परेशान करना चाहा था उनको,
लेकिन खुद ही परेशान हो गए।
बातों ही बातों में बातों में लीन हो गए ,
चैन आने से पहले बेचैन हो गए,
दिल को समझने से पहले ही दिलदार हो गए।
खुद पर गुरुर था ,
धड़कनों पर इख्तियार था,
आंखों पर भी काबू था,
दिल भी हमारा था।
पर समय चक्र के चक्र को समझ ना पाए,
हम भी किसी के चक्कर में चक्कर लगाने लगे।
रातों को दिन और दिन को रात बनाने लगे ,
सोते-सोते जागने लगे।
अकेले रहने वाले किसी के साथ होने लगे।
आखिर ,प्यार तो होना ही था।
कुछ दिन पहले की ही तो बात है ,
उनके छुअन का अभी तक एहसास है।
नटखट अदाएं हैं और चांद से चेहरे का कमाल है।
बातों की जादू और आंखों का वार है।
बचना जो चाहा इन सबसे पर,
उनका असर तो होना ही था।
प्यार तो होना ही था।
अब मंजिल भी वही है रास्ता भी वही है।
ऐसे सताएगी उनकी यादें मालूम नहीं था ,
रात का नींद और दिन का सुकून भी वही है।
चांद की चांदनी और सूरज की रोशनी भी वही है।
मेरे लिए जाड़े की धूप और सावन की बारिश भी वही है।
मेरी तमन्ना भी वही है ,आकांक्षा भी वही है।
चलना चाहा था अकेले ही पर ,
हर रास्ते का पासवर्ड भी वही है।
मैं तनहाई में भी मस्त था,
पर अब भीड़ में भी वही है ।
करना जो नहीं चाहा वह भी वही है।
बदलना जो चाहा अपना विचार ,
पर विचार भी वही है।
Pyar to hona hi tha hindipoetryarvind.blogspot.com
मेरा शुरुआत भी वही है अंत भी वही है ,
उनकी अच्छाइयों ने मुझे बुरा बना दिया।
मैं भी इस दुनिया के क्रियाकलापों में उलझ गया ।
रुक गई है जिंदगी उनके ही सुनहरे पन्नों में ।
हंसने में माहिर था,
पर रोना भी उन्होंने सिखा दिया ।
शांत रहना भी सिखा दिया ,
जबकि बोलने में मैं शातिर था ।
प्यार तो होना ही था।
प्यार तो होना ही था।
✍️✍️✍️✍️✍️ Arvind Vishwakarma