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rajat की डायरी

rajat

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rajat ki diary

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पुस्तक के भाग

1

नमस्कार

6 जून 2016
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नमस्कार  मित्रों 

2

Tu kaun des se aaya h?

6 जून 2016
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Tu kaundes se aaya h? Tu kaun des se aaya h? Kuch to keh na uske  baare mein Tu jaun des se aaya h.  Main bhi to jaanu Kitni sundar hai Woh mitti Woh des tera? Tu jaun des se aaya h. Kyabatalaun tujhko raahi Main kaun des se aaya hun. Kya batalaun uski gaatha Main jaun des se aaya hun. Lafz hikam pa

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मन का भेद क्यों खोलूँ मैं ?

7 जून 2016
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मन का भेद क्यों खोलूँ मैं ?विचलित होते ह्रदय भाव आज कहो क्यों बोलूं मैं ?द्वन्द छिड़ रहा मेरे मन में कहो ज़रा क्या बोलूँ मैं मन में उठती उमंग लहरों में क्यों न आज मैं  गोते खाऊँ ?जीतने भी विचार उठे मन में क्यों ना उनको सत्य बनाऊं ?पर सोचता हूँ मैं ये भी क्यों भेद जग में जाहिर  करवाऊं ?क्यों दूसरों को 

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राष्ट्रप्रेम कब जागेगा ?

1 अगस्त 2016
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मातृप्रेम भी  भोग लिया पितृप्रेम भी भोग लिया अपनी प्रौढ़ावस्था में मित्रप्रेम  भी खूब चखा दहलीज़ जवानी की  छूकर अब मिथ्यप्रेम में पड़ रहा पर मुझको तू बतला साथी राष्ट्रप्रेम कब जागेगा ?बचपन की ठिठोलियों से तूने सबका मन मोह लिया अपनी अल्हड तरकीबों से अपना मतलब भी सिद्ध किया अपना लालसाओं को तूने हमेशा पूर

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कैसे खुद को आजा़द कहूँ?

9 अगस्त 2016
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कैसे खुद को आजा़द कहूँ?मैं युगों से जीवित भारतवर्ष, मैं दीर्घकालिक आर्यावर्त हूँ आज पडा़ असमंजस में, कैसे खुद को आजा़द कहूँ?देखो मेरे इन पुत्रों को, देखो इनकी दुर्दशा हुई, कैसे मुरख बन बैठे हैं, खुद आपस में ही भिड़ते हैं, नाम,धरम, जाति खातिर, स्वयं की शान्ति हरते हैं |ना पढी़ होगी किसी ने भी रामायण,

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आल्हा वीर रस

4 सितम्बर 2016
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 आवा बन्धु,आवा भाई सुना जो अब हम कहने जाए।सुना ज़रा हमरी ये बतिय, दै पूरा अब ध्यान लगाय।कहत हु मैं इतिहास हमारा जान लै हो जो जान न पाए।जाना का था सच वह आपन जो अब तक सब रहे छुपाय।जाना का था बोस के सपना,जो अब सच न है हो पाए।जान लो का था भगत के अपना, जो कीमत मा दिए चुकाय।जाना काहे आज़ाद हैं पाये वीर गत

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