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शिव खरे "रवि" के बारे में

मैं जबलपुर ( म. प्र. ) से हूं। बी. एस. सी. एप्लाईड मेथ्स और सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा हूं। वर्तमान में एकाउंट और टेक्स कंसल्टेंट हूं। सकारात्मक सोच रखता हूं और सकारात्मक सोच वालों का साथ बहुत पसंद है। नकारात्मकता से कोसों दूर रहता हूं। अच्छी रचनाओं का सतत पाठक हूं और अच्छे लेखन में प्रयासरत लेखक हूं।

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पुरस्कार और सम्मान

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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-01-24
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2021-10-23

शिव खरे "रवि" की पुस्तकें

मेरी डायरी

मेरी डायरी

मेरे आस-पास होने वाली घटनाओं और मेरे दिल की बातें ही मेरी डायरी है।

39 पाठक
14 रचनाएँ

निःशुल्क

मेरी डायरी

मेरी डायरी

मेरे आस-पास होने वाली घटनाओं और मेरे दिल की बातें ही मेरी डायरी है।

39 पाठक
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इंतक़ाम

इंतक़ाम

एक साधारण बैंक मैनेजर, जो एक पुरसुकून जिंदगी जी रहा था, कुछ लोगों के धोखे के कारण उसकी जिंदगी तहस नहस हो गई। उसने भी तय कर लिया कि जिन लोगों की वज़ह से उसकी हंसती खेलती जिंदगी नासूर बन गई थी उन सबको अपने हाथों से सज़ा देकर इंतक़ाम लेगा। उसके इंतक़ाम

24 पाठक
22 रचनाएँ
8 लोगों ने खरीदा

ईबुक:

₹ 11/-

इंतक़ाम

इंतक़ाम

एक साधारण बैंक मैनेजर, जो एक पुरसुकून जिंदगी जी रहा था, कुछ लोगों के धोखे के कारण उसकी जिंदगी तहस नहस हो गई। उसने भी तय कर लिया कि जिन लोगों की वज़ह से उसकी हंसती खेलती जिंदगी नासूर बन गई थी उन सबको अपने हाथों से सज़ा देकर इंतक़ाम लेगा। उसके इंतक़ाम

24 पाठक
22 रचनाएँ
8 लोगों ने खरीदा

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₹ 11/-

तलाश

तलाश

एक लड़की, जो बचपन में जिस लड़के के साथ खेलते बड़ी हुई और अपनी मोहब्बत का इज़हार करने से पहले ही उस लड़के के अचानक चले जाने के बाद उसकी तलाश में उसके जैसी समानताओं वाले मर्दों द्वारा बार-बार छली गई। उसकी इस तलाश भरी भटकन की कहानी जो तब पूरी हुई जब उसक

निःशुल्क

तलाश

तलाश

एक लड़की, जो बचपन में जिस लड़के के साथ खेलते बड़ी हुई और अपनी मोहब्बत का इज़हार करने से पहले ही उस लड़के के अचानक चले जाने के बाद उसकी तलाश में उसके जैसी समानताओं वाले मर्दों द्वारा बार-बार छली गई। उसकी इस तलाश भरी भटकन की कहानी जो तब पूरी हुई जब उसक

निःशुल्क

हॉरर स्टोरीज़

हॉरर स्टोरीज़

मेरे द्वारा लिखी गई हॉरर स्टोरीज़ का संकलन।

निःशुल्क

हॉरर स्टोरीज़

हॉरर स्टोरीज़

मेरे द्वारा लिखी गई हॉरर स्टोरीज़ का संकलन।

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हास्य-व्यंग्य

हास्य-व्यंग्य

हास्य-व्यंग्य पर आधारित लिखे मेरे प्रसंग

निःशुल्क

हास्य-व्यंग्य

हास्य-व्यंग्य

हास्य-व्यंग्य पर आधारित लिखे मेरे प्रसंग

निःशुल्क

अनु-विजय - इश्क़ बाकी है

अनु-विजय - इश्क़ बाकी है

मेरे एक करीबी दोस्त द्वारा सुनाई गई अवनी और विजय की बेमिसाल प्रेम कहानी जिसमें प्रेम के सारे रंग हैं। दो कॉलेज में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स कब बहुत करीब आ गए उन्हें खुद पता नहीं चला। दोनों ने टूटकर एक दूसरे से प्यार किया। एक साधारण भोलेभाले व्यक्तित्व व

5 पाठक
4 रचनाएँ
0 लोगों ने खरीदा

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₹ 42/-

अनु-विजय - इश्क़ बाकी है

अनु-विजय - इश्क़ बाकी है

मेरे एक करीबी दोस्त द्वारा सुनाई गई अवनी और विजय की बेमिसाल प्रेम कहानी जिसमें प्रेम के सारे रंग हैं। दो कॉलेज में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स कब बहुत करीब आ गए उन्हें खुद पता नहीं चला। दोनों ने टूटकर एक दूसरे से प्यार किया। एक साधारण भोलेभाले व्यक्तित्व व

