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प्यार, दोस्ती या वासना : मैडी ( पार्ट 3-- इन लव )

13 सितम्बर 2021

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उसकी भावना और उस लड़की के प्रति इज्जत को देख कर मैं नार्मल हो गया था ।

मैंने  मजाक करते हुए कहा " अच्छा ठीक है पर  कब मिलवाएगा भाभी से  ये बता ? और हाँ मेरी एक शर्त है मिलने से पहले कि पहले तू अपने माँ बाप को बताएगा नही तो मैं नही मिलूंगा "

वो भी अपनी मजाकिये वाली फॉर्म में वापिस आ चुका था ।
वो मेरे कंधे छोटे भाई की तरह और जोर से दबाने लगा ।

दबाते दबाते हुए बोला " है गुरुजी, है दादा है पंडत जी महाराज आप मुझसे कभी नाराज़ मत होना । आप ही तो हो जिसको मैं अपना हर सुख दुख शेयर करता हूँ । " 

" मम्मी पापा को सही समय पर बताऊंगा , अभी पहले मैं तो कन्फर्म कर लूं कभी "  निम्मी "   ही मना कर दे । "  मेड्डी बोला ।

अच्छा तो निम्मी नाम है उसका ????  मैने उसकी तरफ मुस्करा कर पूछा ।

मेड्डी बोला  " वैसे तो निर्मला है पर मैं प्यार से उसे निम्मी कहता हुँ ।  पंडत जी बहुत अच्छी लड़की है वो "

फिर मैंने कहा " कौन है, कहाँ से है क्या काम करती है घर खानदान सब देखकर फैंसला करना क्योंकि शादी जो घर वाले करते है यही बाते ध्यान में रखकर करते है । सब ठीक होगा तभी माँ बाप भी खुश हो पाएंगे । "

" सर वो हमारे एक कस्टमर के यहाँ रिसेप्शनिस्ट की जॉब कर रही है । कुछ हफ़्तों से हमने मिलना शुरू किया है । मम्मी पापा को तो मैं मना लूँगा । "    मेड्डी पूरे विश्वास के साथ बताया ।

अब रोजाना मेड्डी अपनी और निम्मी की हर मुलाकात की बाते डिटेल में बताता । ऐसा लगता जैसे बताते बताते वो उन पलों को दोबारा जी रहा था । हफ्ते और फिर महीने बीतते गए ।

  एक दिन मैं छुट्टी पर था । बाइक पर घर का कुछ सामान लेने पास में ही गया था ।  मेड्डी का फ़ोन आया वो बोला " पंडत जी कित (कहाँ ) हो ????

मैने कहा  " भाई आज आप मेरी वाली चाय अकेले पीना क्योंकि आज मैं छुट्टी पर हूँ । "

वो बोला "  पंडत जी चाय कहाँ जहर पीने का मन कर रहा है , आप क्या कर रहे हो अभी ??? "

" मैने कहा अभी तो बाइक पर हूँ , घर पहुंच कर बात करता हूँ । " मैने कहा ।

" पंडत जी फेर तो बहुत देर हो जाएगी । आप बाइक साइड में लगा लो ना । " उसने उदास मन से कहा ।

मुझे भी कुछ सही नही लग रहा था । मैंने बाइक रोक कर साइड में कर ली और उससे बात करने लगा ।

वो बोला " दादा बात ऐसी है कि मैं गुड़गांव रीजनल आफिस 12वी मंजिल पै । मैं यहाँ से कूद जाऊं या नही आप बताओगे । "

मैं घबरा गया क्राइम पेट्रोल देख देख कर वैसे ही मन में अजीब अजीब से विचार आते थे । अब इसने क्या कर दिया । खैर मैने उससे पूछा " क्या हुआ बता तो सही फिर कूद जाना अगर ठीक लगे तो । "

मेड्डी ने बताया " दादा पता नही किस बात पर वो नाराज़ हो गई और बोली कि अब हम नही मिल पाएंगे और ना ही दोस्त रह पाएंगे, दादा मैने तो अपने बच्चों के नाम तक सोच लिए और ये अब ऐसे कर रही है । "

" एक बार आप बात करो ना वो  भी आपकी बहुत इज्जत करती है मैंने आपके बारे में सब बता रखा है । उसका नंबर भेजता हूँ अभी रुको । "

मैने उसे पक्का भरोसा दिलाते हुए कहा " तू सिर्फ बीस मिनट वैट कर उसका फोन आएगा तेरे पास , और हाँ आज के बाद जो तू चाहेगा वैसा ही होगा ये मेरा वादा है । "

मैने उसके दिए नंबर पर फोन किया ।।

मैने फोन किया  उधर से किसी लड़की की आवाज आई तो मैने बोला  " हेलो ! आप निम्मी बोल रही हो क्या ?????

