चलो नहायें बारिश में
लौट कहाँ फिर आ पायेगा ?
ये बालापन अनमोल बड़ा ,
जी भर आ भीगें पानी में
झुलसाती तन धूप बड़ा ;
गली - गली उतरी नदिया
कागज की नाव बहायें बारिश में !
चलो नहायें बारिश में !
झूमें डाल- डाल गलबहियाँ,
गुपचुप करलें कानाबाती
करेंगे मस्ती और मनमानी
सीख आज हमें ना भाती ,
लोट - लोट लिपटें माटी से
और गिर -गिर जाएँ बारिश में !
चलो नहायें बारिश में !
भरेंगी खाली ताल -तलैया
सूखे खेत हरे कर देंगी
अंबर से झरती टप- टप बूँदें
हरेक दिशा शीतल कर देंगी
धुल -धुल होगा गाँव सुहाना
चलो घूम के आयें बारिश में
चलो नहायें बारिश में
घर आँगन तालाब बन गये
छप्पकछैया करें - जी चाहे
उमड़ -घुमडते भाते बादल
ठंडी हवा तन -मन सिहराए
बेकाबू हुआ उमंग भरा मन
चलो नाचें -गायें बारिश में
चलो नहायें बारिश में
चित्र - गूगल से साभार