5 पाठक
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सीख देते प्रसंग

सीख देते प्रसंग

यहां कुछ ऐसे प्रसंग साझा करने की कोशिश कर रहा हूं जो जीवन में बड़ी बड़ी सीख दे जाते हैं और जीवन बदल सकते हैं।

निःशुल्क

सीख देते प्रसंग

सीख देते प्रसंग

यहां कुछ ऐसे प्रसंग साझा करने की कोशिश कर रहा हूं जो जीवन में बड़ी बड़ी सीख दे जाते हैं और जीवन बदल सकते हैं।

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शिव खरे "रवि" के लेख

इंतक़ाम भाग - 22

21 मई 2022
0
1

अजय ने जैसे ही साहिल के हाथ में रिवाल्वर देखी उसके हाथ से छूटकर गिलास और बॉटल दोनों जमीन पर गिरकर चकनाचूर हो गये। उसके चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगीं। वो तेजी से रेस्टरूम वाले दरवाजे की तरफ़ भागा लेकिन व

इंतक़ाम - भाग - 21

19 मई 2022
0
2

साहिल को जब होश आया तो उसका सर दर्द से फटा जा रहा था। उसने अपने सर को छूने के लिए हाथ उठाना चाहा तो उसका हाथ नहीं उठा। उसने देखा कि उसके हाथ एक लोहे की कुर्सी के हेंडल से बंधे हुए थे। उसने दर्द को जब्

इंतक़ाम भाग - 20

6 मार्च 2022
0
0

शाम को नान्टा घर पहुंचा तो साहिल घर पर ही था।" आओ नान्टा ! अजय के बारे में कुछ पता चला ? " साहिल ने नान्टा के बैठने के बाद पूंछा।" हां गुरु ! बहुत कुछ। " नान्टा ने उत्साहित स्वर में कहा।" तो फिर शुरू

इंतक़ाम भाग - 19

6 मार्च 2022
0
0

अगले दिन साहिल ने जो पहला काम किया वो वहां से नान्टा के मकान में शिफ्ट होने का था।विजयनगर शहर का एक पॉश इलाका था। नान्टा का मकान मेन रोड से अंदर जाती गली में एक ड्यूप्लैक्स था। साहिल को वो मकान पसंद आ

इंतक़ाम भाग - 18

6 मार्च 2022
0
0

साहिल ने नान्टा को बताना शुरू किया," तुझे याद है न जो अभी एक कंपनी के तीन पार्टनर्स का मर्डर हुआ है ? "" हां गुरु ! बहुत हल्ला मचा है उसका ! " नान्टा ने सशंकित स्वर में कहा।" उन तीनों को मैंने ही मारा

इंतक़ाम भाग -17

6 मार्च 2022
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0

मुन्ना को पलटते देखकर साहिल ने फौरन अपना रिवाल्वर वाला हाथ पीछे छुपा लिया।" कौन है बे तू ? " मुन्ना ने नशे में थरथराती आवाज़ में गुर्राकर पूंछा।" भाई आपसे कुछ बात करना थी। " साहिल ने शांत स्वर में कहा

इंतक़ाम भाग - 16

6 मार्च 2022
0
0

नान्टा आज जब साहिल से मिलने आया तो वो बुझा बुझा सा लग रहा था। वो चुपचाप आकर एक कुर्सी पर बैठ गया। आज वो हमेशा की तरह चहक नहीं रहा था।" क्या बात है नान्टा ? आज बहुत दुखी लग रहा है ? क्या हुआ ? " साहिल

दिल की जीत

6 मार्च 2022
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0

अवनी ने मना तो कर दिया लेकिन पूरे दिन कॉलेज में उसको विजय का इज़हार करना याद आता रहा।शाम को घर पहुंचने पर उसकी बेचैनी और बढ़ गई। उसकी आंखों के सामने उसका पीछा करना, घर के चक्कर लगाना, कॉलेज के गेट पर

इज़हार, इनकार फिर इकरार

26 फरवरी 2022
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विजय की शिद्दत से अवनी के दिल में भी प्यार का अंकुर फूटने लगा था। विजय का उसको देखना उसे भाने लगा था। जिस दिन विजय नहीं दिखता था उस दिन अवनी बेचैन हो जाती थी और रेखा से घुमाफिरा कर विजय के बारे में पू

पहली मुलाकात

23 फरवरी 2022
1
2

" अवनी ! अवनी ! रुक ! मेरी बात सुन तो ले ! " रेखा ने पलटकर जाती हुई अवनी के पीछे जाते हुए जिद भरे स्वर में कहा।" मुझे नहीं सुननी तेरी ये फालतू की बात। " अवनी ने चलते हुए बिना मुड़े जवाब दिया।रेखा अवनी

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