एक बड़े साहित्यकार कृष्ण कुमार के जयंती के अवसर पर वह जीवित मिल जाते हैं ,पर विछिप्त अवस्था में ,और मिलने के कुछ ही क्षण बाद ही उनकी मृत्यु भी हो जाती है ,
मैं दिनेश दुबे, मुंबई में रहता हूं। बचपन से कहानियां पढ़ने और लिखने का शौक था और आगे चल कर फिल्म लाइन में काम करने लगा। मैंने काफी एड फिल्म लिखी और डायरेक्ट की हैं। इसके अलावा कई कहानियां और स्क्रिप्ट पहले भी लिखी है। कुछ डिजिटल प्लेटफार्म पर कहानिया