-----------------शहंशाह आलम मैं बेहतर ढंग से रच सकता था प्रेम-प्रसंग तुम्हारे लिए ज़्यादा फ़ायदा था इसमें और ज़्यादा मज़ा भी लेकिन मैंने तैयार किया अपने-आपको अपने ही गान का गला घोंट देने के लिए… # मायकोव्स्की मायकोव्स्की को ऐसा अतिशय भावुकता में अथवा अपने विचारों को अतिशयीक