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रोशनी इक बहादुर लड़की ।भाग 14।

3 सितम्बर 2023

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रोशनी नृत्य कॉलेज के कुछ बच्चों के साथ घुमने के लिए इक गांव में जाती है सारे बच्चे बड़े उत्सुकता से ग्रामीण क्षेत्रों को देख रहे थे क्योंकि नृत्य कॉलेज शहर में स्थित था तो ज्यादातर बच्चे शहर के ही थे उनमे कुछ बच्चे गांव के भी थे उन बच्चों के लिए गांव का  माहौल बहुत ही रुचिकर था वह बहुत खुश थे जगह-जगह घूम रहे थे खेत खलियानों  में लहलहाती फसल  देख रहे थे वहां के फूल बाग बगीचे सभी की रौनक उनकी मन को छू रही थी भी बच्ची रोशनी से आग्रह करते हैं कि हम लोग कुछ दिन यहीं ठहर जाते हैं इसी गांव में रोशनी उन लोगों की बातें मानकर कुछ दिन वही ठहरने की फैसला करती है आप रोशनी उन बच्चों को गांव के हर कोने-कोने में ले जाकर घूमती है और एक-एक चीज से उनका परिचय कराती है घूमती घूमती वह गांव की एक घर में जाती है वहां दिव्या नाम की एक लड़की जो महज  11 साल की थी बहुत समझदार थी और हर एक बात में सवाल करती थी बहुत जिज्ञासु थी हर पल कुछ ना कुछ नया जानना चाहती थी अपनी माता-पिता भाई और दादी के साथ रहती थी उसे बहुत शौक था सर जाकर पढ़ना और मशहूर डांसर बनना लेकिन जब वह अपने पिता से अपनी यह चाहत बताइए तो उसके पिता उसे पर गुस्सा हो गए और उसकी मां को भी बहुत डांटे उसे गांव के लोगों का मानना था लड़कियों का कम पढ़ना लिखना नहीं है उनका काम डांसर बनना नहीं है बल्कि उनका काम घर का चूल्हा चौका करना है और बच्चे संभालने मात्र जैसा ही है
उसे गांव की कोई भी औरत जो अपने हक के लिए आवाज उठाती थी उन्हें या तो कैद कर लिया जाता था या गांव से निकाल दिया जाता था इसलिए किसी औरत ने अपने हक के लिए आवाज उठाने के लिए आगे नहीं आती थी क्योंकि वे लोग मान चुकी थी हमारी दशा जैसा है वैसा ही रहेगा लड़ना शायद मुर्खतापूर्ण होगा इसके पहले तो बहुत लोग कोशिश किए क्या हुआ
शाम होने वाली होती है तो ठहरने के लिए कोई आश्रय चाहिए रोशनी सोचती है गांव में ही कुछ दिन के लिए कोई किराए का कमरा ले लेते हैं वह कमरा लेने के लिए दिव्या के घर जाती है दिव्या के पिताजी से किराए पर वह कमरा लेती है और वह वही रहती है और वहां की लोगों से काफी घुल मिल चुकी है लेकिन वहां की महिलाओं की दशा दी उसके मन को बहुत दुख होता था लेकिन चुप रहती थी कुछ नहीं बोलती थी एक दिन दिव्या रोशनी से कहती है दीदी मैं भी डांस सीखना चाहती हूं मैं शहर की मशहूर डांसर करना चाहती हूं बचपन से ही मुझे डांस करने का शौक है और तो और मैं शहर जाकर पढ़ना चाहती हूं लेकिन मेरे पिताजी का मानना है लड़कियां शहर नहीं जा सकती और वह डांस नहीं कर सकती और ना ही पढ़ सकती हैं उनका काम तो सिर्फ चूल्हा चौका करना है दीदी क्या आप मुझे डांस दिखाएंगे मेरे पापा को डांस का महत्व बताएंगे दिव्या की यह बात रोशनी को चुप छोड़ देती है मौका निकाल के रोशनी दिव्या की माता जी से बात करती है वह कहती आप लोग इतनी जुर्म क्यों सहते हैं आप लोगों को अपने हक के लिए लड़ना चाहिए क्या आपका मन नहीं करता कि आपकी बेटी पढ़ी-लिखी वह अपनी मर्जी से जीए उसने जो सपना देखा है उसे पूरा करने का आप लोगों का हक नहीं बनता आखिर कब तक आप लोग यह सब कुछ सहते रहेंगे आप लोगों के साथ जो कुछ हो रहा है क्या इसमें आप लोगों की मर्जी है दिव्या की मां रोशनी से कहती है आप कुछ दिनों के लिए यहां आई हैं यह गांव देखने के वास्ते यह गांव देखिए और आनंद लीजिए आप हम लोगों के मामलों में ना पड़े हम लोगों की जो स्थिति है वह कभी बदलने वाली नहीं है इसके पहले भी कुछ लोगों ने बहुत कोशिश की लेकिन कुछ नहीं हुआ हम लोग कुछ नहीं कर सकते जो है इसी में हमें खुश रहना ही होगा वैसे ठीक ही तो है हम औरतों का काम सिर्फ चूल्हा चौका ही तो इस गांव की कोई भी औरत इससे ज्यादा कुछ नहीं करती और कोई भी लड़की नहीं पड़ती शहर जाकर पढ़ने की बात तो बहुत दूर की है यह हमारे हैसियत से बहुत ऊपर की बात है रोशनी हिम्मत जुटा कर दिव्या के पिताजी से दिव्या के लिए बात करती है दिव्या के पिताजी आगबबूला हो गए वह कहते हैं तुम होती कौन हो हमारी लड़की के बारे में सोचने वाली क्या हम अपनी बेटी के दुश्मन है हम उसका अच्छा भला नहीं सोच पाते हैं हमारी परंपरा को तुम तोड़ने की सोच रही हो हमारे गांव की औरतों को तुम भड़का रही हो और तो और इस गांव की लड़कियों को तुम शहर भिजवा कर पढ़ने की बात कर रही हूं हम लोग लिहाजा करके तुम्हें यहां रहने के लिए किराए का कमरा दिए लगा कि तुम हमारे मेहमान हो लेकिन तुम तो इस गांव की एक सदस्य पर सदस्यों को मामले में हस्तक्षेप करने लगी तुम अपने हद और औकात दोनों से बहुत आगे बढ़ रही हो हमारे गुस्से की सीमा क्रॉस हो उससे पहले तुम यहां से चली जाओ नहीं तो तुम इस गांव की सारी औरतों को बर्बाद कर दोगे अपना बुरिया बिस्तर उठाओ सारे बच्चों को लो और यहां से अभी के अभी चली जाओ रोशनी कहती है देखिए भाई साहब आप ठंडे दिमाग से सोचिए फिर जो कहेंगे उस पर हम सोचेंगे इस गांव की औरते  जागरूक होगी लड़कियां शहर जाकर पड़ेगी गांव का विकास होगा जरा सोचिए कितना अच्छा होगा अगर ऐसा होता है तो आप लोगों का नाम सम्मान बढ़ेगा अगर दिव्या सहर के पढ़ना चाहती है तो उसे पढ़ने दीजिए इसमें हर्ज किस बात की है दिव्या के पिताजी को इस बात से और गुस्सा आता है और वह गांव के लोगों को भी बुला लेते हैं गांव के लोग आते हैं रोशनी पर खूब चिल्लाते हैं और कहते हैं तुम यहां से अभी के अभी चली जाओ कुछ छात्र भी वहां आते हैं पूछते हैं रोशनी दीदी आप  पर इस तरह क्यों चिल्ला रहे हैं रोशनी कहती है आप लोग अभी शांत रहिए हम लोग कल सुबह यहां से चला जाएगा अगली सुबह रोशनी वहां से जाने का फैसला करती है लेकिन नृत्य कॉलेज की बच्चे वहां से नहीं जाना चाहते हैं वह अभी भी गांव देखना चाहते हैं और वह बार-बार आग्रह करते हैं दीदी कुछ दिन और रुक जाते हैं ना लेकिन रोशनी कहती है नहीं कल हम लोग को यहां से जाना चाहिए और हमें जाना ही होगा
 क्रमश
मीनू द्विवेदी वैदेही

