भाग 1
Dr रामखिलावन PHD एक 26 वर्षीय नवयुवक है , बिहार के दरभंगा के रहने वाले रामखिलावन की प्राथमिक शिक्षा दरभंगा के उसके पैतृक गांव के सरकारी पाठशाला में ही हुई ,*"!!
पढ़ने मे तो वह बचपन से ही तेज़ थे , तेज़ मतलब कॉपी मास्टर थे , वैसे भी बिहार में अगर नकल मारकर पास नही हुए तो कोई पढ़ाई ही नही हुई , वहा सब कुछ जुगाड पर ही चलता है ,!!
जुगाड से ही रामखिलावन एम ए स्नातक हो गए , और उसी तरह से पीएचडी भी हो गए और नाम के आगे बड़ी शान से डॉक्टर भी लगाने लगे ,*"!!
सरकारी कॉलेज में उनके मामा प्रिंसिपल थे तो जुगाड से उन्हे वही सेट भी कर दिया था , यह कहना अनुचित नहीं होगा की वह खुद ही पूरे जुगाड से ही बने थे ,*"!!
उनके आस पास के लोग तो उन्हे जुगाड़ू रामखिलावन भी कहते थे ,*"!!
वैसे तो ऊपर वाले की कृपा से उनके पास सब कुछ था ,उसके मां बाप भी बहुत खुश थे ,आखिर बेटा एक अच्छी स्थिति में था ,पर एक कमी थी वह ये की उनके हिसाब की अब तक उन्हे पत्नी नही मिली थी , "!!
ऐसा नही की उसके लिए रिश्ते नही आए पर कुछ रिश्ते रामखिलावन को ही पसंद नही आए और कुछ लड़की वालो ने उसे रिजेक्ट कर दिया पर बहुत गुमान से रामखिलावन कहते थे की ,*" मैने तीस रिश्ते ठुकरा दिए ,जबकि अक्सर लोग उनको ही ठुकरा गए थे , उसकी वजह उनका सावला रंग और उस पर सामने के दो दांतो का बाहर निकलना , जो उनकी सुंदरता और स्मार्टनेस को और बढ़ा देता था*"!!
आज भी एक लड़की वाले उसे देखने आने वाले थे ,वह पूरी तैयारी करवाता है , सुनने में आया था की लड़की दिखने में बहुत ही सुंदर हैं ,और वह भी आर्ट्स की स्नातक है ,मतलब एम ए कंप्लीट किया था ,"!!
रामखिलावन सुबह सलून में जा कर फेशियल और फेस मसाज करवा आए थे , वह नही चाहते थे की इस बार उनको कोई रिजेक्ट करे ,अंदर अंदर ही वह भगवान को सवा पाव लड्डू चढ़ने का वादा कर चुके थे ,*"!
बस कुछ ही देर में लड़की वाले पहुंचने वाले ही थे , उसके माता पिता भी एक दम सज धज कर बैठे थे ,वह खुद को बड़ा आदमी साबित करने में कोई कोर कसर नहीं रखना चाहते थे , बेचारे जिंदगी भर खेती में खटकर बेटे को पढ़ा लिखा कर इस लायक बनाया था ,और आज सच में उनकी माली स्थिति तो अच्छी हो गई थी,*"!!
उसी समय एक कार आकर रुकती है , उसमे से दो आदमी और दो औरते उतरती है और दो बच्चे भी थे ,*"!!
दिखने में तो सभी सभ्रांत परिवार के ही लग रहे थे , रामखिलावन के पिता धनंजय और माता यमुना देवी खड़े होकर उनका स्वागत करते हैं , उसी समय रामखिलावन के मामा भी आ जाते हैं , सभी एक दूसरे का परिचय देते हैं , रामखिलावन कि छोटी बहन करुणा बहुत खुश थी , वह जल्दी जल्दी से मिठाई नमकीन और पानी लाकर रखती हैं , सबसे ज्यादा तो करुणा को ही खुशी हो रही थी ,*"!!
