेद का बीज बोते है सबको बेटा चाहिए तोबेटी कहाँ से लाओगेअपने बेटे का वंश कैसे बढाओगेबेटी न होगी तो माँ की कोख कहाँ से आयेगीअगली पीढ़ी की पौध कहाँ से आएगीजब जब कुदरत के नियम से हुआ खिलवाड़ हैतब तब सबका हुआ बंटाधार हैआज की बेटियां बेटो