मीनू द्विवेदी वैदेही

बहुत सुंदर लिखा है आपने 👌 आप मुझे फालो करके मेरी कहानी पर अपनी समीक्षा जरूर दें 🙏

3 सितम्बर 2023

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रचनाएँ
रौशनी इक बहादुर लड़की
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यह कहानी पुरी तरह काल्पनिक है अगर यह कहानी किसी व्यक्ति विशेष जाती समुदाय से मिलती है तो यह मात्र एक संयोग होगा मुझे विश्वास है कि यह कहानी आप लोगों Pको उतनी ही पसंद आएगी जितनी की बाकी की कहानियां पसंद आती है यह कहानी है एक लड़की की जो मध्यम वर्गी परिवार से संबंधित है बचपन में ही उसके पिता को अपाहिज हो जाने के कारण पूरे घर की जिम्मेदारी उसके कंधों के आ जाती है और वह अपनी सूझबूझ से और कठिन परिश्रम करके अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करती है
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16 अगस्त 2023
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हमेशा हंसती मुस्कुराती मासूम सी बड़ी चंचल एक प्यारी लड़की जिसका नाम है रोशनी कपड़े की दुकान में काम करती है महीने का 9000 तनख्वाह मिलता है और बड़ी ईमानदारी से वह अपने काम को करती है इस तनख्वाह के साथ