लड़की के पिता बात शुरू करते हैं ,*" और बताए भाई साहब सब ठीक ठाक है ,*"!!
धनंजय कहता है *" सब ठीक है ईश्वर की कृपा है , आप लोगो की दुआ है भईया अपन ता सब ठीक ही है !!
लड़की की मां अपने पति को कोहनी मारती है तो वह कहते हैं ,*" अच्छा भईया आपके सुपुत्र कहां है,उन्हे भी तो बुला लीजिए ,हमे वापस भी जाना है, !!
यमुना कहती है ,*" आप लोग कुच्छो खा पी नही रहे हैं ,मीठा पानी लीजिए,अभी कुंवर साहब आ रहे हैं , ऊ बहूते व्यस्त रहता है , अभी अभी एम एल ए साहब आए थे वह भी उसे अपने साथ ले जाना चाहते थे , पर हमने साफ साफ कह दिया कि जिंदगी भर तुम लोगो का ठेका ले रखा है का , जिसे देखो डॉक्टर बाबू कहां है ,मास्टर जी कहां है दिन भर लोग पिछियाए रहते हैं,*"!!
धनंजय कहते है , *" अब ओकर इतना गांव में कौनो पढ़ा लिखा ना है , अब जो भी है कोनो इंजीनियर है तो कोनो कुछ, हमारा बेटा तो Dr रामखिलावन PHD है ,अटना बड़ा डिग्री कोनो के पास नही है ,*"!!
लड़की की मां कहती हैं ,*" अरे हमारी बेटी भी कम नहीं हैं , पूरा दिन सभी लड़के आगे पीछे घूमते है , गांव में उसके टक्कर का पढ़वईया कोई नही है , जिसको देखो वही आकर उसीसे दुनिया भर की इंक्वायरी करते रहते हैं , कई रिश्ते तो सामने से आ रहे हैं ,पर हम उसके बराबरी का रिश्ता चाहते हैं,*"!!
लड़के का मामा भी साथ आया था ,वह कहता है ,*" जरा अपने कुंवर साहब को बुला दीजिए , हम भी देख ले *"!!!
धनंजय कहता है ,*" डॉक्टर साहब को बुला करुणा कह दे जरा अपने लाइफ का भी सोचें ,*"!!
करुणा कहती है ,*" लाइफ का नही वाइफ का सोचे ,*"!!
धनंजय कहते हैं ,*" अबे पगली लाइफ है तो ही ना वाइफ है ,और वाइफ है तबही ना लाइफ है , तुम्हरा समझ में नही आवेगा जा बुला के ला अपने भैया को ,*"!!
करुणा अंदर जाती है ,यमुना कहती हैं ,*" बहुत सुंदर है हमरा कुंवर , किसन भगवान की तरह सावला है पर कद काठी बढ़िया है,*"!!
उसी समय रामखिलावन नया पैंट शर्ट पहने मोबाइल पर बात करतें हुए एंट्री करते है *" हां हां भैया , हम कह दिए तो हो जायेगा ,अरे नहीं ऊ नेता जी कुछो नही कहेंगे , हम है ना ,तुम जानते तो हो हमारे सामने उनकी घिग्घी बंधी रहती है , अब कौनो भाषण देना है तो हम लिख कर दे तो बोलेंगे , अरे एक दिन तो सी एम साहब से भी बात करवा दिया था वह हमको ऑफर दे रहे थे की डॉक्टर साहब आप हमरे पी ए बन जाओ अब बताओ उनको कौन समझाए की हम नेता बनाते हैं ,मतलब हम ही तो पढ़ा लिखा के लोगो को नेता ,डॉक्टर , आईएएस ,पीसीएस अधिकारी बनाते हैं ना तो हम उनकी पी ए गिरी करेंगे ,*"!!
धनंजय कहते हैं ,*" बेटा थोड़ी देर के लिए ई ससुरा जी का जंजाल मोबाइल को दूर रख दे और ये बेचारे इतनी दूर से आए हैं तो उनसे भी थोड़ी बातचीत कर ले ,*"!!
क्रमशः