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अपना वजूद भुला कर....ना जाने कितनी रिवायतें निभाती है...सलाम हर उस औरत को....जो घर को स्वर्ग बनाती है....!
माँ से बड़ा कोई अलार्म नहीँ दुनियाँ में....७ बजे उठाने का कहो तो ६ बजे उठा के कहती है ८ बज गये...!
अनपढ़ नही हूँ साहब"हिंदी" में लिखना उतना ही अच्छा लगता हैजितना "माँ के हाथों का खाना"हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं