जब स्वयं को सहयोग चाहिए होता है तो हम सहयोग पाने के लिए तत्पर रहते हैं और किसी न किसी प्रकार पा लेते हैं। जब दूजा सहयोग मांगता है तो हम कन्नी काटते हैं। हमें सीधी सी बात यह समझ नहीं आती है कि सहयोग देने वाले को ही सहयोग मिलता है।
18 जून 2016
जब स्वयं को सहयोग चाहिए होता है तो हम सहयोग पाने के लिए तत्पर रहते हैं और किसी न किसी प्रकार पा लेते हैं। जब दूजा सहयोग मांगता है तो हम कन्नी काटते हैं। हमें सीधी सी बात यह समझ नहीं आती है कि सहयोग देने वाले को ही सहयोग मिलता है।
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