निःशुल्क
चीखें भी यहाँ गौर से सुनता नहीं कोई;अरे,किस शहर में तुम शेर सुनाने चले आये!…….
फिल्म शऱाबी का मशहुरडायलॉग ....आज इतनी भी शराबनही मयखाने मे जितनी हम छोड दिया करते थे पैंमाने मे़......ये डायलॉग साकार हो गया है.....आज इतना भी सोयाबिन🌿🌿 नही डाली मे..जितना हम छोड दिया करते थे, ट्राली में...