Rajesh kumar
1 किताब ( 1 हिंदी )
3 रचनायें ( 3 हिंदी )
निजी व्यवसायी, घुमक्कड़ जिज्ञासाओं से भरपूर, कुछ चीजें जो अभी मिली नही,को ढूंढता एक पथिक हूँ।।
कोई सुनो तो सही
यहां मैं अपने विचारों की शुरुआत कर रहा हूँ, जरूरी नही वो एकदम परिपक्व प्रतीत हो पर मुझे विश्वास है जो लोग मुझे पढ़ेंगे प्रोत्साहित करेंगें उनके प्रेम, स्नेह से मैं परिपक्व के कुछ अंश को जरूर स्पर्श कर पाऊंगा।। इस अंक में अपनी शायरियों को आपक
कोई सुनो तो सही
यहां मैं अपने विचारों की शुरुआत कर रहा हूँ, जरूरी नही वो एकदम परिपक्व प्रतीत हो पर मुझे विश्वास है जो लोग मुझे पढ़ेंगे प्रोत्साहित करेंगें उनके प्रेम, स्नेह से मैं परिपक्व के कुछ अंश को जरूर स्पर्श कर पाऊंगा।। इस अंक में अपनी शायरियों को आपक