उधर से आवाज आई " नमस्ते संजय भैया  "
मुझे आश्चर्य हुआ मैने पूछा " आप जानती हो मुझे ????"

वो बोली " मनोज ने जैसा बताया था आप बिलकुल वैसे ही हो भैया ।  उसने आपके बारे में सब कुछ बता रखा है मुझे । "

मैने उससे पूछा " तुम्हारी लड़ाई हो गई है क्या ???? "

निम्मी बोली " नही लड़ाई क्या वो पागल है ...... बस ऐसे ही छोटी छोटी बातों पर हाइपर हो जाता है वो । "

मैने उसे समझाते हुए कहा  "  निम्मी एक वो है जो अपने बच्चों तक की सारी प्लानिंग कर के बैठा है तुम्हारे साथ, अपने माँ बाप और सारे रिश्तेदारों को तुम्हारे लिए छौड़ने के लिए तैयार है और तुम छोटी छोटी बातों पर अभी से झगड़ा करके बैठ जाते हो । "

फिर मैंने उससे कहा " वो रीजनल आफिस गया है , और बहुत अपसेट है । वैसे हमारा रीजनल आफिस 12वी मंजिल पर है ।  "

मैंने चुटकी लेते हुए और सिचुएशन को नार्मल करने के लिए कहा । वो हँसने लगी ।  थोड़ी देर बात करने के बाद मैंने उससे कहा कि तुम दोनों मुझे भैया मानते हो ।  वो मेरी सारी बात मानता है , तुम्हारा पता नही ।  तुम उससे बात करो और सब नार्मल करो मैं बस इतना चाहता हूं ।   अब मैं इतनी देर तुम्हारे साथ भोंका हूँ या बोला हूँ ये इस बात से साबित होगा कि मेड्डी का फोन हंसते हुए आता है या रोते हुए ।  "

निम्मी बोली " भैया हंसते हुए ही आएगा चिंता मत करो आप ।  "

फिर मैंने कहा " देख निम्मी मैं आखिरी बार फिर कह रहा हूँ कि वो सही लडका है वरना आजकल शादी की बात कौन करता है । मैं सड़क पर हूँ बाइक पर  अब तेरे हाथ में है कि मैं  साइड से जाऊं या ट्रक के नीचे से  । "

वो जोर जोर से हँसने लगी और बोली " भैया मनोज ठीक कहता है कि आप खूब हँसी मजाक करते हो आफिस में । उसकी सेहत का राज अब पता चला ।  आप चिंता मत करो , आराम से जाओ मैं बात करती हूँ आपके मेड्डी से । "

करीब 20 मिनट के बाद मेरे पास मेड्डी का फोन आया ।  फोन उठाते ही बोला " दादा बहुत बहुत धन्यवाद। मान गया आपको, फोन आया था निम्मी का अब सब ठीक हो गया पंडत जी , उसी ने कहा है कि आपको बता दूं कि सब ठीक है । "
मैं बोला " चल ठीक है अब तुम दोनों मुझे पार्टी दे देना , तुम खुश रहो और जीवन में आगे बढ़ो मैं तो यही चाहता हूँ । "

फिर कुछ दिन उन दोनों के खूब आराम से गुजर रहे थे ।

एक दिन चाय की दुकान पर मैं बोला " और मेड्डी अब तो सब ठीक चल रहा है ना , कुछ बात आगे बढ़ी क्या ??? ( यानी शादी के बारे में घरवालों से कुछ बात की उसने या नही )

वो पहले तो हँसा मुस्कराया और फिर बोला  " पंडत जी उस दिन के बाद तो सब बहुत बढ़िया ही चल रहा है । खूब मजा आ रहा है आजकल तो  । "

