फेसबुक के 'मजेदार ऐप्स' आपको बना रहे हैं उल्लू, जानिए खेल
आपको पता भी नहीं चलता और आप फेसबुक फूल साबित हो जाते हैं। जानिए कैसे फेसबुक आपको झांसा दे रहा है?
(1) ये लुभावने ऐप्स आपको गुदगुदाते जरूर होंगे लेकिन ये सिर्फ गुदगुदाने का काम नहीं करते। इनका एक छिपा मकसद है....
(2) आप को कौन कितना प्यार करता है? कितने लड़के/लड़कियां आप पे मरते हैं? आप कितने सेक्सी हैं? इन ऐप्स पर क्लिक करते ही आप हो रहे हैं एक साजिश का शिकार।
(3) आप को कौन कितना प्यार करता है? कितने लड़के/लड़कियां आप पे मरते हैं? आप कितने सेक्सी हैं? इन ऐप्स पर क्लिक करते ही आप हो रहे हैं एक साजिश का शिकार।
(4) ऐसा करके आप दरअसल अपनी ही फैमिली की निजी जानकारी फेसबुक को सौंप रहे हैं जिसे वो किसी दूसरे को सौंपने जा रहा है।
(5) फेसबुक फन ऐप्स के जरिए बे सिर-पैर की बातें करके आपको आकर्षित करता है और आप मजे लेने के लिए अपनी निजी जानकारी फेसबुक को सौंप देते हैं।
(6) इन ऐप्स के जरिए मिली आपकी निजी तस्वीरों और जानकारियों को फेसबुक अपने मुनाफे लिए इस्तेमाल कर लेता है और आपको भनक तक नहीं होती।
(7) आपकी तस्वीरों, पोस्ट और निजी पोस्ट के साथ साथ फेसबुक आपकी सर्च हिस्टरी को भी खंगाल रहा है। ताकि वो तय कर सके कि आपके पेज पर कौन से और कैसे एड लगाए जाएं।
(8) देखा जाए तो आपकी जानकारी बेचकर फेसबुक मालामाल हो रहा है।
(9) द गार्जियन की खबर के अनुसार एडवरटाइजिंग रेवेन्यू के तौर पर फेसबुक आपसे हर साल औसतन 12.76 डॉलर यानी करीब 844 रुपए कमा रहा है।
(10) 2017 तक ये आंकडा बढ़कर 17.5 डॉलर यानी करीब 1157 रुपए हो जाएगा।
(11) मार्केट रिसर्च वेबसाइट ईमार्केटर की रिसर्च के अनुसार अगर आप फेसबुक यूजर नहीं हैं तो आप ट्विटर के लिए कमा रहे होंगे
(12) प्रचार कंपनियां सोशल नेटवर्क पर अपने प्रोडक्ट बेचने के लिए अच्छी-खासी रकम चुकाती हैं।
(13) प्रचार कंपनियों से मिली रकम के बदले में सोशल नेटवर्क कंपनियां हर वो मुमकिन कोशिश करती हैं जिससे यूजर को आकर्षित कर सकें।
(14) फेसबुक या ट्विटर पर पहली नजर में आपको लगेगा कि प्रचार के लिए अब कोई जगह नहीं है लेकिन फेसबुक और ट्विटर हमेशा कहीं न कहीं स्पेस बना ही लेते हैं।
(15) बेशक, फेसबुक या ट्विटर आपको प्रचार से कमाए हुए धन का एक भी पैसा नहीं देते हैं। लेकिन कुछ लोगों ने मांग की है कि इन कंपनियों के मुनाफे पर आपका भी हक बनता है।
(16) एक संगीतकार और इंटरनेट थिओरिस्ट जैरोन लीनियर ने कहा है कि गूगल और फेसबुक को हमें मुआवजा देना चाहिए।