कुछ दिन ऐसे ही बीते । फिर एक दिन मेड्डी का फोन आया ।
मैं कुछ बोलता उससे पहले वो ही शुरू हो गया ।
मेड्डी बोला " सर जी माफ करना आपको बता कर नही आया , बात ही कुछ ऐसी थी । सबसे पहले तो एक बात ध्यान से सुनना कि मेरा ये नंबर मेरे बड़े भाई का है इस नंबर को किसी को भी मत शेयर करना , खास कर निम्मी को क्योंकि मुझे पता है वो आपके पास ही फोन करेगी । "
मैं बोला " सारी बात छोड़ ये बता कि ऐसी क्या आफत आ गई कि तुझे अचानक जाना पड़ा । घर पर सब ठीक है ना । "
फिर उसने बताना शुरू किया
" यार उसका और उसकी मम्मी की दवाई , उसके कमरे का किराया और उसका सारा खर्चा मैं ही उठाता था , ऐसा लग रहा था कि धीरे धीरे मैं किसी जाल में फंस रहा था । इसी बीच मैने उंसके एक्स बॉयफ्रेंड सुनील से बात की , मैने उसको अपनी और निम्मी की शादी की भी बात की ।
सुनील ने बताया कि वो भी ऐसे ही रहता था निम्मी के साथ लड़की अच्छी है पर इतनी अच्छी भी नही कि तुम शादी की बात सोच रहे हो , समझदार हो बाकी तुम्हारी मर्जी । वैसे तुमने भरोसा करके मेरे पास फोन किया है तो मैं आपको बता दू कि मेरे और तुम्हारे इलावा और भी कुछ लड़के आ चुके है इसकी जिंदगी में और मैं भी इससे शादी ही करना चाहता था । पर इसके बारे में जब पता किया तो मैने इससे और इसके परिवार से तौबा कर ली ।
पंडत जी साली धरती निकल गई मेरे पाँव के नीचे से । रह रह कर आपकी बात और आप याद आ रहे थे पर मैं मजबूर था ।
मैने निम्मी से पूछा तो कसम खाने लगी कि सुनील तो मेरा सिंपल फ्रेंड था , हमारे बीच ऐसा कुछ नही हुआ । पंडत जी साला मैं गैंडे जैसा ना शरीर ना शक्ल जब वो मेरे साथ सब कुछ कर चुकी थी तो सुनील जैसे मॉडल दिखने वाले लड़के को छोड़ती क्या । मुझे यकीन दिलाने के लिए कभी फिनाइल पीती तो कभी दारू पीकर रो तो कर फोन करती , तो कभी सुसाइड करने की धमकी देकर मुझे ब्लैक मेल करती । पंडत जी मेरा जीना मुश्किल हो रहा था ।
मेड्डी अपनी कहानी सुनाये जा रहा था ।
" पंडत जी जब मैं गुड़गांव था इसने मेरे फोन से मम्मी का नंबर ले लिया । और मुझे बताए बिना मेरे पीछे से उनको फोन कर दिया और सारी कहानी मेरी मम्मी को बता दी । बस फिर तो मेरे घर में भूचाल सा आ गया । पापा ने मुझे फोन किया और कहा सब छोड़ कर तुरन्त वापिस आ । जब घर पहुंचा तो पापा और बड़े भाई ने मुझे खूब डांटा मुझसे निम्मी के बारे में पूछने लगे तो मैने उन्हें सब बता दिया । तभी उन्हें पता चला कि पैसे भेजने की बजाय मैं उनसे पैसे मंगवाता क्यों था । "
फिर मेड्डी पश्चाताप सा करते हुआ बोला " पंडत जी अगर मैं शुरू से आपकी बात मानता तो शायद इस महाजाल में नही फंसता । मेरे भाई और भाभी ने उसे फोन करके खूब गंदी गंदी गालियाँ बकी, पर उस पर कोई फर्क नही पड़ा और बजाय बदलने के वो मुझे तरह तरह से धमकी देने लगी मुझे ब्लैकमेल करने लगी । नही तै सर जी कौन ऐसी नौकरी छौड़ता है । मैं रीजनल आफिस गया तो अकाउंटेंट ( रमन वर्गीस काले रंग का साउथ इंडियन लड़का ) बोला " वो आपका PF और बकाया पैसे के लिए आप कल सुबह आकर हिसाब क्लियर कर लेना " ।
पंडत जी मुझे गुस्सा तो आ ही रहा था मैं रमन से बोला " ओ कालिये ये पकड़ मेरा आई कार्ड , फ़ोन और बाकी के डाक्यूमेंट्स मैने ना चाहिए कुछ , जो कुछ बकाया है सब बाढ़ पीड़ितों को दे देना मेरी तरफ तै, और हाँ उसमें तै एक किलो फेयर एंड लवली भी ले लियो कालिये । "