मैं बोला " अच्छा ऐसा क्या मिल गया तुझे जरा हम भी तो सुने । "

पर उसने जो मुझे बताया वो मैने कभी सपनो में भी नही सोचा था ।

उसने बताया  " उस दिन के बाद जब रविवार आया तो हम उसके घर पर मिले थे ।  वहीं खाना पीना हुआ और वहीं पर सोया । पूरी रात हमने खूब मस्ती की । पंडत जी जो कभी नही हुआ वो सब हो गया । उसके बाद तो कई बार हम ऐसा ही करते है । वो मुझे बुलाती है और हम ऐसे ही मौज करते है । "

मेरे पैरों के नीचे की जमीन खिसक सी रही थी । मैने उसकी मदद इस लिए की क्योंकि उसने अपने घरवालों की परमिशन के साथ उस लड़की से शादी करने की बात कही थी।  लेकिन वो दोनों ही सोच को लेकर एक समान थे ।

खैर मैने उससे पूछा  " उसके घर पर क्या कोई नही था क्या ???? "

मेड्डी बोला  " नही उसकी मम्मी थी घर पर , वो भी काफी खुले विचारों की है , वो (मम्मी) बेड पर सो रही थी कानो में ear फ़ोन लगा कर । उन्हें म्यूजिक का शौक है काफी । "

और तुम दोनों ???? मैने आगे पूछा ।

मेड्डी जालिमो वाली हंसी हंसते हुए बोला  "  हम दोनों नीचे बिस्तर बिछाकर उनके बेड के बगल में सोते है । वो म्यूजिक सुनते सुनते ना जाने  कब सो जाती है उसे भी पता नही होता । और फिर हमारे जागने का टाइम शुरू होता है । ही ही ही , "
सिगरेट ज्यादा पीने की वजह से उसके सामने के दाँत जो थोड़े पीले हो गए थे , दबी हँसी हंसते समय अब वो मेरे दिमाग में चुभ से रहे थे ।  मैं सहन नही कर पा रहा था। क्योंकि उसने लड़की को धौखा दिया या नही पर मैं लूटा हुआ महसूस कर रहा था । क्योंकि मैंने उसकी मदद क्यों की इसका दुख हो रहा था ।

मैं उठ कर चलने लगा तो उसने रोक लिया बोला "  ओ दादा , ओ पंडत जी पूरी दुनिया नाराज़ हो जा पर आप नाराज़ मत होना ।  सर वो भी खुश है और मैने झूठ नही बोला उससे , हम शादी करेंगे । "

मै बोला  " साले हवस के पुजारी तो शादी तक इंतज़ार नही कर सकता था क्या ??????  "
फिर वो मुझे हंसाने की कोशिश करने लगा और बोला " सर जी वो क्या है ना हम दोनों जज्बात की रोह में बह गए थे । "

लेकिन लड़की की माँ बगल में सो रही हो और लड़की अपनी हद भूल जाये ये बात मुझे कुछ हजम नही हो रही थी।

मैने उससे कहा " मेड्डी अभी तक जो मैं सोच रहा था वो अलग था , तू शादी करने की सोच रहा है उससे लेकिन मुझे कुछ गड़बड़ लग रही है । देख पहले एक बार उसके बारे में एक बार पूछताछ कर ले इसका सिस्टम मुझे ठीक नही लग रहा है । अगर इसकी माँ को भी ऐतराज नही है इसका मतलब पहले भी शायद कोई ऐतराज नही रहा होगा । तुझसे पहले भी कोई हो सकता है जिस पर इसकी माँ को ऐतराज नही रहा होगा । "

"  अरे पंडत जी ! मैने सब चेक कर लिया है ऐसा कुछ नही है , उसने अपने एक्स बॉयफ्रेंड का नंबर भी मुझे दे रखा है । "

मेड्डी ने दबी हँसी में डबल मीनिंग वाली बात करते हुए कहा ।

मैने कहा " तूने बात की क्या उस नंबर पर उसके एक्स बॉयफ्रेंड से ?????? नही की तो पहले बात कर ले बाद बाकी सब और शादी करना । वो बहुत कुछ ऐसा बता सकता है जिससे तुझे शादी जैसा अहम फैंसला लेने में बहुत बड़ी मदद मिलेगी । " 

