आज कुटिया पधारे जो श्रीराम जी, देख शबरी कि आँखे सजल हो गयीं।राह में फूल नित जो सजाती रही, साधना आज उसकी सफल हो गयी।।रूप सुन्दर मनोहर धनुष हाथ में, और हैं साथ में भ्रात उनके लखन।राम ने जब कुटी में किया आगमन, देखते ही प्रफुल्लित हुआ आज मन।।प्रेम से दौड़ शबरी मिली राम से, आज कठनाइयाँ सब सरल हो गयी।राह म