मैं शब्द रूचि उन बातों की जो भूले सदा ही मन मोले-2
अँगड़ाई हूँ मैं उस पथ का जो चले गए हो पर शोले-2
हर बूँदो को हर प्यासे तक पहुँचाने का आधार हूँ मैं-2
मैं बड़ी रात उन आँखो का जो जागे हो बिना खोलें-2
जो कभी नहीं बोला खुल कर वो आशिक़ की जवानी हूँ।-2
मीरा की पीर बिना बाँटे राधा के श्याम सुहाने हैं।-2