लेकिन वो शायद हवस और वासना में पूरी तरह डूब चुका था ।
बोला " सर जी शादी नही हुई है पर बारात बहुत अटेंड कर रखी है । ' मुझे जो चेक करना था कर लिया ' (डबल मिनिग बातों में इशारा करते हुए मेड्डी बोला )  
आज कल जिंदगी स्वर्ग से भी ऊपर महसूस हो रही है बस जीन दो पंडत जी । मैने किसी तै इब बात वात नही करनी । "

फिर उसने अपना मोबाइल निकाला और  अपने पीले दाँत दिखाकर, नटखट वाली हँसी हंसते हुए बोला  " सारी बात छोड़ो दादा यो देखो , सिर्फ आपको दिखा रहा हूँ । "

इंसान अपने कमीनेपन और हवस  में कितना और कैसे कैसे गिर सकता है उसने दिखा दिया । मोबाइल में उस लड़की का एक फोटो था जिसमें वो मेड्डी को किस(Kiss) कर रही थी , खास बात ये थी कि उसने सिर्फ दो ही कपड़े पहन रखे थे ।

मैने मेड्डी को ढेर सारी गालियां बकी और कहा " अगर तू मुझसे बात करना चाहता है तो इस और ऐसे सारे फ़ोटो को तुरन्त डिलीट कर दे ।  तू झूठा है साले सुनार की औलाद , तू इससे शादी नही करेगा ये तूने बता दिया ।  अगर शादी कर भी लेगा तो क्या मैं या कोई भी जो इस फोटो को देखेगा इसको कभी भाभी की नज़र से देख पायेगा ??? उसकी इज्जत कर पायेगा ???? क्योंकि सबको उस समय भी ये नंगी ही नज़र आएगी । "

" अबे नीच उसने तो शादी के चक्कर में अपना सबकुछ तुझे सौंप दिया , पर तुझे तो सोचना चाहिए था । लड़की की इज्जत की कीमत का तुझे जरा भी अंदाजा है या नही , उसने तुझपर भरोसा किया और तू उसके नंगे फोटो सब को दिखाता फिर रहा है???  "

मैने अपना सारा रोष एक साथ प्रकट कर दिया ।

उसने तुरन्त फोटो डिलीट कर दिया बोला  " पंडत जी मुझे आप जितना ज्ञान नही है , बालक हूँ आपका , मेरे दिमाग में उस समय कुछ नही आता । थारी कसम गुरुजी यो फ़ोटो आपके इलावा मैने किसी को नही दिखाया । "

मेरा पारा अब हद से ज्यादा बढ़ गया था , मैं वहाँ से उठकर अपने काम में लग गया । और काफी दिनों तक उससे बात नही की ।
कुछ दिन बीते पर वो भी अब कम ही दिखाई दे रहा था ।  हिसार का रहने वाला था । मैंने सोचा घर गया होगा छुट्टी लेकर । वैसे भी मेरे दिल में अब उसके लिए पहले वाली इज्जत नही थी।

एक दिन निम्मी का मेरे पास फोन आया वो बड़ी उदास सी आवाज में बोली  " भैया मेड्डी से बात हुई क्या ???? उसके दोनों नंबर try कर लिए उससे बात नही हो पा रही । कोई और या उसके घर का नंबर हो तो प्लीज बताइए ।"

मैने कहा " काफी दिन से यही था शायद घर गया होगा छुट्टी लेकर । मेरी भी उससे कोई बात नही हुई काफी दिन से । अगर मेरी बात उससे हुई तो मैं आपको बता दूंगा । "

मैं आफिस गया तो कुछ लोगो से पता चला कि मेड्डी ने नौकरी  छोड़ दी है , अपना बकाया पैसा और फण्ड कुछ नही लिया अचानक से छौड़ कर चला गया । ज्यादा डिटेल किसी के पास नही थी ।  मैने  भी सोचा कि शायद हो  सकता है  कि उसके घर पर कोई घटना घट गई हो ।

निम्मी के फोन एक दो बार आये तो मैने यही कहा कि मेरे पास अगर उसका फोन आया तो मैं बता दूंगा ।

आगे की कहानी अगले पार्ट में जारी रहेगी
क्रमशः


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