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रोशनी इक बहादुर लड़की ।भाग 2 ‌।

21 अगस्त 2023
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अतः रोशनी बहुत उदास होती है लेकिन वह कहती है कि मेरे परिवार वाले एक दिन मुझसे जरूर मिलेंगे मैं उन्हें ढूंढ लूंगी कहीं भी हो मैं उन्हें जरूर ढूंढ दूंगी केशव चाचा भी कहते हैं हिम्मत रखो रोशनी

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रोशनी एक बहादुर लड़की ।भाग 3।

21 अगस्त 2023
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रोशनी को इस बात की खुशी है कि उसके परिवार वाले मिल गए लेकिन इस बात का इतना ही दुख है कि रिंकी की यह हालत है और आलोक कभी घर नहीं लौटा वह अपने परिवार वालों से मिलने का निश्चय करती है और कहती है रिंकी तू

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रोशनी इक बहादुर लड़की । भाग 4 ।

24 अगस्त 2023
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रोशनी की मां भावुक हो जाती है रोशनी की आंखों में भी खुशी के आंसू आ जाते हैं सुमन रोशनी को गले से लगा लेती है रोशनी बचपन से ही सुमन के गले लगे को तड़प रही होती है यह सब देखकर

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रोशनी इक बहादुर लड़की ।भाग 5।

24 अगस्त 2023
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ढूंढते ढूंढते रोशनी एक दिन अहमदाबाद पहुंच जाती है अहमदाबाद की एक स्टील कंपनी में उसका भाई काम कर रहा होता है अब वह अपने भाई आलोक को देखती हैं और दौड़ते दौड़ते उसके पास जाती है पूछती है भाई तू कैस

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रोशनी इक बहादुर लड़की ।भाग 6।

25 अगस्त 2023
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बड़े दिनों बाद मोहनदास और सुमन के घर में खुशियां आई है लेकिन इस खुशी के मौके पर भी मोहनदास पुरी तरीके से खुश नहीं है क्योंकि वह जानते हैं रोशनी स्वाभिमानी लड़की है जैसे ही घर की हालात में सुधार आ

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रोशनी इक बहादुर लड़की भाग 7

25 अगस्त 2023
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रोशनी जब साम को घर आती है और वहां रिंकी को न देख मां से पुछती है मां रिंकी कहा है मा कहती है रिंकी अपने घर गरी है रोशनी पुछती है मां आपने उसे रोका नहीं आपको उसे रोकना चाहिए था मां वह मुसिबत

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रोशनी बहादुर लड़की। भाग 8।

26 अगस्त 2023
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तभी अचानक नृत्य कॉलेज से फोन आता है कल्पना घबराई हुई आवाज में रोशनी तुम कहां हो तुम जल्दी से कॉलेज आ जाओ यहां एक बड़ी दुर्घटना हो गई है सड़क दुर्घटना में पल्लवी की आंखें चली गई है उसे हमने अस्पता

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रोशनी इक बहादुर लड़की ।भाग 9।

26 अगस्त 2023
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कल्पना और सभी छात्रों के लिए गौरव की बात होती है सब बहुत खुश होते हैं सबसे बड़ी बात रोशनी कोमा से बाहर आ गई होती है और दूसरी बड़ी बात कॉलेज जीत चुका होता है सब खुश होते हैं चाची बहुत ज्यादा खुश होती ह

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रोशनी इक बहादुर लड़की ।भाग 10।

27 अगस्त 2023
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परी बिल्कुल रोशनी पर गई थी अब ज्यादातर समय रोशनी का परी के साथ बितने लगा परी को पकड़ रोशनी बहुत खुश थी रोशनी को नहलाना खिलाना उसके साथ खुद खेलने घर की सारी कम और नृत्य कॉलेज सब रोशनी बहुत अच्छे से संभ

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रोशनी इक बहादुर लड़की ।भाग 11।

28 अगस्त 2023
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अगले दिन सुबह होते ही परी सबसे पहले उठ कर दैनिक किरिया कलाप कर मेला जाने के लिए तैयार हो गई वह दादी के पास जाती है उन्हें उनके कपड़े तो कभी चप्पल देते हुए कहती हैं आप लोग कितने धिरे काम करते हो