" मतलब साले टेंशन में भी तू बक......करना नही भूला । "
मैने थोड़ा हंसते हुए मेड्डी कहा ।
" तू अब क्या कर रहा है ??? जॉब कहाँ है ???? "
मैंने और जानने के लिए मेड्डी से पूछा ।
मेड्डी बोला " सर अभी तो ऑटोमोबाइल कंपनी में लगा हुआ हूँ । घर वालो ने लड़की देख ली मेरे किये 14 फरवरी की शादी तय हो चुकी है । पर पंडत जी डर लग रहा है कि कहीं वो गड़वालन (निम्मी ) कुछ गड़बड़ ना कर दे । "
" भाई गलती की है तो सजा भी मिलेगी ही । तेरा डरना जायज है । " मैने अपना गुस्सा भी जताते हुए कहा ।
" लेकिन भगवान जो करता है अच्छे के लिए करता है । एक तरह से अच्छा ही हुआ कि भगवान तेरी आँख सही समय पर खोल दी । अब उसको भी चैन से रहने दे और तू भी अपने और अपने माँ बाप के भविष्य के बारे में सोच । "
मैने उसे समझाते हुए कहा ।
फिर संदेह करते हुए मैने उससे कहा " वैसे तो ढीठ हो चुका है , मानेगा नही लेकिन तुम दोनों के लिए यही भगवान का फैसला सही है कि खुद को कंट्रोल करो और अपने अपने भविष्य की सोचो । "
उसके बाद मेड्डी की शादी हुई और सब अपनी अपनी जिंदगी में व्यस्त हो गए । एक दिन मेड्डी का फोन आया , हाल चाल पूछकर वो बोला " पंडत जी कोई सस्ता सा कमरा हो तो बताना । "
मैंने सोचा कि उसने फिर गुड़गांव जॉब जॉइन कर ली ,इसी लिए मैंने उससे पूछा " क्या मेड्डी दोबारा गुड़गांव ?? कहाँ जॉइन कर लिया ????"
" निम्मी " वो चालाकों वाली हँसी हंसते हुए बोला ।
मेरा पारा हाई हो गया । मैं बोला " दिखा दी अपनी औकात आ गया कुत्ते वाली पै ????? साले तेरा दीन ईमान कुछ है या नही । लेकिन इस बार मैं वो गलती नही करूंगा । तू भाड़ में जा । " और मैने फोन काट दिया ।
उसका फिर फोन आया , बोला "दादा बात पूरी सुन लो फिर चाहे कभी बात मत करना । "
मैं बोला " बक जल्दी बक क्योंकि हर बार मैं बेवकूफ बनने वाला नही हूँ , बता क्या बताना है । "
मेड्डी बोला " सर जी उसने मेरे पास फोन किया था मुझे शादी की मुबारकबाद देने के लिए । और कहा कि उसे मुझसे कुछ नही चाहिए बस हमारा रिश्ता जैसा है वैसा बना रहे । मुझे भी इस में कुछ बुराई नही दिखाई दी । मैने आप को पहले नही बताया , पर काफी दिनों से जब भी मेरा .... गुड़गांव राउंड लगता है तो मैं उसी के कमरे पर रुकता हुँ, खाना , पीना और ही ही ही ही .........."
" अब उसके मकान मालिक को ये सब खटकने लगा है इसी लिए कमरा बदलना है । पंडत जी कोई नज़र में हो तो बताना । "
मेड्डी ने बिल्कुल नार्मल अंदाज में सारी बाते की पर पता नही क्यों मुझे लग रहा था कि ना जाने क्यों ऐसे कैसे इंसान इंसान को ठग लेता है ।
मैने उसे मना कर दिया कि ऐसा अरेंजमेंट मैं नही कर सकता ।
उसके बाद मैंने मेड्डी को कभी फ़ोन नही किया , हाँ कभी कभी हाल चाल पूछने के लिए उसका फोन आ जाता है ।
आप सब को भी कभी ना कभी कोई मेड्डी या निम्मी जरूर मिली होगी । आप मेरी मदद ये निर्णय करने में अवश्य करे कि क्या मेड्डी गलत था , क्या निम्मी गलत थी, क्या निम्मी के साथ जो हुआ उसमें उसकी भी गलती थी और क्या भावुक होकर मैने जो दोनों के रिश्ते को बचाने की कोशिश या मदद की वो गलत थी। हो सके तो कमेंट करके अवश्य बताए ।
आपका ये दोस्त फिर हाजिर होगा इस सीरीज की अगली सत्य घटना पर आधारित कहानी " AB & His Love "
आभार सहित धन्यावाद !
संजय कौशिक " सत्येन "