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रोशनी इक बहादुर लड़की भाग। 12।

29 अगस्त 2023
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इधर परी भी कुछ दिन रोती बिलखती है अपने घर जाने के लिए लेकिन धिरे धिरे वह अपने घर वालों को भुलाने लगती है उस दस साल के बच्चे ने हर सम्भव प्रयास किया परी को उसके घर वाले से मिलाने में ललेकिन अब व ह

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रोशनी एक बहादुर लड़की। । भाग 13।

29 अगस्त 2023
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रोशनी हर दिन की भांति आज भी घर का पूरा काम करके अपने परी को ढूंढने इस मेले वाले स्थान पर जाती है और जाते वक्त उसने रास्ते में एक औरत को देखा वह औरत रेल की पटरी पर खड़ी थी रेल की पटरी पर खड़े होकर वह अ

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रोशनी इक बहादुर लड़की ।भाग 14।

3 सितम्बर 2023
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रोशनी नृत्य कॉलेज के कुछ बच्चों के साथ घुमने के लिए इक गांव में जाती है सारे बच्चे बड़े उत्सुकता से ग्रामीण क्षेत्रों को देख रहे थे क्योंकि नृत्य कॉलेज शहर में स्थित था तो ज्यादातर बच्चे शहर के ही थे

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रोशनी एक बहादुर लड़की ।भाग 15।

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रात होती है पूरे बच्चे सो रहे होते हैं और सोते वक्त ही सोचते हैं रोशनी दीदी ने कहा था पूरे गांव को अच्छी तरीके से दिखाएंगे अभी तो हम लोग कल के ही आए हैं लेकिन आज वह जाने की बात कर रही थी आखिर ऐसा क्यो

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रोशनी एक बहादुर लड़की ।भाग 16।

4 सितम्बर 2023
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दिव्या की मां जिनका नाम मंजरी है मंजरी और रोशनी दोनों मिलकर गांव की औरतों की स्थिति सुधारने के लिए पहला कदम बढ़ा देती है यह देखकर दिव्या और बाकी बच्चे काफी खुश होते हैं अब दिव्या को पूरी तरीके से विश्

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रोशनी इक बहादुर लड़की ।भाग 17।

4 सितम्बर 2023
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सरपंच हर पल कोई न कोई परेशानी रोशनी के लिए खड़ा करता ही रहता है लेकिन हर बार रोशनी अपनी बहादुरी से हर समस्या का समाधान निकाल कर बड़ी होशियारी से वह इस लड़ाई को जारी रखती है रोशनी खुल्लम-खुल्ला सरपंच क

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5 सितम्बर 2023
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अब दिव्या अपने गांव से बहुत दूर शहर आ चुकी है रोशनी के साथ रोशनी की नृत्य कॉलेज में उसका दाखिला हो जाता है वह पूरी दिलो जान से नृत्य सीखने लगती है रोशनी उसका बहुत ख्याल रखती है वह भी रोशनी से बहुत प्य

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रोशनी एक बहादुर लड़की ।भाग 19।

5 सितम्बर 2023
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परी की बर्थडे के बाद रोशनी अखबार में एक खबर छपवाती है इस खबर में लिखा होता है गरीब बच्चों को निशुल्क केशव नृत्य कॉलेज में नृत्य सिखाया जाएगा यह खबर परी भी पढती है जब शाम को उसका भाई संघर्ष घर आता है त

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रोशनी इक बहादुर लड़की ।भाग 20।

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घर जाती है और अपने पर्स में अपनी परी की तस्वीर नहीं पाती है तो वह बेचैन हो जाती है वह पूरे घर में ढुढती है पर वह तस्वीर कहीं नहीं मिलती है तो वह प्रमोद से पुछती है क्या आपने मेरे पर्स से परी की तस्वीर

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रोशनी एक बहादुर लड़की । भाग 21।

6 सितम्बर 2023
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परी रोशनी का फोन लेकर अपनी संघर्ष भैया से बात करती है कहती है भैया आपको पता है इस कॉलेज की टीचर बहुत अच्छी है उन्होंने मुझे घूमने के लिए बाजार ले आई है मेरे लिए ढेर सारे खिलौने खरीदी मेरे लिए नए

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रोशनी इक बहादुर लड़की ।भाग 22।

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कई दिनों से कॉलेज में परी को ना देख रोशनी उससे मिलने उनके घर जाती है लेकिन जब रोशनी परी के घर जाती है तो परी रोशनी से बात ही नहीं करती है परी कहती है मेरे भैया ने आपसे बात करने के लिए मना किया है इसलि

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